नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के निजी स्कूलों ने मनमाने तरीके से फीस बढ़ा दी है. अतिरिक्त बोझ पड़ने की वजह से अभिभावक परेशान हैं. शिक्षा निदेशालय ने नया सत्र शुरू होने से पहले सभी प्राइवेट स्कूलों को एक आदेश जारी करके कहा था कि अगर स्कूल फीस बढ़ाना चाहते हैं तो फीस बढ़ाने के प्रस्ताव को पहले शिक्षा निदेशालय को भेजें. शिक्षा निदेशालय उनके प्रस्ताव का ऑडिट कराएगा और इसके बाद फीस बढ़ाने की अनुमति दी जाएगी. निदेशालय से अनुमति मिलने के बाद ही स्कूल फीस बढ़ा सकते हैं. लेकिन, स्कूलों ने इस आदेश को धता बता दिया. द्वारका सेक्टर-3 स्थित डीपीएस पब्लिक स्कूल ने अपनी फीस में 10 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी कर दी है.
शिक्षा निदेशालय द्वारा स्कूलों पर नहीं की जाती सख्त कार्रवाई- अभिभावक
दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष अपराजिता गौतम ने बताया कि प्राइवेट स्कूल हमेशा अपनी मनमानी करते हैं. ये शिक्षा निदेशालय द्वारा उनकी प्रस्तावित फीस को मंजूरी देने से पहले ही फीस वसूलना शुरू कर देते हैं. इनका हर साल का यही रवैया है. लेकिन, शिक्षा निदेशालय की तरफ से स्कूलों के खिलाफ कभी भी सख्त कार्रवाई नहीं की जाती है. इस वजह से इन स्कूलों का मनमाना रवैया जारी रहता है. शिक्षा निदेशालय को ऐसे स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. लेकिन, निदेशालय सिर्फ इनको बिना अनुमति के फीस न बढ़ाने का एक ऑर्डर जारी करके अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेता है.
द्वारका में रहने वाले प्रवीण कुमार ने बताया कि उनका बेटा डीपीएस पब्लिक स्कूल सेक्टर 3 द्वारका में छठी क्लास में पड़ता है. नए सत्र में स्कूल ने उसकी फीस 10% बढ़ा दी है. जबकि स्कूल को शिक्षा निदेशालय से फीस बढ़ाने की अभी अनुमति नहीं मिली है. शिक्षा निदेशालय को स्कूल ने फीस बढ़ाने का जो प्रस्ताव भेजा था वह प्रस्ताव अभी पास नहीं हुआ है.
वर्ष 2019 से लेकर अब तक करीब दोगुनी हो चुकी है फीस
उन्होंने यह भी बताया कि इससे पहले भी स्कूल ने 2021 से पहले जो भी फीस बढ़ाने के प्रस्ताव निदेशालय को भेजे थे वह भी निदेशालय द्वारा रद्द कर दिए गए थे. इसके बावजूद स्कूल ने प्रस्तावित फीस वसूलना जारी रखा. वर्ष 2019 से लेकर अब तक स्कूल की हर कक्षा की फीस करीब दोगुनी हो चुकी है. उन्होंने यह भी बताया कि इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में कई अभिभावकों ने मुकदमा भी दायर कर रखा है, जिसकी सुनवाई अभी चल रही है. प्रशांत भूषण इस मामले में हमारी ओर से वकील हैं. इसके साथ ही अशोक विहार फेस चार स्थित महाराजा अग्रसेन पब्लिक स्कूल ने भी शिक्षा निदेशालय की बिना अनुमति 20% फीस बढ़ा दी है.
स्कूलों का कहना है कि हम इतनी ही फीस लेंगे आप चाहे कहीं जाकर शिकायत करें
इस स्कूल में पढ़ने वाले एक बच्चे के अभिभावक विनय कुमार गुप्ता ने बताया कि उनका बेटा इस स्कूल में पहली कक्षा में पढ़ता है. पहले कक्षा एक की सलाना फीस 48000 जाती थी. वह अब बढ़कर 68000 हो गई है. इस तरह से स्कूल ने एक साथ ही इस नए शिक्षा सत्र में करीब 20% फीस में बढ़ोतरी कर दी है जो बहुत ज्यादा है. स्कूल ने फीस में यह बढ़ोतरी शिक्षा निदेशालय से बिना अनुमति लिए की है. जब हमने इस मामले में स्कूल के चेयरमैन से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि हम इतनी ही फीस लेंगे आप चाहे कहीं भी जाकर शिकायत कर दें.
ये भी पढ़ें: प्राइवेट स्कूलों में EWS कोटे से एडमिशन में आधार अनिवार्य नहीं, दिल्ली हाईकोर्ट से केजरीवाल सरकार को झटका
अब हम लोग इस मामले को लेकर शिक्षा निदेशालय का रुख करने वाले हैं. विनय गुप्ता के भाई पंकज गुप्ता ने बताया कि मेरा बच्चा भी महाराजा अग्रसेन पब्लिक स्कूल में पढ़ता है. स्कूल ने ट्यूशन फीस, एनुअल चार्ज, डेवलपमेंट चार्ज सहित कई मद में धनराशि को बढ़ाकर यह बढ़ोतरी की है. इतना नहीं नहीं स्कूल 500 रुपये प्रति महीना के हिसाब से साल भर के 6000 रुपये एसी शुल्क के रूप में भी वसूल रहा है. यह पूरी तरह से अवैध है. स्कूल एसी का पैसा बच्चों से नहीं वसूल सकते. लेकिन, इनकी मनमानी जारी है.
स्कूलों द्वारा शिक्षा निदेशालय की बिना अनुमति के फीस बढ़ाने को लेकर शिक्षा निदेशालय की प्राइवेट स्कूल शाखा के उप शिक्षा निदेशक देवेंद्र मोहन से फोन करके उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई लेकिन उनका फोन नहीं उठा.
ये भी पढ़ें: दिल्ली के आरके पुरम स्थित प्राइवेट स्कूल में बम की सूचना मिलने से मचा हड़कंप, जांच में जुटी पुलिस