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एम्स में जल्द एचपीवी वैक्सीन देने की प्रक्रिया की होगी शुरुआत

AIIMS Delhi: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में जल्द ही एचपीवी वैक्सीन देने की प्रक्रिया शुरू होगी. इसको लेकर एम्स दिल्ली के गायनी विभाग में प्रेस वार्ता की गई.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 25, 2024, 8:49 PM IST

एम्स गायनी विभाग की एचओडी डॉ नीरजा बाटला

नई दिल्ली: कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर में कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं. कैंसर का नाम हमेशा शरीर के उस हिस्से के नाम पर रखा जाता है जहां यह शुरू होता है, भले ही यह बाद में शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाए. जब कैंसर गर्भाशय ग्रीवा में शुरू होता है तो इसे सर्वाइकल कैंसर कहा जाता है. देश के सबसे बड़े अस्पताल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के द्वारा सर्वाइकल कैंसर को लेकर जागरूकता अभियान तेजी पर है.

ये भी पढ़ें: दिल्ली एम्स में मरीजों का बोझ कम करने के लिए जल्द लागू होगी रेफरल नीति

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के गायनी विभाग की एचओडी डॉ नीरजा बाटला ने प्रेस वार्ता में बताया कि सर्वाइकल कैंसर देश में दूसरे नंबर का कैंसर है जो लोगों में सबसे ज्यादा फैल रहा है. लेकिन इससे बचा भी जा सकता है कोई भी कैंसर अगर समय से पहले डिटेक्ट कर लिया जाता है तो इसका इलाज संभव होता है. सर्वाइकल कैंसर इस वक्त बच्चेदानी में कैंसर की बड़ी वजह बनता जा रहा है.

एम्स अस्पताल गायनी विभाग की एचओडी डॉ नीरजा बाटला ने बताया कि हर साल 123000 महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से प्रभावित हो रही हैं और इसकी वजह से 93000 की मौत हो जाती है. हर साल दुनिया भर में 6 लाख से अधिक सर्वाइकल कैंसर के मामले सामने आते हैं.

डॉक्टर ने बताया कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में जल्द ही एचपीवी वैक्सीन देने की प्रक्रिया तेजी के साथ शुरू की जाएगी. लेकिन इससे पहले महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर को लेकर जागरूकता कार्यक्रम कराए जाएंगे. महिलाओं को बताया जाएगा कि वे समय से स्क्रीनिंग करवाएं ताकि इस कैंसर से बचा जा सके. एम्स के डॉक्टर्स ने बताया कि एम्स के द्वारा 100 लोगों पर ट्रायल चल रहा है. यूरिन की जांच से एचपीवी कैंसर का पता चल जाता है. एम्स में इस पर ट्रायल किया जा रहा है. एम्स के तीन लैब में इसकी जांच की जा रही है. एक आंकड़े के मुताबिक 10 फ़ीसदी से कम महिलाओं में एचपीवी वायरस का खतरा होता है.

ये भी पढ़ें: दिल्ली एम्स अब होगा 'कैशलेस', शुरू की जाएगी स्मार्ट कार्ड सुविधा





एम्स गायनी विभाग की एचओडी डॉ नीरजा बाटला

नई दिल्ली: कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर में कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं. कैंसर का नाम हमेशा शरीर के उस हिस्से के नाम पर रखा जाता है जहां यह शुरू होता है, भले ही यह बाद में शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाए. जब कैंसर गर्भाशय ग्रीवा में शुरू होता है तो इसे सर्वाइकल कैंसर कहा जाता है. देश के सबसे बड़े अस्पताल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के द्वारा सर्वाइकल कैंसर को लेकर जागरूकता अभियान तेजी पर है.

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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के गायनी विभाग की एचओडी डॉ नीरजा बाटला ने प्रेस वार्ता में बताया कि सर्वाइकल कैंसर देश में दूसरे नंबर का कैंसर है जो लोगों में सबसे ज्यादा फैल रहा है. लेकिन इससे बचा भी जा सकता है कोई भी कैंसर अगर समय से पहले डिटेक्ट कर लिया जाता है तो इसका इलाज संभव होता है. सर्वाइकल कैंसर इस वक्त बच्चेदानी में कैंसर की बड़ी वजह बनता जा रहा है.

एम्स अस्पताल गायनी विभाग की एचओडी डॉ नीरजा बाटला ने बताया कि हर साल 123000 महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से प्रभावित हो रही हैं और इसकी वजह से 93000 की मौत हो जाती है. हर साल दुनिया भर में 6 लाख से अधिक सर्वाइकल कैंसर के मामले सामने आते हैं.

डॉक्टर ने बताया कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में जल्द ही एचपीवी वैक्सीन देने की प्रक्रिया तेजी के साथ शुरू की जाएगी. लेकिन इससे पहले महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर को लेकर जागरूकता कार्यक्रम कराए जाएंगे. महिलाओं को बताया जाएगा कि वे समय से स्क्रीनिंग करवाएं ताकि इस कैंसर से बचा जा सके. एम्स के डॉक्टर्स ने बताया कि एम्स के द्वारा 100 लोगों पर ट्रायल चल रहा है. यूरिन की जांच से एचपीवी कैंसर का पता चल जाता है. एम्स में इस पर ट्रायल किया जा रहा है. एम्स के तीन लैब में इसकी जांच की जा रही है. एक आंकड़े के मुताबिक 10 फ़ीसदी से कम महिलाओं में एचपीवी वायरस का खतरा होता है.

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