दंतेवाड़ा: राष्ट्रपति वीरता पदक का ऐलान हो गया है. छत्तीसगढ़ को कुल 11 मेडल मिले हैं. जिसमें दंतेवाड़ा को सबसे ज्यादा मेडल हासिल हुए हैं. छत्तीसगढ़ की पहली महिला डीएसपी अंजू कुमारी को अदम्य साहस के लिए राष्ट्रपति वीरता पदक मिला है. प्रदेश को मिले कुल 11 राष्ट्रपति वीरता पदक में से 9 पदक दंतेवाड़ा को प्राप्त हुआ है. इंस्पेक्टर संजय पोटाम को तीसरी बार राष्ट्रपति वीरता पदक प्राप्त हुआ है. कुटरू में शहीद हुए जवान बुधराम कोरसा को भी मरणोपरांत राष्ट्रपति पदक दिया गया है.
दंतेवाड़ा के जवानों को राष्ट्रपति वीरता पदक: दंतेवाड़ा के जिन पुलिस अधिकारियों और जवानों को राष्ट्रपति वीरता पदक मिला है. उसमें डिप्टी एसपी अंजू कुमारी, इंस्पेक्टर संजय पोटाम, एसाई चैतराम गुरूपंच, शहीद प्रधान आरक्षक बुधराम कोरसा, प्रधान आरक्षक हेमला नंदू, प्रधान आरक्षक प्यारस मिंज, प्रधान आरक्षक कमलेश मरकाम और आरक्षक मनोज पुनेम शामिल हैं. इन्हें गणतंत्र दिवस पर सम्मानित किया जाएगा. दंतेवाड़ा में गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य कार्यक्रम में इन्हें सम्मान प्रदान किया जाएगा.
डीएसपी अंजू कुमारी के बारे में जानिए: 18 दिसंबर 2021 को दंतेवाड़ा के अरनपुर और सुकमा के गोंडेरास में 50 से 60 नक्सलियों की सूचना मिली थी. इस इनपुट के आधार पर डीएसपी अंजू कुमारी अपनी टीम के साथ नक्सल ऑपरेशन पर निकलीं. उन्होंने पोटाली मिच्चीपारा इलाके में 2 माओवादियों को मार गिराया.
निरीक्षक संजय पोटाम के बारे में जानिए: 15 जुलाई 2021 को दंतेवाड़ा के फरसपाल के पेद्दापाल ढोलकल इलाके में नक्सलियों के मौजूदगी की सूचना मिली. इस सूचना पर इंस्पेक्टर संजय पोटाम ने नक्सल ऑपरेशन की अगुवाई की. ऑपरेशन में तीन हथियारबंद नक्सली मारे गए. इस ऑपरेशन में सफलता के संजय पोटाम को राष्ट्रपति वीरता पदक देने का ऐलान किया गया है.
इसी तरह 14 मार्च 2022 को दंतेवाड़ा और सुकमा के बॉर्डर में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी. इस इनपुट पर एसआई चैतराम गुरुपंच के नेतृत्व में नक्सल ऑपरेशन शुरू हुआ. गोरली और मुथेली के बीच नक्सलियों और फोर्स के बीच फायरिंग हुई. इस ऑपरेशन में दो नक्सलियों का काम तमाम हुआ. इस ऑपरेशन में सफलता के लिए एसआई चैतराम गुरूपंच को राष्ट्रपति वीरता पदक से नवाजे जाने की घोषणा हुई है.