नई दिल्ली: दिल्ली से कश्मीर के बीच सीधी ट्रेन की यात्रा जनवरी 2025 से शुरू हो सकती है. रेलवे अधिकारियों के अनुसार इसका अधिकांश काम पूरा हो चुका है. दिसंबर के पहले सप्ताह में कमिश्नर ऑफ़ रेलवे सेफ्टी इस प्रोजेक्ट का निरीक्षण करेंगे. संगलदान और रियासी के बीच का ट्रैक का काम पूरा हो चुका है और रेलवे सुरक्षा निदेशक इसका निरीक्षण भी कर चुके हैं. लेकिन दिसंबर के पहले सप्ताह में एक बार फिर से सुरक्षा का निरीक्षण करेंगे. जिसके बाद ही इस रेल रूट पर ट्रेन के संचालन की तारीख निर्धारित की जाएगी.
संगलदान से कटरा मार्ग पर ट्रेन चलाने की योजना : रियासी से कटरा तक का काम भी तेजी से चल रहा है. संगलदान और रियासी के बीच ट्रेन चलाने की योजना को संशोधित किया गया है, और अब यह निर्णय लिया गया है कि संगलदान से कटरा तक 63 किलोमीटर के मार्ग पर ट्रेनें एक साथ चलेंगी. ट्रनल -33 का काम जारी है और दिसंबर तक पूरा हो जाएगा, रियासी से कटरा के बीच 17 किलोमीटर की रेलवे लाइन पर स्थित चार स्टेशनों का काम भी इस वर्ष के अंत तक पूरा हो जाएगा.
दिल्ली-बारामुला रेलवे लाइन: यह भी चर्चा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 जनवरी को दिल्ली-बारामुला रेलवे लाइन को राष्ट्र को समर्पित कर सकते हैं. हालांकि रेलवे के अधिकारी ट्रेन संचालन की निर्धारित तारीख पर कुछ बोलने से बच रहे हैं. बता दें कि केंद्रीय रेल राज्य मंत्री और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री रवीनीत सिंह बिट्टू और रेलवे सुरक्षा निदेशक USBRL परियोजना का निरीक्षण कर चुके हैं. मंत्री रवीनीत सिंह बिट्टू ने एक बयान में कहा था कि मुझे विश्वास है कि यह परियोजना जनवरी तक पूरी हो जाएगी और पीएम इसका उद्घाटन करेंगे.
ट्रेन संचालन की तारीख अब तक निर्धारित नहीं :रेलवे अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक रेलवे सुरक्षा निदेशक दिसम्बर के पहले सप्ताह में कटरा से रियासी के बीच 17 किलोमीटर रेल रूट पर सुरक्षा का निरीक्षण करेंगे. इसके बाद ही ट्रेन संचालन को हरी झंडी मिल सकती है. ऐसे में अभी ट्रेन संचालन की तारीख निर्धारित नहीं की गई है. लेकिन चालू वित्तीय वर्ष में इस रूट पर ट्रेन चलाने की योजना है.
USBRL परियोजना में 38 सुरंगें हैं, जिनकी कुल लंबाई 119 किलोमीटर है, जिसमें देश की सबसे लंबी परिवहन सुरंग, सुरंग T-49, भी शामिल है, जिसकी लंबाई 12.75 किलोमीटर है. इसमें 927 पुल हैं, जिनकी कुल लंबाई 13 किलोमीटर है. इनमें से एक प्रमुख आकर्षण है चेनाब ब्रिज, जो एक इंजीनियरिंग चमत्कार है और नदी के तल से 359 मीटर ऊंचा है, जो एफिल टावर से लगभग 35 मीटर अधिक ऊंचा है. यह पुल उच्चतम तीव्रता वाले भूकंप और 260 किलोमीटर प्रति घंटा की हवाओं को सहन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
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