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बुनकर की सुध लेने आयी केंद्र सरकार, कहा- हस्तकरघा क्षेत्र के लिए आधुनिक तकनीक व बाजार जरूरी - 10th Handloom Day

Program for handloom development. केंद्र सरकार के कपड़ा मंत्रालय ने गोड्डा के बुनकर की सुध ली. कपड़ा मंत्रालय के रांची केंद्र के सहायक निदेशक ने कहा कि खेती के बाद सर्वाधिक हस्तकरघा क्षेत्र इसके लिए आधुनिक तकनीक व बाजार जरूरी है. गोड्डा से आरम्भ कर सभी जिला के बुनकरों के बीच केंद्रीय टीम जाएगी.

Assistant Director of Ranchi Centre of Union Textiles Ministry met weavers of Godda
हथकरघा विकास कार्यक्रम (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 6, 2024, 11:05 PM IST

गोड्डाः भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय सह बुनकर सेवा केंद्र द्वारा गोड्डा कॉलेज में हस्तकरघा विकास, स्थानीय और विश्व बाजार में बढ़ावा देने को लेकर मंथन किया जा रहा है. इसी कड़ी में वस्त्र मंत्रालय द्वारा बुनकरों को बुनाई, रंगाई, छपाई और अन्य आधुनिक तकनीक से लैस करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया गया. हथकरघा के बुनकरों और इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को तकनीकी सहायता प्रदान करना एवं रोजगार उपलब्ध सहायता देना है.

जानकारी देते बुनकर सेवा केंद्र के सहायक निदेशक और छात्र-छात्रा (ETV Bharat)

भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय के रांची केंद्र के बुनकर सेवा केंद्र के सहायक निदेशक सुरेश खंडारे ने बताया कि बुनकरों को समर्थ बनाने, उनके कौशल उन्नयन करने एवं डिजाइन विकसित करने तकनीकों को बढ़ाने के अवसर पैदा किया जा रहे हैं. केंद्र सरकार बुनकर बैकग्राउंड से जुड़े विद्यार्थियों को डिजाइन बनाना, प्रिंटिंग करना एवं नई टेक्नोलॉजी के बारे में बताना आदि विकसित करना चाहती है. भारत सरकार से युवा बुनकर एवं हस्तशिल्प के क्षेत्र में सहायता लेकर आगे बढ़ सकते हैं. इन सभी चीजों पर भारत सरकार का मंत्रालय ध्यान दे रहा है.

सुरेश खंडारे ने बताया कि हथकरघा के उत्थान के लिए भारत सरकार कई तरह की प्रदर्शनियां, कार्यशालाएं और सेमिनार का आयोजन करती है. वैसे छात्र जो टेक्सटाइल में डिप्लोमा हैं या इंजीनियरिंग किए हुए हैं उन्हें इस व्यवसाय से जोड़कर रोजगार उपलब्ध कराना, निर्यातक बनाना आदि हमारे उद्देश्य हैं. भारत सरकार द्वारा कई स्थान पर नियमित पाठ्यक्रम भी चलाए जाते हैं. जिसमें 4 महीने का अल्पकालिक प्रशिक्षण दिया जाता है. हथकरघा प्रशिक्षित लोगों के लिए दिल्ली हाट,सूरजकुंड मेला,कई महोत्सव, कई मेले आदि में भेजने की व्यवस्था की जाती है.

भारत सरकार के बुनकर सेवा केंद्र रांची की विभिन्न गतिविधियों में हथकरघा संवर्धन सहायता योजना, कच्चा माल आपूर्ति योजना, बुनकर कल्याण योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, रियायती ऋण प्रदान करना, बुनकर मुद्रा ऋण योजना, समर्थ योजना,इंडिया हैंडलूम ब्रांड आदि शामिल हैं. साथ ही बताया कि बुनकरों के उत्पादों को उचित दर पर बेचने के लिए ऑनलाइन विपणन पोर्टल भी बनाया गया है जिसके माध्यम से बुनकर घर बैठे अपने उत्पादों को बेच सकते हैं. कोई भी बुनकर या बुनकर के परिवार वाले 'बुनकर मित्र हेल्पलाइन नंबर' या फिर भारत सरकार के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं. झारखंड राज्य में भारत सरकार के टेक्सटाइल मिनिस्ट्री द्वारा गोड्डा पहला जिला है जहां इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. ऐसे कार्यक्रम अन्य स्थानों एवं जिलों पर भी आयोजित किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- झारखंड के कारीगर, बुनकर और शिल्पकार भरेंगे तरक्की की उड़ान, जियोमार्ट से JASCOLAMPF और JHARCRAFT ने मिलाया हाथ - JIOMART WILL SUPPORT ARTISAN

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गोड्डाः भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय सह बुनकर सेवा केंद्र द्वारा गोड्डा कॉलेज में हस्तकरघा विकास, स्थानीय और विश्व बाजार में बढ़ावा देने को लेकर मंथन किया जा रहा है. इसी कड़ी में वस्त्र मंत्रालय द्वारा बुनकरों को बुनाई, रंगाई, छपाई और अन्य आधुनिक तकनीक से लैस करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया गया. हथकरघा के बुनकरों और इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को तकनीकी सहायता प्रदान करना एवं रोजगार उपलब्ध सहायता देना है.

जानकारी देते बुनकर सेवा केंद्र के सहायक निदेशक और छात्र-छात्रा (ETV Bharat)

भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय के रांची केंद्र के बुनकर सेवा केंद्र के सहायक निदेशक सुरेश खंडारे ने बताया कि बुनकरों को समर्थ बनाने, उनके कौशल उन्नयन करने एवं डिजाइन विकसित करने तकनीकों को बढ़ाने के अवसर पैदा किया जा रहे हैं. केंद्र सरकार बुनकर बैकग्राउंड से जुड़े विद्यार्थियों को डिजाइन बनाना, प्रिंटिंग करना एवं नई टेक्नोलॉजी के बारे में बताना आदि विकसित करना चाहती है. भारत सरकार से युवा बुनकर एवं हस्तशिल्प के क्षेत्र में सहायता लेकर आगे बढ़ सकते हैं. इन सभी चीजों पर भारत सरकार का मंत्रालय ध्यान दे रहा है.

सुरेश खंडारे ने बताया कि हथकरघा के उत्थान के लिए भारत सरकार कई तरह की प्रदर्शनियां, कार्यशालाएं और सेमिनार का आयोजन करती है. वैसे छात्र जो टेक्सटाइल में डिप्लोमा हैं या इंजीनियरिंग किए हुए हैं उन्हें इस व्यवसाय से जोड़कर रोजगार उपलब्ध कराना, निर्यातक बनाना आदि हमारे उद्देश्य हैं. भारत सरकार द्वारा कई स्थान पर नियमित पाठ्यक्रम भी चलाए जाते हैं. जिसमें 4 महीने का अल्पकालिक प्रशिक्षण दिया जाता है. हथकरघा प्रशिक्षित लोगों के लिए दिल्ली हाट,सूरजकुंड मेला,कई महोत्सव, कई मेले आदि में भेजने की व्यवस्था की जाती है.

भारत सरकार के बुनकर सेवा केंद्र रांची की विभिन्न गतिविधियों में हथकरघा संवर्धन सहायता योजना, कच्चा माल आपूर्ति योजना, बुनकर कल्याण योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, रियायती ऋण प्रदान करना, बुनकर मुद्रा ऋण योजना, समर्थ योजना,इंडिया हैंडलूम ब्रांड आदि शामिल हैं. साथ ही बताया कि बुनकरों के उत्पादों को उचित दर पर बेचने के लिए ऑनलाइन विपणन पोर्टल भी बनाया गया है जिसके माध्यम से बुनकर घर बैठे अपने उत्पादों को बेच सकते हैं. कोई भी बुनकर या बुनकर के परिवार वाले 'बुनकर मित्र हेल्पलाइन नंबर' या फिर भारत सरकार के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं. झारखंड राज्य में भारत सरकार के टेक्सटाइल मिनिस्ट्री द्वारा गोड्डा पहला जिला है जहां इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. ऐसे कार्यक्रम अन्य स्थानों एवं जिलों पर भी आयोजित किया जाएगा.

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