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बनारस में अप्रैल में रोपवे की हो सकती है शुरुआत, जनवरी के पहले हफ्ते में ट्रायल रन की तैयारी - VARANASI NEWS

VARANASI NEWS : कमिश्नर का कहना है कि इस प्रोजेक्ट को तेजी से आगे बढ़ाने की दिशा में काम शुरू किया गया है.

रोपवे के काम ने पकड़ी रफ्तार
रोपवे के काम ने पकड़ी रफ्तार (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 6, 2024, 7:01 PM IST

Updated : Dec 7, 2024, 6:06 AM IST

वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट रोपवे का काम अब रफ्तार पकड़ चुका है. वाराणसी में रोपवे के काम को तेजी से आगे बढ़ते हुए अब जनवरी के पहले सप्ताह में इसके ट्रायल की तैयारी शुरू हो गई है. माना जा रहा है कि तैयार हुए कैंट, भारत माता मंदिर और रथयात्रा वाले स्टेशनों के बीच रोपवे के गोंडोला (केबल कार) का ट्रायल जनवरी के पहले सप्ताह से फरवरी के बीच में शुरू हो जाएगा और मार्च या अप्रैल अंत तक रोपवे के तीनों स्टेशनों को तैयार करके इस पर संचालन की तैयारी शुरू की जाएगी.

10 से 15 दिनों के अंदर खत्म हो जाएगा पुलिंग ट्रायल का पहला फेज : दरअसल, 2 दिन पहले से ही वाराणसी में रोपवे के रस्सी पुलिंग को शुरू किया गया है. काशी विद्यापीठ भारत माता मंदिर से लेकर कैंट रेलवे स्टेशन तक रोपवे पुलिंग का काम ड्रोन और अन्य तकनीकी चीजों से जारी किया जा रहा है. पुलिंग ट्रायल का पहला फेज लगभग 10 से 15 दिनों के अंदर खत्म हो जाएगा. इस बारे में कमिश्नर कौशल राज शर्मा का कहना है कि इस प्रोजेक्ट को तेजी से आगे बढ़ाने की दिशा में काम शुरू किया गया है.

बनारस में शुरू होने वाली गोंडोला की खास खबर (Video credit: ETV Bharat)


ट्रायल की शुरुआत जनवरी में करने की तैयारी : जनवरी के पहले सप्ताह में रोपवे के पहले गोंडोला ट्रायल की शुरुआत करने की तैयारी की जा रही है. अप्रैल 2025 तक इस काम को पूरा होना था, लेकिन चुनावी प्रक्रिया व अन्य कुछ कार्यों की वजह से काम पूरा नहीं हो सका है, लेकिन जो तीन स्टेशन हैं, रेलवे स्टेशन, भारत माता मंदिर और रथ यात्रा इनको बनाने का काम अप्रैल तक पूरा करके हैंडोवर ले लिया जाएगा. यह काम अभी लगभग 80% पूरा हुआ है.

अब स्टेशनों को फाइनल टच देने के साथ ही अन्य तकनीकी पर काम किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट की इंचार्ज पूजा मिश्रा का कहना है कि पहले फेज में एक मिली मीटर मोटी फाइबर रोपवे को छोटे ड्रोन की मदद से खींचने का काम किया जा रहा है. इसके बाद सेकंड फेज में 12, 26 और 52 मिलीमीटर की रोपवे को पुल करते हुए इसे खींचने का काम किया जाएगा. लगभग 3 सप्ताह के अंदर इस काम को पूरा करके ट्रायल की शुरुआत जनवरी में करने की तैयारी की जा रही है.

एक नजर में समझिए पूरा प्रोजेक्ट:
- स्विजरलैंड की कंपनी इसका निर्माण कर रही है.
- पहले चरण में 3.8 किलोमीटर परिधि में शुरू होगा रोपवे.
- कैंट स्टेशन गोदौलिया चौराहे तक होगा इसका संचालन, बनेंगे कुल चार रोपवे स्टेशन.
- वाराणसी कैंट भारत माता मंदिर, रथ यात्रा और गोदौलिया पर स्टेशनों का हो रहा निर्माण.
- लगभग 4 किलोमीटर के सफर को तय करने में 16 मिनट का समय लगेगा.
- 50 मीटर ऊंचाई पर 10 पैसेंजर को एक बार में लेकर होगी संचालित.
- लगभग 60 मिनट में 600 ट्रालियां ऊपर से गुजरेंगे जिसमें 6000 यात्री सफर कर सकेंगे.
- इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण और अन्य शिफ्टिंग काम में 644.49 करोड़ रुपए खर्च होने हैं.


रोपवे का स्टेशन लगभग तैयार : फिलहाल वाराणसी में देश के पहले अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे परियोजना के अब लगभग पूरा होने का समय नजदीक आ रहा है. कैंट रेलवे स्टेशन, भारत माता मंदिर विद्यापीठ, रथयात्रा रोपवे का स्टेशन लगभग तैयार हो चुका है और इसके फाइनल टच के साथ ही इसकी इमारत को फाइनल लुक देने का काम किया जा रहा है. हर स्टेशन पर भगवान का त्रिशूल और डमरू का डिजाइन भी रहेगा और यह अपने आप में अद्भुत तरीके से तैयार हुआ है.

लगभग 15 टावरों के इंस्टॉल होने के बाद ढाई किलोमीटर की रस्सी पुलिंग का काम स्विट्जरलैंड की स्पेशल और विशेषज्ञों की टीम शुरू कर चुकी है. प्रत्येक टावर पर पांच तरह के रूप लगाए जा रहे हैं, जिनकी थिकनेस से लेकर क्वालिटी भी अलग-अलग होगी ताकि मजबूती के साथ कोई समझौता न हो सके.

कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने बताया कि रोपवे के गोदौलिया स्टेशन का स्ट्रक्चर भी अब कुछ बदला हुआ नजर आएगा. स्ट्रक्चर स्विट्जरलैंड में बनकर तैयार हो रहा है. फिलहाल गोदौलिया के रोपवे स्टेशन के स्थान के परिवर्तन की भी चर्चा है. इसके बाद काम थोड़ा और लेट हो सकता है. कमिश्नर कौशल लाल शर्मा का कहना है कि काम तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है अप्रैल तक रोपवे की शुरुआत करने की तैयारी की जा रही है और तीनों स्टेशनों को फाइनल टच देकर इसे जल्द शुरू करने की प्लानिंग की गई है.

वहीं गोदौलिया चौराहे पर बनने वाले रेलवे स्टेशन को लेकर कुछ जनप्रतिनिधियों ने वाराणसी की सांस्कृतिक विरासत को नुकसान होने की आशंका जताई थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो दिन पहले ही हुई बैठक में इस स्थान की जगह कुछ पहले गोदौलिया चौराहे के स्थान पर गिरजाघर पर नए स्टेशन बनाने की अनुमति दी है.

यह भी पढ़ें : बनारस का रोपवे: हर 2 मिनट में मिलेगा गोंडोला, एक घंटे में 6000 लोग कर सकेंगे सफर; स्टेशन से विश्वनाथ मंदिर सिर्फ 16 मिनट में - varanasi ropeway

यह भी पढ़ें : बनारस में 28 पिलर्स पर दौड़ेंगी 148 गोंडोला, मेट्रो की तर्ज पर डिजिटल पेमेंट की होगी व्यवस्था, जानिए क्या है तैयारी - Varanasi News

वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट रोपवे का काम अब रफ्तार पकड़ चुका है. वाराणसी में रोपवे के काम को तेजी से आगे बढ़ते हुए अब जनवरी के पहले सप्ताह में इसके ट्रायल की तैयारी शुरू हो गई है. माना जा रहा है कि तैयार हुए कैंट, भारत माता मंदिर और रथयात्रा वाले स्टेशनों के बीच रोपवे के गोंडोला (केबल कार) का ट्रायल जनवरी के पहले सप्ताह से फरवरी के बीच में शुरू हो जाएगा और मार्च या अप्रैल अंत तक रोपवे के तीनों स्टेशनों को तैयार करके इस पर संचालन की तैयारी शुरू की जाएगी.

10 से 15 दिनों के अंदर खत्म हो जाएगा पुलिंग ट्रायल का पहला फेज : दरअसल, 2 दिन पहले से ही वाराणसी में रोपवे के रस्सी पुलिंग को शुरू किया गया है. काशी विद्यापीठ भारत माता मंदिर से लेकर कैंट रेलवे स्टेशन तक रोपवे पुलिंग का काम ड्रोन और अन्य तकनीकी चीजों से जारी किया जा रहा है. पुलिंग ट्रायल का पहला फेज लगभग 10 से 15 दिनों के अंदर खत्म हो जाएगा. इस बारे में कमिश्नर कौशल राज शर्मा का कहना है कि इस प्रोजेक्ट को तेजी से आगे बढ़ाने की दिशा में काम शुरू किया गया है.

बनारस में शुरू होने वाली गोंडोला की खास खबर (Video credit: ETV Bharat)


ट्रायल की शुरुआत जनवरी में करने की तैयारी : जनवरी के पहले सप्ताह में रोपवे के पहले गोंडोला ट्रायल की शुरुआत करने की तैयारी की जा रही है. अप्रैल 2025 तक इस काम को पूरा होना था, लेकिन चुनावी प्रक्रिया व अन्य कुछ कार्यों की वजह से काम पूरा नहीं हो सका है, लेकिन जो तीन स्टेशन हैं, रेलवे स्टेशन, भारत माता मंदिर और रथ यात्रा इनको बनाने का काम अप्रैल तक पूरा करके हैंडोवर ले लिया जाएगा. यह काम अभी लगभग 80% पूरा हुआ है.

अब स्टेशनों को फाइनल टच देने के साथ ही अन्य तकनीकी पर काम किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट की इंचार्ज पूजा मिश्रा का कहना है कि पहले फेज में एक मिली मीटर मोटी फाइबर रोपवे को छोटे ड्रोन की मदद से खींचने का काम किया जा रहा है. इसके बाद सेकंड फेज में 12, 26 और 52 मिलीमीटर की रोपवे को पुल करते हुए इसे खींचने का काम किया जाएगा. लगभग 3 सप्ताह के अंदर इस काम को पूरा करके ट्रायल की शुरुआत जनवरी में करने की तैयारी की जा रही है.

एक नजर में समझिए पूरा प्रोजेक्ट:
- स्विजरलैंड की कंपनी इसका निर्माण कर रही है.
- पहले चरण में 3.8 किलोमीटर परिधि में शुरू होगा रोपवे.
- कैंट स्टेशन गोदौलिया चौराहे तक होगा इसका संचालन, बनेंगे कुल चार रोपवे स्टेशन.
- वाराणसी कैंट भारत माता मंदिर, रथ यात्रा और गोदौलिया पर स्टेशनों का हो रहा निर्माण.
- लगभग 4 किलोमीटर के सफर को तय करने में 16 मिनट का समय लगेगा.
- 50 मीटर ऊंचाई पर 10 पैसेंजर को एक बार में लेकर होगी संचालित.
- लगभग 60 मिनट में 600 ट्रालियां ऊपर से गुजरेंगे जिसमें 6000 यात्री सफर कर सकेंगे.
- इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण और अन्य शिफ्टिंग काम में 644.49 करोड़ रुपए खर्च होने हैं.


रोपवे का स्टेशन लगभग तैयार : फिलहाल वाराणसी में देश के पहले अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे परियोजना के अब लगभग पूरा होने का समय नजदीक आ रहा है. कैंट रेलवे स्टेशन, भारत माता मंदिर विद्यापीठ, रथयात्रा रोपवे का स्टेशन लगभग तैयार हो चुका है और इसके फाइनल टच के साथ ही इसकी इमारत को फाइनल लुक देने का काम किया जा रहा है. हर स्टेशन पर भगवान का त्रिशूल और डमरू का डिजाइन भी रहेगा और यह अपने आप में अद्भुत तरीके से तैयार हुआ है.

लगभग 15 टावरों के इंस्टॉल होने के बाद ढाई किलोमीटर की रस्सी पुलिंग का काम स्विट्जरलैंड की स्पेशल और विशेषज्ञों की टीम शुरू कर चुकी है. प्रत्येक टावर पर पांच तरह के रूप लगाए जा रहे हैं, जिनकी थिकनेस से लेकर क्वालिटी भी अलग-अलग होगी ताकि मजबूती के साथ कोई समझौता न हो सके.

कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने बताया कि रोपवे के गोदौलिया स्टेशन का स्ट्रक्चर भी अब कुछ बदला हुआ नजर आएगा. स्ट्रक्चर स्विट्जरलैंड में बनकर तैयार हो रहा है. फिलहाल गोदौलिया के रोपवे स्टेशन के स्थान के परिवर्तन की भी चर्चा है. इसके बाद काम थोड़ा और लेट हो सकता है. कमिश्नर कौशल लाल शर्मा का कहना है कि काम तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है अप्रैल तक रोपवे की शुरुआत करने की तैयारी की जा रही है और तीनों स्टेशनों को फाइनल टच देकर इसे जल्द शुरू करने की प्लानिंग की गई है.

वहीं गोदौलिया चौराहे पर बनने वाले रेलवे स्टेशन को लेकर कुछ जनप्रतिनिधियों ने वाराणसी की सांस्कृतिक विरासत को नुकसान होने की आशंका जताई थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो दिन पहले ही हुई बैठक में इस स्थान की जगह कुछ पहले गोदौलिया चौराहे के स्थान पर गिरजाघर पर नए स्टेशन बनाने की अनुमति दी है.

यह भी पढ़ें : बनारस का रोपवे: हर 2 मिनट में मिलेगा गोंडोला, एक घंटे में 6000 लोग कर सकेंगे सफर; स्टेशन से विश्वनाथ मंदिर सिर्फ 16 मिनट में - varanasi ropeway

यह भी पढ़ें : बनारस में 28 पिलर्स पर दौड़ेंगी 148 गोंडोला, मेट्रो की तर्ज पर डिजिटल पेमेंट की होगी व्यवस्था, जानिए क्या है तैयारी - Varanasi News

Last Updated : Dec 7, 2024, 6:06 AM IST
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