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बालोद जिला जेल में बंद कैदी की मौत, परिजनों ने जेल प्रशासन पर लगाया मारपीट का आरोप - prisoner dies in Balod jail

बालोद जिला उप जेल में एक कैदी की मौत हो गई. कैदी को कच्ची शराब बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.मृतक के परिजनों ने जेल प्रशासन पर मारपीट का आरोप लगाया है.

prisoner dies in Balod district jail
बालोद जिला उप जेल (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : May 29, 2024, 8:21 PM IST

बालोद में जेल में बंद कैदी की मौत (ETV BHARAT)

बालोद: बालोद जिला उप जेल में बंद कैदी लोकेश सिन्हा की मौत हो गई. लोकेश के परिजनों ने पुलिस प्रशासन पर मारपीट का आरोप लगाया है. साथ ही जिले के देवरी थाने में पूरे मामले की शिकायत भी दर्ज कराई है. बताया जा रहा है कि लोकेश को 25 मई को कच्ची शराब बेचने के आरोप में पकड़ा गया था. मंगलवार देर रात उसकी मौत हो गई. जानकारी के बाद परिजनों ने जेल प्रशासन पर मारपीट का आरोप लगाया है.

क्या है पूरी घटना: दरअसल, ये केस बालोद जिला उप जेल का है. यहां एक कैदी की मंगलवार देर रात करीब 12 बजे मौत हो गई. बताया जा रहा है कि कैदी 25 मई को शराब बेचते पकड़ा गया था, जिसे आबकारी विभाग ने कार्रवाई के बाद पुलिस को सौंप दिया था. पुलिस ने आरोपी को जिला उप जेल में बंद कर दिया था. इस बीच अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई. अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. वहीं, इस पूरे मामले में मृतक के परिजनों ने गिरफ्तार करने वाले आबकारी विभाग पर मारपीट करने का आरोप लगाया है.

परिजनों ने कैदी से ना मिलने देने का लगाया आरोप: मृतक के भाई ने बताया कि, "मेरा भाई कैसा है? किस स्थिति में है? जेल प्रबंधन ने इन सब से हमें दूर रखा. पता नहीं किस के कारण मेरे भाई की मौत हुई. आबकारी विभाग के लोग मेरे भाई को पीटते हुए ले गए और जेल में क्या स्थिति थी. हमें इसकी जानकारी नहीं है. वहीं, जेलर बताया कि नशे की लत के कारण उसकी तबीयत खराब हो गई थी. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

जब परिजन आए तो बंदी आराम कर रहा था या फिर अस्पताल में था, जिसके कारण उन्हें अस्पताल जाने कहा गया. उपजेल में कैदी लोकेश का व्यवहार बदलने लगा वो अकेले रहने लगा और बेचैन रहने लगा, जिसके बाद हमें यह अंदाजा हुआ कि नशा ना मिलने के कारण वो बैचेन नजर आने लगा है, जिसके बाद उसे डॉक्टर के पास ले जाया गया. अस्पताल में 5 घंटे लगभग उसे ऑब्जर्वेशन में रखा गया. फिर स्थिति सामान्य होने के बाद उसे वापस जेल लाया गया. अगले दिन फिर उन्हें अस्पताल ले जाया गया. जिसके बाद शाम को जब कैदी की तबीयत बिगड़ी, तो बंदियों ने हमें सूचना दी. तब बंदी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई. -शोभा रानी, जेलर

मजिस्ट्रेट के सामने कराया गया पोस्टमार्टम: बता दें कि मामला संवेदनशील होने की वजह से मजिस्ट्रेट के सामने मृतक का पोस्टमार्टम कराया गया. इसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया. हालांकि थाने में मारपीट संबंधित शिकायत आबकारी विभाग के खिलाफ मृतक के परिजनों ने दर्ज कराई है. परिजनों की मानें तो उसे पांच लोग गिरफ्तार करने आए थे. सभी उसे पीटते हुए ले गए.

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क्या है पूरी घटना: दरअसल, ये केस बालोद जिला उप जेल का है. यहां एक कैदी की मंगलवार देर रात करीब 12 बजे मौत हो गई. बताया जा रहा है कि कैदी 25 मई को शराब बेचते पकड़ा गया था, जिसे आबकारी विभाग ने कार्रवाई के बाद पुलिस को सौंप दिया था. पुलिस ने आरोपी को जिला उप जेल में बंद कर दिया था. इस बीच अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई. अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. वहीं, इस पूरे मामले में मृतक के परिजनों ने गिरफ्तार करने वाले आबकारी विभाग पर मारपीट करने का आरोप लगाया है.

परिजनों ने कैदी से ना मिलने देने का लगाया आरोप: मृतक के भाई ने बताया कि, "मेरा भाई कैसा है? किस स्थिति में है? जेल प्रबंधन ने इन सब से हमें दूर रखा. पता नहीं किस के कारण मेरे भाई की मौत हुई. आबकारी विभाग के लोग मेरे भाई को पीटते हुए ले गए और जेल में क्या स्थिति थी. हमें इसकी जानकारी नहीं है. वहीं, जेलर बताया कि नशे की लत के कारण उसकी तबीयत खराब हो गई थी. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

जब परिजन आए तो बंदी आराम कर रहा था या फिर अस्पताल में था, जिसके कारण उन्हें अस्पताल जाने कहा गया. उपजेल में कैदी लोकेश का व्यवहार बदलने लगा वो अकेले रहने लगा और बेचैन रहने लगा, जिसके बाद हमें यह अंदाजा हुआ कि नशा ना मिलने के कारण वो बैचेन नजर आने लगा है, जिसके बाद उसे डॉक्टर के पास ले जाया गया. अस्पताल में 5 घंटे लगभग उसे ऑब्जर्वेशन में रखा गया. फिर स्थिति सामान्य होने के बाद उसे वापस जेल लाया गया. अगले दिन फिर उन्हें अस्पताल ले जाया गया. जिसके बाद शाम को जब कैदी की तबीयत बिगड़ी, तो बंदियों ने हमें सूचना दी. तब बंदी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई. -शोभा रानी, जेलर

मजिस्ट्रेट के सामने कराया गया पोस्टमार्टम: बता दें कि मामला संवेदनशील होने की वजह से मजिस्ट्रेट के सामने मृतक का पोस्टमार्टम कराया गया. इसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया. हालांकि थाने में मारपीट संबंधित शिकायत आबकारी विभाग के खिलाफ मृतक के परिजनों ने दर्ज कराई है. परिजनों की मानें तो उसे पांच लोग गिरफ्तार करने आए थे. सभी उसे पीटते हुए ले गए.

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