खूंटीः जिले के अति नक्सल और सुदूरवर्ती क्षेत्र अड़की प्रखंड की तोडांग पंचायत स्तिथ इचाकुटी गांव के जंगल में दो दशक से ज्यादा समय से टीन की शेड में सरकारी विद्यालय का संचालन हो रहा है. प्राथमिक विद्यालय इचाकुटी में 50 से अधिक बच्चे अध्ययनरत हैं. टीन के शेड में स्कूल का संचालन होने के कारण गर्मी और बरसात के मौसम में बच्चों को स्कूल में पढ़ाई करने में परेशानी होती है. बारिश के दौरान छत से कई जगह से पानी रिसता है और टीन पर बारिश की बूंदे गिरने के कारण आवाज होती है. इस कारण कक्षा में बैठे बच्चों को पढ़ाई करने में परेशानी होती है.
स्कूल की शिक्षिका ने कई बार पदाधिकारियों को दी जानकारी, पर नतीजा सिफर
शिक्षिका जिदन सोय वर्ष 2001 से इस स्कूल में पदस्थापित हैं. उन्होंने कई बार समस्या से विभागीय पदाधिकारियों को अवगत कराया है, लेकिन अब तक नतीजा सिफर रहा. सिस्टम ने अब तक स्कूल की दशा सुधारने के लिए कोई पहल नहीं की. हालांकि खूंटी डीडीसी श्याम नारायण ने आश्वस्त किया है कि जल्द ही स्कूल का कायाकल्प कराया जाएगा.
स्कूल में 50 बच्चों पर हैं मात्र दो शिक्षक
खूंटी जिला के अड़की प्रखंड के इचाकुटू गांव में संचालिस प्राथमिक विद्यालय में इचाकुटू गांव के बच्चे प्रतिदिन शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते हैं. बच्चों की संख्या 50 से अधिक है और विद्यालय में मात्र दो शिक्षक हैं. प्राथमिक स्तरीय विद्यालय में पहली से पांचवीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है, पर टीन की शेड में चल रहा स्कूल.
24 वर्षों से टीन की शेड में हो रहा है प्राथमिक विद्यालय का संचालन
स्कूल में डेस्क-बेंच उपलब्ध है और स्कूल ड्रेस भी विद्यार्थियों को दिए जाते हैं, लेकिन स्कूल के लिए स्थायी भवन का निर्माण अब तक नहीं कराया गया है. जंगल की लकड़ियों और टीन से स्कूल की दीवार और छत बनाई गई है. लगभग ऐसे में हालत में 24 वर्षों से विद्यालय का संचालन हो रहा है.
शीघ्र विद्यालय भवन का निर्माण कराया जाएगाः डीडीसी
विद्यालय शिक्षा समिति ने भी संबंधित मामले की जानकारी बीआरसी को दी है, लेकिन अबतक विद्यार्थियों के लिए स्थायी विद्यालय भवन नहीं उपलब्ध कराया गया है. इस मामले में खूंटी डीडीसी श्याम नारायण ने बताया कि उन्हें इस बात की जानाकरी नहीं है. उन्होंने कहा कि जल्द ही विद्यालय का निरीक्षण किया जाएगा और विद्यालय भवन का निर्माण कराया जाएगा.
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