अजमेर. राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी अपने विधायक क्षेत्र में जिला आपूर्ति सुधार को लेकर एक्शन मोड पर आ गए हैं. देवनानी के निर्देश पर फॉयसागर झील से शहर को मीठे पानी की आपूर्ति की तैयारी शुरू कर दी है. गुरुवार को देवनानी ने खुद फॉयसागर रोड स्थित फिल्टर प्लांट में जाकर तमाम व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया. देवनानी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि गर्मी से पहले संपूर्ण पेयजल प्रबंधन को सर्वोच्च प्राथमिकता दें. इसमें किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
देवनानी ने गुरुवार को अजमेर शहर में पेयजल व्यवस्था में सुधार के लिए महत्वपूर्ण बैठक ली. उन्होंने सर्किट हाउस में आयोजित बैठक में पेयजल आपूर्ति में सुधार करने एवं दीर्घकालिक प्रबंधन को लेकर अधिकारियों से चर्चा की. इसके बाद देवनानी ने वैशाली रोड फिल्टर प्लांट पर जाकर भी व्यवस्थाओं का जायज लिया. देवनानी ने फॉयसागर झील से शहर में होने वाली जलापूर्ति की व्यवस्थाओं को खुद देखा और अधिकारियों को निर्देशित किया है कि जल आपूर्ति का खाका इस तरह से तैयार किया जाए कि प्रत्येक क्षेत्र को पर्याप्त मात्रा में पेयजल सप्लाई मिल सके. अधिकारियों ने देवनानी को बताया कि फॉयसागर से 3 एमएलडी पानी लिया जाएगा. साथ ही पानी को समान रूप से वितरित करने की व्यवस्था की जाएगी.
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भविष्य को देखते हुए हो योजना तैयार: देवनानी ने अधिकारियों से कहा कि जलापूर्ति में सुधार के साथ ही भविष्य को देखते हुए भी योजना तैयार की जाए. इसके लिए अमृत योजना फेज द्वितीय के तहत पूर्व में तैयार किए गए प्रस्तावों को दोबारा तैयार किया जाए और उन्हें शहर की आवश्यकताओं के अनुरूप दोबारा डिजाइन किया जाए. देवनानी ने अधिकारियों को कहा कि शहर में लीकेज को तुरंत सुधारा जाए एवं जलापूर्ति के समय सभी स्तर के अधिकारी खुद पेट्रोलिंग करें. साथ ही इन क्षेत्रों में जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर तुरंत तैयार कर पेयजल की आपूर्ति करवाई जाए. उन्होंने कहा कि अवैध कनेक्शन और अवैध बूस्टरों के खिलाफ भी कार्रवाई हो.
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यह है जलदाय विभाग का एक्शन प्लान: अधिकारियों ने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को जानकारी दी कि वर्ष 2010 तक फॉयसागर झील से जल उपलब्धता के अनुसार प्रतिदिन 10 से 15 घंटे जल वितरण किया जाता रहा था. बीसलपुर द्वितीय फेज आरंभ होने के बाद फॉयसागर के जल का पेयजल आपूर्ति के लिए उपयोग नहीं हो पाया. अब फिल्टर प्लांट से 8 महीने के लिए 8 एमएलडी पानी की आपूर्ति की जा सकती है. झील से फिल्टर प्लांट तक पाइपलाइन की हाइड्रो टेस्टिंग की जा रही है. इसी तरह शहर के प्रमुख कुएं और बावड़ियों से भी जलापूर्ति के प्रस्ताव तैयार किया जा रहे हैं.
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लोकसभा चुनाव में कहीं बन न जाए पेयजल किल्लत का मुद्दा: अजमेर में पेयजल की समस्या काफी पुरानी है. हर चुनाव में पेयजल का मुद्दा हावी रहता है और नुकसान सत्ता पक्ष की पार्टी को होता है. आगामी दिनों में लोकसभा चुनाव होने है. ऐसे में अजमेर में पेयजल का मुद्दा हावी नहीं हो, इसके लिए गर्मी से पहले ही अजमेर में पेयजल प्रबंधन को सुधारने के लिए प्रयास शुरू हो गए हैं. देवनानी ने कहा कि 2018 तक शहर में पेयजल व्यवस्था ठीक थी. इसके बाद 2023 आते—आते पेयजल समस्या को लेकर दिक्कतें शुरू हो गई.