रायपुर: सर्दियों के मौसम में अक्सर हरी सब्जियों के दाम कम होने लगते हैं. पर इस साल ऐसा नहीं है. हरी सब्जियों के दाम नीचे जाने के बजाए बढ़ता ही जा रहा है. सब्जियों के दाम बढ़ने से किचन का बजट बढ़ गया है. लोग हरी सब्जियों की खरीदारी पहले की तरह नहीं कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ में 60% सब्जी स्थानीय स्तर पर हो रही है और 40% सब्जी बाहर से मंगाई जा रही है. 60% सब्जी स्थानीय स्तर पर उत्पादन होने के बाद भी कई सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं.
हरी सब्जियों के दाम आसमान पर: छत्तीसगढ़ का टमाटर इन दिनों दिल्ली मुंबई और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में सप्लाई हो रही है. जिसके कारण भी टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं. इसके साथ ही लहसुन के दाम भी चिल्लर में 400 रुपए किलोग्राम तक पहुंच गए हैं. सर्दियों के मौसम में लहसुन की खपत हर घर में बढ़ जाती है. सर्दियों के मौसम में टमाटर की भी डिमांड ज्यादा रहती है.
कीमतें काट रही ग्राहक की जेब: सब्जियों के दाम को लेकर ईटीवी भारत ने ग्राहकों से बात कि तो उनका कहना था कि पहले 300 रुपए की सब्जी खरीदने पर उनके थैले भर जाते थे. लेकिन अब बाजार में 500 रुपए लेकर जाने के बाद भी सब्जी का थैला पूरी तरह से भर नहीं पाता. सब्जी की कीमतों में इजाफा होने से किचन का बजट पूरी तरह से बिगड़ गया है.
हरी सब्जियों की बढ़ती महंगाई के चलते हमारे किचन का बजट बिगड़ गया है. :ग्राहक
सर्दियों में पहले हरी सब्जियां सस्ती हो जाया करती थीं अब तो महंगाई का पारा हमेशा ऊपर ही रहता है. :ग्राहक
बारिश के मौसम में ज्यादा बारिश होने से सब्जियों की खेती बर्बाद हो गई. बारिश की वजह से कीतमें चढ़ी हैं. यहां के टमाटर बाहर राज्यों में भेजे जाते हैं. :टी श्रीनिवास रेड्डी, अध्यक्ष, राजधानी के थोक सब्जी मंडी
''कब कम होंगे दाम'': ग्राहकों का कहना है कि सब्जियों के दाम कम होने चाहिए. कीमतों को काबू में रखने के लिए सरकार को भी कोशिश करनी चाहिए. ग्राहकों का कहना है कि ठंड के समय में बच्चे अपने घरों में स्पेशल आइटम की डिमांड करते हैं लेकिन सब्जियों के दाम बढ़े होने के कारण परिवार के लोग उन्हें स्पेशल आइटम बनाकर नहीं दे पा रहे. इसके साथ ही ठंड के मौसम में टमाटर की चटनी का अपना अलग ही मजा होता है पर महंगाई की मार ने टमाटर की चटनी का स्वाद भी फीका कर दिया है.
''ज्यादा बारिश होने से बढ़े रेट'': राजधानी के थोक सब्जी मंडी के अध्यक्ष टी श्रीनिवास रेड्डी ने बताया कि ठंड के समय में सब्जियों के दाम कम रहते हैं. इस बार सब्जियों के दाम बढे हुए हैं. इसके साथ ही परिस्थितिया विपरीत हैं. सब्जियों के दाम थोक में बढ़ने के कारण चिल्लर में भी ग्राहकों को सब्जियां महंगी पड़ रही है. बारिश ज्यादा होने के कारण उत्पादन भी काम हुआ है. इसके साथ ही पश्चिम बंगाल, दिल्ली और मुंबई जैसे राज्यों से लोग छत्तीसगढ़ से टमाटर ले जा रहे हैं. टमाटर के दाम के साथ ही दूसरी सब्जियों के उत्पादन पर भी प्रभाव पड़ा है.
सब्जियों के भाव
- आलू थोक में 28 से 32 रुपए प्रति किलोग्राम बिक रहा है. चिल्लर में 40 से 45 रुपए प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा है.
- प्याज थोक में 45 से 60 रुपए प्रति किलोग्राम बिक रहा है. चिल्लर में 50 से 70 रुपए प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा है.
- अदरक थोक में 40 रुपए प्रति किलोग्राम बिक रहा है. चिल्लर में 60 से 80 रुपए प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा है.
- लहसुन थोक में 300 से 350 रुपए प्रति किलोग्राम बिक रहा है. चिल्लर में 300 से 400 रुपए प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा है.
- धनिया थोक में 40 से 45 रुपए प्रति किलोग्राम और चिल्लर में 60 से 70 रुपए प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा है.
- कुंदरु थोक में 25 से 30 रुपए प्रति किलोग्राम और चिल्लर में 40 से 45 रुपए प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा है.
- टमाटर थोक में 45 से 50 रुपए प्रति किलोग्राम बिक रहा है. चिल्लर में 60 से 70 रुपए प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा है.
- सेमी थोक में 60 से 70 रुपए प्रति किलोग्राम और चिल्लर में 90 से 100 रुपए प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा है.
- परवल थोक में 40 रुपए प्रति किलोग्राम और चिल्लर में 60 रुपए प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा है.
- फूलगोभी थोक में 30 से 35 रुपए प्रति किलोग्राम बिक रहा है. चिल्लर में 50 से 60 रुपए प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा है.
- पत्ता गोभी थोक में 20 से 25 रुपए प्रति किलोग्राम और चिल्लर में 40 से 45 रुपए प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा है.
- मटर थोक में 50 से 60 रुपए प्रति किलोग्राम बिक रहा है. चिल्लर में 70 से 80 रुपए प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा है.
- गाजर थोक में 25 से 30 रुपए और चिल्लर में 40 से 50 रुपए प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा है.
- हरी मिर्च थोक में 15 से 20 रुपए प्रति किलोग्राम बिक रहा है. चिल्लर में 25 से 30 रुपए प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा है.
- लौकी थोक में 15 से 20 रुपए प्रति किलोग्राम और चिल्लर में 35 से 40 रुपए प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा है.
- भाटा थोक में 30 से 35 रुपए प्रति किलोग्राम और चिल्लर में 40 से 50 रुपए प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा है.
- खीरा थोक में 25 से 35 रुपए प्रति किलोग्राम और चिल्लर में 40 से 50 रुपए प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा है.
- चुकंदर थोक में 50 से 60 रुपए प्रति किलोग्राम और चिल्लर में 70 से 80 रुपया प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा है.
- भिंडी थोक में 45 से 50 रुपए और चिल्लर में 60 से 70 रुपए प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा है.
- करेला थोक में 35 से 40 रुपए प्रति किलोग्राम बिक रहा है. चिल्लर में 70 से 80 रुपए प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा है.
- शिमला मिर्च थोक में 35 से 40 रुपए प्रति किलोग्राम बिक रहा है. चिल्लर में 50 से 60 रुपए प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा है.
- लाल भाजी थोक में 15 से 20 रुपए प्रति किलोग्राम बिक रहा है. चिल्लर में 30 से 40 रुपए प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा है.
- पालक भाजी थोक में 20 से 25 रुपए प्रति किलोग्राम और चिल्लर में 40 से 50 रुपए प्रति किलोग्राम चल रहा है