नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के सेंट स्टीफंस कॉलेज में 129 छात्रों के निलंबन को लेकर प्राचार्य कार्यालय द्वारा किए गए ई-मेल के तूल पकड़ने के बाद अब इसे वापस ले लिया गया है. हालांकि, छात्रों को अब भी अपने अभिभावकों को प्राचार्य से मिलने के लिए कॉलेज लेकर आना होगा. जो छात्र दिल्ली से बाहर के रहने वाले हैं, वो प्राचार्य के सचिव से मिलकर अपने माता-पिता के आने और न आने के बारे में जानकारी देंगे. वहीं मंगलवार शाम को करीब सात बजे, कॉलेज प्राचार्य जॉन वर्गीज की तरफ से छात्रों को 400 से भी ज्यादा शब्दों में ई मेल लिखकर खेद जताया गया. साथ ही उन्हें सुबह की प्रार्थना सभा में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित भी किया गया.
छात्रों को भेजे गए ई-मेल में प्राचार्य ने लिखा कि, सुबह की प्रार्थना सभा को छात्रों के अपने कॉलेज के अनुभव साझा करने, अपनी उपलब्धियों को बताने और अपने विचारों को साझा करने का अवसर देती है. यह कोई धार्मिक आयोजन नहीं है. कॉलेज के पूर्व छात्र भी इसके बारे में अपने अनुभव बता सकते हैं. यह कॉलेज की परंपरा को जारी रखने का माध्यम भी है. प्रथम वर्ष के छात्रों से प्रार्थना सभा में लगातार शामिल होने की इसलिए उम्मीद की जाती है, ताकि वे कॉलेज के इतिहास, परंपराओं और अनुभवों से परिचित होकर कॉलेज को एक संस्थान बनाने में अपनी भूमिका निभा सकें.
यह भी पढ़ें-दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज ने छात्रों का निलंबन आदेश लिया वापस, मांगी माफी
मेल में उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि, सुबह की प्रार्थना सभा के बारे में कॉलेज के प्रॉस्पेक्टस में भी लिखा है. प्राचार्य जॉन वर्गीज ने इस लंबे चौड़े ई-मेल में छात्रों के माता-पिता को भी प्रार्थना सभा का महत्व समझाने की भरपूर कोशिश की है. साथ ही अभिभावकों से अपने कार्यालय में मिलने के लिए अप्वाइंटमेंट लेने के लिए भी कहा है. प्राचार्य ने लिखा कि, मुझे विश्वास है कि अभिभावक भी अपने बच्चे की प्रगति और गतिविधियों के बारे में जानने के प्रति जागरूक रहते होंगे. वे अपने बच्चे के कमजोर पक्ष को भी जानना चाहते हैं. आपके बच्चे के विकास के लिए आप लोगों का सहयोग बहुत आवश्यक है, इसलिए मैं आप सभी से मिलने की प्रक्रिया जारी रख रहा हूं.
यह भी पढ़ें-सेंट स्टीफेंस कॉलेज में छात्रों को निलंबित कर डराना दुर्भाग्यपूर्ण, एबीवीपी ने किया विरोध