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फर्रुखाबाद में बंदियों ने तैयार किया हर्बल गुलाल, जेल से बेचा जा रहा - holi 2024

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 24, 2024, 11:34 AM IST

फर्रुखाबाद के जेल के बंदियों द्वारा प्राकृतिक ढंग से गुलाल बनाया जा रहा हैं. ये गुलाल चावल के आटे, चुकंदर, कच्ची हल्दी, पालक के कलर से बंदियों द्वारा निर्मित कराए गए हैं.

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फर्रुखाबाद: देशभर में होली का त्योहार पूरे हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है. इस बीच जिला जेल में अब हर्बल प्राकृतिक से निर्मित गुलाल से बंदी होली खेलेंगे. बता दें कि ये गुलाल चावल के आटे, चुकंदर, कच्ची हल्दी, पालक के कलर से बंदियों द्वारा निर्मित कराए गए है. अब ये गुलाल जेल उत्पाद केंद्र पर बिक्री के लिए जाएगी. बता दें कि यह गुलाल सब्जियों से तैयार किए जा रहे हैं जो बंदियों द्वारा तैयार किया जा रहा हैं.

इस गुलाल में केमिकल का प्रयोग नहीं

इसको लेकर जेल अधीक्षक भीमसेन मुकुंद ने बताया कि होली के त्यौहार को देखते हुए बंदियों द्वारा प्राकृतिक ढंग से गुलाल बनाया गया है. जिसमें पीले कलर का गुलाल हल्दी से बनाया गया है. जो हल्का लाल और केसरिया रंग का गुलाल चुकंदर से बनाया गया है. हरे कलर का गुलाल पालक से बनाया गया है. गुलाल का आधार चावल के बहुत ही महीन पाउडर से बनाया गया है. यह प्राक्रतिक गुलाल है. इसमें किसी तरह के केमिकल रंग का प्रयोग नहीं किया गया है.

जेल अधीक्षक भीमसेन ने आगे कहा कि इसकी बिक्री बंदी उत्पाद केंद्र के माध्यम से जेल गेट के बाहर किया जाएगा. जिसे कोई भी खरीद सकता है. उन्होंने कहा कि जेल के बंदी भी इसी गुलाल से होली खेलेंगे. यह गुलाल बंदियों ने ही पूरी तरह से निर्मित किया है. वहीं, जेलर अखिलेश कुमार ने बताया की बंदी बड़े ही उत्साह से प्राकृतिक रंग गुलाल को बना रहे हैं. अभी तक बंदी द्वारा बनाया गया विभिन्न रंग का 50 किलो गुलाल बनकर तैयार हो चुका है. जिसे जेल उत्पाद केंद्र से बिक्री भी की जाएगी. साथ ही जेल प्रशासन की ओर से स्थानीय अधिकारी कर्मचारियों को भी प्राकृतिक गुलाल भेंट किया जाएगा.

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फर्रुखाबाद: देशभर में होली का त्योहार पूरे हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है. इस बीच जिला जेल में अब हर्बल प्राकृतिक से निर्मित गुलाल से बंदी होली खेलेंगे. बता दें कि ये गुलाल चावल के आटे, चुकंदर, कच्ची हल्दी, पालक के कलर से बंदियों द्वारा निर्मित कराए गए है. अब ये गुलाल जेल उत्पाद केंद्र पर बिक्री के लिए जाएगी. बता दें कि यह गुलाल सब्जियों से तैयार किए जा रहे हैं जो बंदियों द्वारा तैयार किया जा रहा हैं.

इस गुलाल में केमिकल का प्रयोग नहीं

इसको लेकर जेल अधीक्षक भीमसेन मुकुंद ने बताया कि होली के त्यौहार को देखते हुए बंदियों द्वारा प्राकृतिक ढंग से गुलाल बनाया गया है. जिसमें पीले कलर का गुलाल हल्दी से बनाया गया है. जो हल्का लाल और केसरिया रंग का गुलाल चुकंदर से बनाया गया है. हरे कलर का गुलाल पालक से बनाया गया है. गुलाल का आधार चावल के बहुत ही महीन पाउडर से बनाया गया है. यह प्राक्रतिक गुलाल है. इसमें किसी तरह के केमिकल रंग का प्रयोग नहीं किया गया है.

जेल अधीक्षक भीमसेन ने आगे कहा कि इसकी बिक्री बंदी उत्पाद केंद्र के माध्यम से जेल गेट के बाहर किया जाएगा. जिसे कोई भी खरीद सकता है. उन्होंने कहा कि जेल के बंदी भी इसी गुलाल से होली खेलेंगे. यह गुलाल बंदियों ने ही पूरी तरह से निर्मित किया है. वहीं, जेलर अखिलेश कुमार ने बताया की बंदी बड़े ही उत्साह से प्राकृतिक रंग गुलाल को बना रहे हैं. अभी तक बंदी द्वारा बनाया गया विभिन्न रंग का 50 किलो गुलाल बनकर तैयार हो चुका है. जिसे जेल उत्पाद केंद्र से बिक्री भी की जाएगी. साथ ही जेल प्रशासन की ओर से स्थानीय अधिकारी कर्मचारियों को भी प्राकृतिक गुलाल भेंट किया जाएगा.

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