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जेम पोर्टल से अब होगी सरकारी विभागों में सामानों की खरीदी, भ्रष्टाचार रोकने के लिए कैबिनेट का अहम फैसला - GeM portal

procurement of goods in government departments छत्तीसगढ़ के उद्योग मंत्री और कोरबा विधायक लखन लाल देवांगन के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में मुहर लग गई है. अब सभी सरकारी विभागों में होने वाली खरीदी सिर्फ जेम पोर्टल से होगी. इसके लिए प्रदेश के 1687 वेंडर्स के आरसी निरस्त होंगे.GeM portal in chhattisgarh

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जेम पोर्टल से अब होगी सरकारी विभागों में सामानों की खरीदी (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 11, 2024, 6:08 PM IST

कोरबा : छत्तीसगढ़ में अब सभी विभागों में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों के लिए जेम पोर्टल को अधिकृत किया गया है. छत्तीसगढ़ शासन भण्डार क्रय नियम 2002 के (यथा संशोधित 2022) में संशोधन प्रारूप का अनुमोदन किया गया है. राज्य शासन के सभी विभाग आवश्यकतानुसार सामग्री, वस्तुओं और सेवाओं जिनकी दरें और विशिष्टियां भारत सरकार के डीजीएसएण्डडी की जेम वेबसाइट में उपलब्ध और नियमावली के तहत निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए ही खरीदी कर करेंगे.


जेम से कितनी की होगी खरीदी : सरकारी विभागों में किसी तरह की सामग्री, वस्तु और सेवाओं के क्रय के लिए वित्त विभाग की सहमति आवश्यक होगी. छत्तीसगढ़ शासन में लगभग 114 आवश्यक सामग्रियों की खरीदी के लिए आरसी जारी होती थी. जिसमें 1687 वेंडर्स का आरसी अब निरस्त होगा. इस निर्णय के बाद अब लगभग 900 करोड़ रुपए की खरीदी सीधे जेम पोर्टल से होगी.


मोदी सरकार ने लॉन्च किया था पोर्टल : मोदी सरकार ने शासकीय खरीदी के लिए जेम पोर्टल लांच किया गया था. जिसे रमन सरकार ने अपनाया था. इससे निर्बाध रूप से राष्ट्रीय दर पर सामग्रियों की खरीदी हो जाया करती थी. प्रदेश की पूर्ववर्ती काग्रेस सरकार ने इसे नकार दिया था. जिससे राष्ट्रीय स्तर के प्रतिस्पर्धी दर का नुकसान हो रहा था.

जीरो टॉलरेंस नीति के तहत ऐतिहासिक निर्णय : कैबिनेट परिषद में हुए बड़े निर्णय पर वाणिज्य, उद्योग और सह अध्यक्ष सीएसआईडीसी लखन लाल देवांगन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत यह बहुत बड़ा निर्णय है.

''पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह की सरकार ने जेम पोर्टल से खरीदी शुरू की थी. लेकिन कांग्रेस सरकार ने इसे बदलते हुए पुन: सीएसआईडीसी के माध्यम से खरीदी प्रारंभ करवा दी गई थी. इस निर्णय से विभागीय खरीदारी में हर साल सैकड़ों करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार पर रोक लगने के साथ पारदर्शिता आएगी.'' लखनलाल देवांगन, उद्योग मंत्री

बिचौलियों की भूमिका होगी समाप्त: ऐसा माना जाता है कि जेम पोर्टल में सीधे विक्रेता अपना रजिस्ट्रेशन करते हैं. विभाग यहां से वस्तु का चयन करते हैं. जिससे किसी बिचौलियों का सिस्टम यहां काम नहीं आता. इससे सीधे कंपनी या उत्पादक से खरीदी संभव होती है. विभागों में हो रही खरीदी में भ्रष्टाचार कम करने के दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम है. उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने मंत्रिमंडल की बैठक में इसे प्रस्तावित किया था. इस प्रस्ताव को मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों ने स्वीकार करते हुए सरकार का महत्वपूर्ण निर्णय में मुहर लगा दी है. वर्तमान में प्रचलित सीएसआईडीसी के सभी रेट कॉन्ट्रेक्ट इस माह के अंत में निरस्त करने का भी निर्णय लिया गया. यह कदम भ्रष्टाचार निवारण की दृष्टि से लिया गया है.

छत्तीसगढ़ कैबिनेट के बड़े फैसले, नौकरी में स्थानीय को 5 साल की छूट, अब 10 प्लस 2 नहीं

कोरबा : छत्तीसगढ़ में अब सभी विभागों में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों के लिए जेम पोर्टल को अधिकृत किया गया है. छत्तीसगढ़ शासन भण्डार क्रय नियम 2002 के (यथा संशोधित 2022) में संशोधन प्रारूप का अनुमोदन किया गया है. राज्य शासन के सभी विभाग आवश्यकतानुसार सामग्री, वस्तुओं और सेवाओं जिनकी दरें और विशिष्टियां भारत सरकार के डीजीएसएण्डडी की जेम वेबसाइट में उपलब्ध और नियमावली के तहत निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए ही खरीदी कर करेंगे.


जेम से कितनी की होगी खरीदी : सरकारी विभागों में किसी तरह की सामग्री, वस्तु और सेवाओं के क्रय के लिए वित्त विभाग की सहमति आवश्यक होगी. छत्तीसगढ़ शासन में लगभग 114 आवश्यक सामग्रियों की खरीदी के लिए आरसी जारी होती थी. जिसमें 1687 वेंडर्स का आरसी अब निरस्त होगा. इस निर्णय के बाद अब लगभग 900 करोड़ रुपए की खरीदी सीधे जेम पोर्टल से होगी.


मोदी सरकार ने लॉन्च किया था पोर्टल : मोदी सरकार ने शासकीय खरीदी के लिए जेम पोर्टल लांच किया गया था. जिसे रमन सरकार ने अपनाया था. इससे निर्बाध रूप से राष्ट्रीय दर पर सामग्रियों की खरीदी हो जाया करती थी. प्रदेश की पूर्ववर्ती काग्रेस सरकार ने इसे नकार दिया था. जिससे राष्ट्रीय स्तर के प्रतिस्पर्धी दर का नुकसान हो रहा था.

जीरो टॉलरेंस नीति के तहत ऐतिहासिक निर्णय : कैबिनेट परिषद में हुए बड़े निर्णय पर वाणिज्य, उद्योग और सह अध्यक्ष सीएसआईडीसी लखन लाल देवांगन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत यह बहुत बड़ा निर्णय है.

''पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह की सरकार ने जेम पोर्टल से खरीदी शुरू की थी. लेकिन कांग्रेस सरकार ने इसे बदलते हुए पुन: सीएसआईडीसी के माध्यम से खरीदी प्रारंभ करवा दी गई थी. इस निर्णय से विभागीय खरीदारी में हर साल सैकड़ों करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार पर रोक लगने के साथ पारदर्शिता आएगी.'' लखनलाल देवांगन, उद्योग मंत्री

बिचौलियों की भूमिका होगी समाप्त: ऐसा माना जाता है कि जेम पोर्टल में सीधे विक्रेता अपना रजिस्ट्रेशन करते हैं. विभाग यहां से वस्तु का चयन करते हैं. जिससे किसी बिचौलियों का सिस्टम यहां काम नहीं आता. इससे सीधे कंपनी या उत्पादक से खरीदी संभव होती है. विभागों में हो रही खरीदी में भ्रष्टाचार कम करने के दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम है. उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने मंत्रिमंडल की बैठक में इसे प्रस्तावित किया था. इस प्रस्ताव को मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों ने स्वीकार करते हुए सरकार का महत्वपूर्ण निर्णय में मुहर लगा दी है. वर्तमान में प्रचलित सीएसआईडीसी के सभी रेट कॉन्ट्रेक्ट इस माह के अंत में निरस्त करने का भी निर्णय लिया गया. यह कदम भ्रष्टाचार निवारण की दृष्टि से लिया गया है.

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