आगरा : आगरा में आजादी के गवाह रहे, आगरा कॉलेज के प्राचार्य को लेकर चल रही खींचतान थम नहीं रही है. अब उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग ने आगरा कॉलेज के प्राचार्य प्रो. अनुराग शुक्ला का अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी माना है. ये अनुभव प्रमाण प्रो. अनुराग शुक्ला ने नियुक्ति के लिए लगाया था. इसके चलते अब प्रो. अनुराग शुक्ला का अभ्यर्थन निरस्त करने की सूचना, उच्च शिक्षा निदेशालय को भेज दी है. इस पर उच्च शिक्षा निदेशक ने कालेज प्रबंधन को प्राचार्य की नियुक्ति निरस्त करने के लिए पत्र भेजेगा.
बता दें कि शासन के आदेश पर प्राचार्य प्रो. अनुराग शुक्ला को 12 फरवरी को निलंबित कर दिया गया था. तब आगरा कॉलेज का कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. सीके गौतम को बनाया गया था. डॉ. सीके गौतम ने पूर्व प्राचार्य प्रो. अनुराग शुक्ला की नियुक्ति के लिए लगाए गए, दस्तावेज और भ्रष्टाचार के आरोप की जांच करा शासन को रिपोर्ट भेजी थी. रिपोर्ट के आधार पर आयोग ने प्राचार्य का पक्ष न आने पर आरोप सही मानकर रिपोर्ट दी है. इसी दौरान हाईकोर्ट से स्टे मिलने पर प्राचार्य प्रो अनुराग शुक्ला दोबारा प्राचार्य बन गए.
550 पेज का स्पष्टीकरण दिया था : बता दें कि सितंबर 2024 में सीजेएम कोर्ट के आदेश पर फर्जी दस्तावेज के आरोप में प्राचार्य प्रो. अनुराग शुक्ला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था. इसमें भी कोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे मिला था. बीते 11 नवंबर को उत्तर प्रदेश शिक्षा आयोग की पांच सदस्यीय कमेटी के सामने प्राचार्य प्रो. अनुराग शुक्ला ने 550 पेज का स्पष्टीकरण पेश किया था. उप्र शिक्षा सेवा चयन ने कमेटी बनाकर जांच कराई. जांच में कमेटी ने पाया कि आरोपित ने अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी लगाए हैं. इसके आधार पर प्रो. अनुराग शुक्ला का अभ्यर्थन निरस्त करने की कार्रवाई की गई है.
लोहामंडी थाना में दर्ज हुआ था मुकदमा : आगरा कॉलेज बोर्ड आफ ट्रस्टीज के सदस्य सुभाष ढल के प्रार्थना पत्र पर सीजेएम ने प्रो.अनुराग शुक्ला के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए थे. जिस पर लोहामंडी थाना में मुकदमा दर्ज हुआ था. जिस पर प्रो. अनुराग शुक्ला हाईकोर्ट चले गए. हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने, मामला सुना और तथ्यों के आधार पर उन्हें हाईकोर्ट ने कोई राहत नहीं दी. इसके बाद मामला मुख्य न्यायाधीश की कोर्ट में गया. जहां पर मुख्य न्यायाधीश ने तीखी टिप्पणी करके मामला सुनने से इंकार कर दिया था.
ये है मामला : आगरा कॉलेज के प्राचार्य पद के लिए 17 माह से खींचतान चल रही है. जिसमें प्राचार्य अनुराग शुक्ला पर नियुक्त के लिए सनराइज कॉलेज अलवर के शोधार्थी गाइड के दस्तावेज लगाए, ये फर्जी थे. कॉलेज में खरीद फरोख्त की गई. जो निर्माण कराए गए, उसमें भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है.
बोले...अभी नहीं मिला कोई पत्र : इस बारे में उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमित भारद्वाज ने बताया कि प्रो. अनुराग शुक्ला के अभ्यर्थन निरस्त करने का, चयन आयोग को पत्र मिला है. जिसके आधार पर अनुराग शुक्ला की नियुक्ति निरस्त करने के लिए आगरा कॉलेज प्रबंधन को पत्र भेजा जाएगा. जबकि, इस बारे में प्रो. अनुराग शुक्ला ने बताया कि अभी तक कोई पत्र नहीं मिला है. मुझे इस बारे में किसी स्तर से जानकारी भी नहीं मिली है. पत्र आने या मिलने के बाद ही इस बारे में कुछ कह सकता हूं.
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