मेरठः जिले के एक प्राइमरी स्कूल में 5 छात्रों को नॉनवेज खिलाने का मामला सामने आया है. जिसके बाद स्कूल से लेकर थाने तक हंगामा हुआ. दिव्यांग बच्चे ने जबरन नॉनवेज खिलाने की बात कही है. परिजनों और हिंदूवादी नेताओं के विरोध जताने के बाद प्रिसिंपल को सस्पेंड कर दिया गया है. इसके साथ ही विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं. पुलिस ने प्रिंसिपल को हिरासत में लिया है.
वैद्यवाड़ा स्कूल में पढ़ने वाले एक छात्र ने बताया कि मिड डे मील में आलू सोयाबीन की सब्जी आई थी. सब्जी अच्छी नहीं थी, इसलिए उसने एक रोटी सब्जी से खा ली. लेकिन मेरे दिव्यांग छोटे भाई ने 2 रोटी खाईं. इसके बाद प्रिंसिपल मो. इकबाल ने उससे कहा कि आज सब्जी अच्छी नहीं आई है. तुम एक काम करो, ये 100 रुपए लो और दुकान से जाकर मीट ले आओ. मैं दुकान से मीट ले आया. प्रिसिंपल उससे मीट खाने के लिए पूछा तो उसने मना कर दिया. फिर उन्होंने मेरे भाई से पूछा खाएगा? तो मैंने कहा ये भी नहीं खाएगा. प्रिसिंपल ने उसके छोटे भाई को मीट खिलाया. उनके ऑफिस से निकलने के बाद हम क्लास गए. वहां से घर वापस आ गए. मेरा भाई मुंह ढककर कमरे में पंखे के नीचे लेट गया. मैंने पापा-मम्मी को ये बात बताई.
इसके बाद स्कूल में पहुंचे परिजनों ने जमकर हंगामा किया और हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं के साथ थाने पहुंचकर शिकायत की. थाने में दोनों भाइयों ने प्रिंसिपल के सामने ही बयान दर्ज कराया. यहां दिव्यांग बच्चे ने इशारों से बताया कि उसने मीट कैसे खाया था. बेसिक शिक्षा अधिकारी आशा चौधरी ने बताया कि स्थानीय पार्षद ने से सूचना मिली थी कि वैद्यवाड़ा प्राइमरी स्कूल में बच्चों को मीट खिलाया गया है. उन्होंने बताया कि स्कूल में 20 बच्चों का एडमिशन हुआ है. जिसमें सोमवार को 6 बच्चे स्कूल आए थे. इस स्कूल में अकेले टीचर मोहम्मद इकबाल तैनात हैं. अध्यापक ने 5 बच्चो को खाने में मीट खिलाया गया है. इसमें एक बच्चा दिव्यांग था, जिसने नॉनवेज को खाने से मना कर दिया था, लेकिन उसे भी खिलाया गया. बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि तत्काल प्रभाव से स्कूल अध्यापक को सस्पेंड कर दिया गया है और आगे की कार्यवाही की जा रही है. उन्होंने कहा कि स्कूलों में मिड डे मील आता है और यही बच्चों को खिलाया जाना चाहिए. इस तरह की घटना दोबारा न हो, इसके लिए खंड शिक्षा अधिकारी को समय-समय पर मिड डे मील के जांच के निर्देश दिए हैं.