फरीदाबाद: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बुधवार को हरियाणा दौरे पर रहीं. उन्होंने फरीदाबाद के जेसी बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने छात्रों को सम्मानित कर डिग्रियां बांटी. वर्ष 2023 में अपनी डिग्री पूरी करने वाले 1536 विद्यार्थियों और शोधार्थियों को राष्ट्रपति ने उपाधियां प्रदान की. जिसमें 998 स्नातक, 525 स्नातकोत्तर और 13 पीएचडी शामिल हैं. डिग्री प्राप्त करने वालों में 874 छात्र और 662 छात्राएं हैं.
जेसी बोस विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह: इसके अलावा समारोह में दो मेधावी छात्रों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए. इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत चौथी औद्योगिक क्रांति से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने और इससे उत्पन्न होने वाले अवसरों का लाभ उठाने के लिए तैयार है. प्रौद्योगिकी का उपयोग उचित और सतत विकास और जनहित के लिए किया जाना चाहिए. आज दुनिया चौथी औद्योगिक क्रांति के दौर में है.
आज technology के विकास से उन्नति के कई मार्ग खुले हैं। जैसे दूर-दराज के क्षेत्रों में internet पहुँचने से online रोजगार के अनेक अवसर पैदा हुए हैं। लेकिन हमें याद रखना चाहिए कि technology का उपयोग समुचित एवं सतत विकास और जनहित के लिए हो। pic.twitter.com/KJhdrwm9Em
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 21, 2024
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रही शामिल: उन्होंने कहा कि भारत भी इस क्रांति की चुनौतियों का सामना करने और इससे उत्पन्न होने वाले अवसरों का लाभ उठाने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि इस राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने में जेसी बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी. राष्ट्रपति ने कहा कि विश्वविद्यालय ने पिछले कुछ वर्षों में कई औद्योगिक और शैक्षणिक संस्थानों के साथ समझौते किए हैं. कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने छात्रों को प्रशिक्षित करने के लिए विश्वविद्यालय परिसर में उत्कृष्टता केंद्र भी स्थापित किए हैं.
इंटरनेट का सही इस्तेमाल करने की दी सलाह: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आज प्रौद्योगिकी के विकास के कारण प्रगति के कई रास्ते खुल गए हैं. उदाहरण के लिए, दूरदराज के इलाकों में इंटरनेट की पहुंच ने ऑनलाइन रोजगार के अवसर पैदा किए हैं, लेकिन हमें यह याद रखना चाहिए कि तकनीक का इस्तेमाल उचित और सतत विकास तथा जनहित के लिए किया जाना चाहिए. इसका गलत इस्तेमाल विनाशकारी हो सकता है.
मुझे खुशी है कि पिछले पाँच दशकों से भी अधिक समय से जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय युवाओं को कुशल और आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस संस्थान के पूर्व विद्यार्थियों की एक प्रभावशाली सूची है जो देश-विदेश में कई क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य… pic.twitter.com/m3dguly4mY
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 21, 2024
विश्वविद्यालय की सराहना की: राष्ट्रपति ने युवाओं को कुशल और आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए विश्वविद्यालय की सराहना की. राष्ट्रपति ने कहा कि विश्वविद्यालय का नाम महान वैज्ञानिक और आधुनिक विज्ञान के प्रणेता जगदीश चंद्र बोस के नाम पर रखा गया है, जो शायद दुनिया के पहले वैज्ञानिक थे. जिन्होंने वैज्ञानिक रूप से साबित किया कि पेड़-पौधों में भी भावनाएं होती हैं. राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी क्रांतिकारी खोज ने वनस्पति जगत को देखने के हमारे नजरिए को बदल दिया, उन्होंने छात्रों से उनके जीवन से प्रेरणा लेने और तकनीक के जरिए समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का आग्रह किया.