बलौदाबाजार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार 20 जनवरी 2025 को स्वामित्व योजना के अंतर्गत जिले के 5841 लोगों को अधिकार अभिलेख पत्र वितरित करेंगे.अधिकार अभिलेख पत्र वितरण कार्यक्रम मर्चुअल माध्यम से किया जाएगा. जिसे जिला ऑडिटोरियम में लाइव प्रसारित किया जाएगा. इस महत्वपूर्ण आयोजन में जिले के प्रभारी एवं स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे.कलेक्टर दीपक सोनी ने शुक्रवार को जिला ऑडिटोरियम का दौरा कर आयोजन की सभी तैयारियों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.
क्या है स्वामित्व योजना ?: स्वामित्व योजना भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है. जिसके अंतर्गत देशभर में ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि का रिकॉर्ड डिजिटल रूप में तैयार किया जा रहा है. इस योजना का उद्देश्य है कि हर ग्रामीण को उनकी भूमि का आधिकारिक मालिकाना हक दिया जाए. ताकि भूमि विवादों को सुलझाया जा सके और भूमि स्वामियों के पास कानूनी प्रमाण हो. इसके तहत, स्वामित्व का प्रमाण पत्र (अधिकार अभिलेख पत्र) जारी किया जाएगा. जिससे ग्रामीणों को अपनी संपत्ति पर अधिकार प्राप्त होगा.
इस योजना के अंतर्गत जिले के 45 गांवों के 5841 लाभार्थियों को अधिकार अभिलेख पत्र वितरित किए जाएंगे. अब तक, सर्वेक्षण और सत्यापन के बाद इन अधिकार अभिलेखों का तैयार किया गया है. इस कार्य में ड्रोन तकनीक का उपयोग किया गया, जिससे भूमि का सटीक सर्वे किया गया.
बलौदाबाजार में किस तहसील के कितने गांवों को मिलेगा लाभ ?
- कसडोल तहसील - 4 गांवों के 657 लाभार्थी
- टुंडरा तहसील - 2 गांवों के 284 लाभार्थी
- पलारी तहसील - 9 गांवों के 813 लाभार्थी
- बलौदाबाजार तहसील - 3 गांवों के 379 लाभार्थी
- लवन तहसील - 4 गांवों के 310 लाभार्थी
- सुहेला तहसील - 9 गांवों के 1715 लाभार्थी
- सिमगा तहसील - 11 गांवों के 1515 लाभार्थी
- भाटापारा तहसील - 3 गांवों के 168 लाभार्थी
स्वामित्व योजना के अंतर्गत होने वाले लाभ :स्वामित्व योजना के तहत बलौदाबाजार जिले के 5841 लोगों को मिलने वाला भूमि का मालिकाना हक एक ऐतिहासिक कदम है, जो ग्रामीण इलाकों में संपत्ति के स्वामित्व को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है. इससे ना केवल लोगों को उनके भूमि पर कानूनी अधिकार मिलेगा, बल्कि इससे जुड़े आर्थिक और कानूनी फायदे भी ग्रामीणों को सशक्त बनाएंगे. यह योजना देशभर के लाखों ग्रामीणों के लिए एक नई उम्मीद और समृद्धि का रास्ता खोलेगी.
पूर्ण अधिकार: भूमि स्वामी को उनकी भूमि पर पूर्ण और कानूनी अधिकार मिलते हैं, जिससे वे अपनी संपत्ति का स्वतंत्र रूप से उपयोग कर सकते हैं.
आर्थिक सशक्तिकरण: भूमि स्वामियों को बैंक से लोन लेने की सुविधा मिलती है, क्योंकि अब उनके पास कानूनी तौर पर प्रमाणित भूमि है. वे अपनी भूमि को गिरवी रखकर वित्तीय योजनाओं का लाभ ले सकते हैं.
खरीद-बिक्री में सुविधा: भूमि के स्वामित्व का स्पष्ट प्रमाण होने से रजिस्ट्री और भूमि की बिक्री प्रक्रिया अब और सरल और सुरक्षित हो जाएगी. इससे भूमि मालिकों को भूमि के व्यापार में भी आसानी होगी.
विवादों का समाधान: इस योजना के तहत भूमि के स्वामित्व का आधिकारिक रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है, जिससे भूमि विवादों का निपटारा किया जा सकेगा।. भूमि विवादों में स्पष्टता आएगी, और इससे जुड़े कानूनी मामलों का समाधान होगा.
ग्राम पंचायतों का सशक्तिकरण: स्वामित्व योजना के तहत भूमि के स्वामित्व का आधिकारिक प्रमाण मिलने से ग्राम पंचायतों को भी सशक्त किया जाएगा, क्योंकि यह उनके विकास कार्यों में सहायक होगा .
पहले पट्टे, अब मालिकाना हक : इससे पहले ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि को पट्टे के रूप में दिया जाता था, लेकिन इन पट्टों के माध्यम से भूमि के मालिकाना हक की पुष्टि नहीं की जाती थी. स्वामित्व योजना के तहत अब ग्रामीणों को पूरी तरह से भूमि का मालिकाना हक मिलेगा. इसका मतलब है कि अब वे अपनी भूमि का स्वतंत्र रूप से उपयोग कर सकते हैं, चाहे वह कृषि कार्य हो या अन्य कोई व्यवसायिक गतिविधि.यह भूमि मालिकों के लिए एक बड़ा कदम है, जो उन्हें पूरी तरह से कानूनी अधिकार प्रदान करेगा.
देशभर में स्वामित्व योजना का प्रभाव : स्वामित्व योजना केवल बलौदाबाजार जिले तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश के 50,000 गांवों में लागू होगी. इस योजना के तहत, पूरे देश के 58 लाख से अधिक लोगों को उनकी भूमि का कानूनी स्वामित्व प्राप्त होगा. इससे न केवल ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि उन्हें अपनी संपत्ति पर सुरक्षा का अहसास होगा और भूमि से जुड़े विवादों का समाधान भी होगा.
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