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जेईई मेन्स रिजल्ट में जेवीएम श्यामली के छात्रों ने लहराया परचम, 100 परसेंटाइल लाकर प्रियांश प्रांजल बने झारखंड टॉपर - JEE mains Result - JEE MAINS RESULT

JEE mains Result: जेईई मेन्स सेशन 2 का रिजल्ट जारी हो चुका है. जेवीएम श्यामली के छात्रों ने इस परीक्षा में परचम लहराया है. स्कूल के छात्र प्रियांश प्रांजल 100 परसेंटाइल के साथ झारखंड टॉपर बने हैं.

JEE Mains Result Session 2
JEE Mains Result Session 2
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Apr 25, 2024, 1:08 PM IST

जेवीएम श्यामली के छात्रों ने लहराया परचम

रांची: जेईई मेंस सत्र 2 में जवाहर विद्या मंदिर श्यामली के छात्रों ने एक बार फिर परचम लहराया है. जेवीएम के प्रियांश प्रांजल ने 100 परसेंटाइल अंक हासिल कर ऑल इंडिया में 30वीं रैंक हासिल किया है. जेवीएम की दूसरी छात्रा नेहा कुमारी ने 99.53 परसेंटाइल अंक लाकर पूरे देश में 7000वां रैंक हासिल किया है. इसके अलावा और भी कई छात्रों ने जैईई मेंस में अच्छा प्रदर्शन किया है.

ऑल इंडिया एंट्रेंस एग्जाम में 100 परसेंटाइल अंक लाने वाले छात्र प्रियांश प्रांजल ने कहा कि आज उन्होंने जो सफलता हासिल की है, उसमें उनकी कड़ी मेहनत के अलावा उनके शिक्षकों के साथ-साथ उनके माता-पिता का भी अहम योगदान है.

जेईई मेंस फेज 2 में 99.53 परसेंटाइल अंक हासिल करने वाली नेहा कुमारी का कहना है कि वह आज इस स्थान पर इसलिए पहुंच पाई हैं क्योंकि उनके माता-पिता ने उनका दाखिला एक अच्छे स्कूल में कराया और वह अच्छे शिक्षकों के बीच पढ़कर ज्ञान हासिल कर पाई हैं.

उन्होंने समाज की अन्य लड़कियों के अभिभावकों को संदेश देते हुए कहा कि झारखंड जैसे राज्य के ग्रामीण इलाकों में आज भी कई लड़कियां हैं जो शिक्षा से कोसों दूर हैं. क्योंकि उनके माता-पिता सोचते हैं कि लड़कियों को पढ़ाने से कोई फायदा नहीं होगा. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार शहरी क्षेत्र की लड़कियां अब पढ़-लिखकर समाज में आगे बढ़ रही हैं, उसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्र की लड़कियां भी शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ेंगी, तो हमारा समाज और अधिक विकसित होगा.

वहीं जेईई मेंस में 99 परसेंटाइल अंक प्राप्त करने वाले तनिष्क तन्मय ने कहा कि कभी-कभी बच्चों को लगता है कि प्रवेश परीक्षा पास करने के लिए उन्हें बेहतर कोचिंग की आवश्यकता होगी. लेकिन अगर बच्चे स्कूल में अच्छी पढ़ाई करते हैं तो स्कूल में पढ़कर ही बच्चे बड़ी-बड़ी परीक्षाएं पास कर सकते हैं.

'ऑनलाइन शिक्षा के जरिए बच्चों का विकास संभव नहीं'

जवाहर विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य समरजीत जान का कहना है कि बच्चों के अभिभावकों को यह समझना होगा कि किसी भी प्रतियोगिता को पूरा करने के लिए स्कूल के अलावा कोचिंग की भी जरूरत होती है. यदि माता-पिता अपने बच्चों को नियमित रूप से स्कूल भेजते हैं, तो बच्चों का न केवल शैक्षणिक बल्कि मानसिक और शारीरिक रूप से भी विकास होगा.

उन्होंने कहा कि आजकल बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं, जिससे उन्हें पूरी जानकारी नहीं मिल पाती है. लॉकडाउन जैसी विपरीत परिस्थितियों में ऑनलाइन को एक माध्यम जरूर बनाया गया, लेकिन ऑनलाइन के जरिए बच्चे का संपूर्ण विकास संभव नहीं है. उन्होंने सभी अभिभावकों को संदेश देते हुए कहा कि बच्चों को स्कूली शिक्षा अवश्य दिलाएं क्योंकि स्कूली शिक्षा से ही बच्चे आगे सफलता हासिल कर सकते हैं.

अभिभावकों को बच्चों पर देना होगा ध्यान

झारखंड टॉपर प्रियांश प्रांजल के पिता अनूप सिन्हा ने कहा कि आजकल अभिभावकों में यह धारणा बनती जा रही है कि अगर वे अपने बच्चों पर ज्यादा खर्च करेंगे और उन्हें अच्छे स्कूल में पढ़ाएंगे, तो उनका बच्चा बेहतर प्रदर्शन करेगा. लेकिन बच्चों का बेहतर प्रदर्शन सिर्फ अच्छे स्कूल और कोचिंग से ही नहीं मिलता. इसके लिए बच्चों के अभिभावकों और माता-पिता को भी ध्यान देना होगा.

यह भी पढ़ें: युवाओं के लिए काम की खबर, इस परीक्षा के स्कोर से सेना में बन सकते हैं अफसर, दो लाख तक सैलरी - Indian Army TES recruitment

यह भी पढ़ें: रेजा कुली का काम करने वाले गरीब परिवारों की बच्चियों ने निकाला जेईई मेन्स, इंजीनियर बनकर जिले का नाम करना चाहती हैं रोशन

यह भी पढ़ें: JEE Mains 2024 में इस राज्य के छात्रों ने हासिल किए परफेक्ट स्कोर, अब आगे की तैयारी

जेवीएम श्यामली के छात्रों ने लहराया परचम

रांची: जेईई मेंस सत्र 2 में जवाहर विद्या मंदिर श्यामली के छात्रों ने एक बार फिर परचम लहराया है. जेवीएम के प्रियांश प्रांजल ने 100 परसेंटाइल अंक हासिल कर ऑल इंडिया में 30वीं रैंक हासिल किया है. जेवीएम की दूसरी छात्रा नेहा कुमारी ने 99.53 परसेंटाइल अंक लाकर पूरे देश में 7000वां रैंक हासिल किया है. इसके अलावा और भी कई छात्रों ने जैईई मेंस में अच्छा प्रदर्शन किया है.

ऑल इंडिया एंट्रेंस एग्जाम में 100 परसेंटाइल अंक लाने वाले छात्र प्रियांश प्रांजल ने कहा कि आज उन्होंने जो सफलता हासिल की है, उसमें उनकी कड़ी मेहनत के अलावा उनके शिक्षकों के साथ-साथ उनके माता-पिता का भी अहम योगदान है.

जेईई मेंस फेज 2 में 99.53 परसेंटाइल अंक हासिल करने वाली नेहा कुमारी का कहना है कि वह आज इस स्थान पर इसलिए पहुंच पाई हैं क्योंकि उनके माता-पिता ने उनका दाखिला एक अच्छे स्कूल में कराया और वह अच्छे शिक्षकों के बीच पढ़कर ज्ञान हासिल कर पाई हैं.

उन्होंने समाज की अन्य लड़कियों के अभिभावकों को संदेश देते हुए कहा कि झारखंड जैसे राज्य के ग्रामीण इलाकों में आज भी कई लड़कियां हैं जो शिक्षा से कोसों दूर हैं. क्योंकि उनके माता-पिता सोचते हैं कि लड़कियों को पढ़ाने से कोई फायदा नहीं होगा. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार शहरी क्षेत्र की लड़कियां अब पढ़-लिखकर समाज में आगे बढ़ रही हैं, उसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्र की लड़कियां भी शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ेंगी, तो हमारा समाज और अधिक विकसित होगा.

वहीं जेईई मेंस में 99 परसेंटाइल अंक प्राप्त करने वाले तनिष्क तन्मय ने कहा कि कभी-कभी बच्चों को लगता है कि प्रवेश परीक्षा पास करने के लिए उन्हें बेहतर कोचिंग की आवश्यकता होगी. लेकिन अगर बच्चे स्कूल में अच्छी पढ़ाई करते हैं तो स्कूल में पढ़कर ही बच्चे बड़ी-बड़ी परीक्षाएं पास कर सकते हैं.

'ऑनलाइन शिक्षा के जरिए बच्चों का विकास संभव नहीं'

जवाहर विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य समरजीत जान का कहना है कि बच्चों के अभिभावकों को यह समझना होगा कि किसी भी प्रतियोगिता को पूरा करने के लिए स्कूल के अलावा कोचिंग की भी जरूरत होती है. यदि माता-पिता अपने बच्चों को नियमित रूप से स्कूल भेजते हैं, तो बच्चों का न केवल शैक्षणिक बल्कि मानसिक और शारीरिक रूप से भी विकास होगा.

उन्होंने कहा कि आजकल बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं, जिससे उन्हें पूरी जानकारी नहीं मिल पाती है. लॉकडाउन जैसी विपरीत परिस्थितियों में ऑनलाइन को एक माध्यम जरूर बनाया गया, लेकिन ऑनलाइन के जरिए बच्चे का संपूर्ण विकास संभव नहीं है. उन्होंने सभी अभिभावकों को संदेश देते हुए कहा कि बच्चों को स्कूली शिक्षा अवश्य दिलाएं क्योंकि स्कूली शिक्षा से ही बच्चे आगे सफलता हासिल कर सकते हैं.

अभिभावकों को बच्चों पर देना होगा ध्यान

झारखंड टॉपर प्रियांश प्रांजल के पिता अनूप सिन्हा ने कहा कि आजकल अभिभावकों में यह धारणा बनती जा रही है कि अगर वे अपने बच्चों पर ज्यादा खर्च करेंगे और उन्हें अच्छे स्कूल में पढ़ाएंगे, तो उनका बच्चा बेहतर प्रदर्शन करेगा. लेकिन बच्चों का बेहतर प्रदर्शन सिर्फ अच्छे स्कूल और कोचिंग से ही नहीं मिलता. इसके लिए बच्चों के अभिभावकों और माता-पिता को भी ध्यान देना होगा.

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