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आईएएस राजशेखर के खिलाफ झूठे शिकायतकर्ता प्रेमनाथ को न्यायिक हिरासत में भेजा गया

False complaint accused Premnath arrested: दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग के सचिव वाईवीवीजे राजशेखर के खिलाफ झूठी शिकायत करने वाले अंडमान और निकोबार द्वीप सिविल सेवा (DANICS) अधिकारी एवी प्रेम नाथ को दिल्ली पुलिस ने तिरुपति से गिरफ्तार कर लिया है.और मंगलवार को कोर्ट ने उसे हिरासत में भेज दिया है.

राजशेखर के खिलाफ झूठे शिकायतकर्ता प्रेमनाथ गिरफ्तार
राजशेखर के खिलाफ झूठे शिकायतकर्ता प्रेमनाथ गिरफ्तार
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Mar 6, 2024, 11:53 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार में सतर्कता विभाग के सचिव वाईवीवीजे राजशेखर के खिलाफ शिकायत मुकदमा दर्ज करने के लिए नकुल कश्यप को प्रेरित करने और उसके नाम से फर्जी ईमेल करने के आरोपित अधिकारी एवी प्रेमनाथ को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने आंध्र प्रदेश के तिरुपति से गिरफ्तार कर लिया. प्रेमनाथ को आरपीएफ और जीआरपी की मदद से सोमवार को तिरुपति रेलवे स्टेशन पर हिरासत में लिया गया. दिल्ली पुलिस की एक टीम तिरुपति पहुंची और उसे दिल्ली लाया गया और ड्यूटी मजिस्ट्रेट तीस हजारी कोर्ट दिल्ली के सामने पेश किया गया. कोर्ट के आदेशानुसार उसे मंगलवार को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

दरअसल, नकुल कश्यप की शिकायत पर राजशेखर के खिलाफ 16 जून 2023 को आईपी स्टेट थाने में विभिन्न धाराओं में आईपीसी के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि राजशेखर के खिलाफ झूठी शिकायत करने के लिए उन्हें दिल्ली में एक अधिकारी प्रेमनाथ ने प्रेरित किया था. उन्होंने उसे वाईवीवीजे राजशेखर के खिलाफ एससी/एसटी अधिनियम के प्रावधानों के तहत मुकदमा दर्ज कराने के लिए कहा था. इसके लिए एवी प्रेमनाथ ने नकुल कश्यप की फर्जी ई-मेल आईडी बनाई थी और दिल्ली सरकार के विभिन्न अधिकारियों को वाईवीवीजे राजशेखर के खिलाफ नकुल कश्यप के नाम से झूठी शिकायत मेल की थी. मामले की प्रारंभिक जांच मध्य जिले में की गई और बाद में मामला तीन नवंबर 2023 को अपराध शाखा को स्थानांतरित कर दिया गया.

कथित एवी प्रेमनाथ ने एफआईआर को रद्द करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था, लेकिन इसे 22 जनवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था. नोटिस देने के बावजूद प्रेमनाथ जांच में शामिल नहीं हुआ. साथ ही भूमिगत हो गया और सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दायर किया, लेकिन उसे भी कोर्ट द्वारा 21 फरवरी को खारिज कर दिया गया. फिर 22 फरवरी को ट्रायल कोर्ट से आरोपी एवी प्रेमनाथ के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया. उसका पता लगाने के लिए तकनीकी निगरानी बढ़ाई गई और कई जगहों पर छापेमारी की गई.

निरंतर प्रयासों के बाद, एवी प्रेमनाथ का पता लगाया गया, जब वह तिरुपति तक काल्पनिक नाम बच्ची राम के तहत आंध्र प्रदेश संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे थे. राजशेखर पर दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भी आरोप लगाया था कि राजशेखर का सीबीआई, सीवीसी और सतर्कता के रडार पर रहने का इतिहास रहा है. साथ ही संवेदनशील फाइलों को अनाधिकृत रूप से अपने कब्जे में रखने की उनकी आदत रही है.

पिछले दिनों जब सर्विसेस को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पक्ष में आदेश दिया था, तब दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने राजशेखर से जिम्मेदारी वापस ले ली थी, हालांकि बाद में उन्हें सतर्कता निदेशालय द्वारा बहाल कर दिया गया था. 18 नवंबर को दिल्ली पुलिस को लिखे अपने पत्र में राजशेखर ने लिखा कि था कि पूर्व दानिक्स अधिकारी एवी प्रेम नाथ ने जानबूझकर अधोहस्ताक्षरकर्ता को नुकसान पहुंचाने के इरादे से एक गलत दस्तावेज और झूठी शिकायत बनाई. साथ ही बिना किसी दस्तावेजी सबूत और साक्ष्य के अधोहस्ताक्षरी और अन्य अधिकारियों को नुकसान पहुंचाने के इरादे से लापरवाह आरोप लगाए.

ये भी पढ़ें : आईएएस अधिकारी वाईवीवीजे राजशेखर को बड़ी राहत, सेवा कदाचार के आरोप में जांच समिति ने दी क्लीन चिट

राजशेखर ने लिखा था कि इसलिए अनुरोध किया जाता है कि आईपीसी आदि के उचित प्रावधानों के संदर्भ में प्रेम नाथ के खिलाफ उचित आपराधिक कार्रवाई की जाए. उन्होंने एनडीएमसी में अपने कार्यकाल के दौरान प्रेम नाथ के खिलाफ शिकायतों, ओबीसी जाति प्रमाण पत्र से संबंधित मामले सहित अन्य शिकायतों का भी उल्लेख किया था.
ये भी पढ़ें : राजशेखर ने शिकायतकर्ता नकुल कश्यप के खिलाफ पुलिस में दी शिकायत, कहा- लगाए फर्जी आरोप

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार में सतर्कता विभाग के सचिव वाईवीवीजे राजशेखर के खिलाफ शिकायत मुकदमा दर्ज करने के लिए नकुल कश्यप को प्रेरित करने और उसके नाम से फर्जी ईमेल करने के आरोपित अधिकारी एवी प्रेमनाथ को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने आंध्र प्रदेश के तिरुपति से गिरफ्तार कर लिया. प्रेमनाथ को आरपीएफ और जीआरपी की मदद से सोमवार को तिरुपति रेलवे स्टेशन पर हिरासत में लिया गया. दिल्ली पुलिस की एक टीम तिरुपति पहुंची और उसे दिल्ली लाया गया और ड्यूटी मजिस्ट्रेट तीस हजारी कोर्ट दिल्ली के सामने पेश किया गया. कोर्ट के आदेशानुसार उसे मंगलवार को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

दरअसल, नकुल कश्यप की शिकायत पर राजशेखर के खिलाफ 16 जून 2023 को आईपी स्टेट थाने में विभिन्न धाराओं में आईपीसी के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि राजशेखर के खिलाफ झूठी शिकायत करने के लिए उन्हें दिल्ली में एक अधिकारी प्रेमनाथ ने प्रेरित किया था. उन्होंने उसे वाईवीवीजे राजशेखर के खिलाफ एससी/एसटी अधिनियम के प्रावधानों के तहत मुकदमा दर्ज कराने के लिए कहा था. इसके लिए एवी प्रेमनाथ ने नकुल कश्यप की फर्जी ई-मेल आईडी बनाई थी और दिल्ली सरकार के विभिन्न अधिकारियों को वाईवीवीजे राजशेखर के खिलाफ नकुल कश्यप के नाम से झूठी शिकायत मेल की थी. मामले की प्रारंभिक जांच मध्य जिले में की गई और बाद में मामला तीन नवंबर 2023 को अपराध शाखा को स्थानांतरित कर दिया गया.

कथित एवी प्रेमनाथ ने एफआईआर को रद्द करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था, लेकिन इसे 22 जनवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था. नोटिस देने के बावजूद प्रेमनाथ जांच में शामिल नहीं हुआ. साथ ही भूमिगत हो गया और सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दायर किया, लेकिन उसे भी कोर्ट द्वारा 21 फरवरी को खारिज कर दिया गया. फिर 22 फरवरी को ट्रायल कोर्ट से आरोपी एवी प्रेमनाथ के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया. उसका पता लगाने के लिए तकनीकी निगरानी बढ़ाई गई और कई जगहों पर छापेमारी की गई.

निरंतर प्रयासों के बाद, एवी प्रेमनाथ का पता लगाया गया, जब वह तिरुपति तक काल्पनिक नाम बच्ची राम के तहत आंध्र प्रदेश संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे थे. राजशेखर पर दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भी आरोप लगाया था कि राजशेखर का सीबीआई, सीवीसी और सतर्कता के रडार पर रहने का इतिहास रहा है. साथ ही संवेदनशील फाइलों को अनाधिकृत रूप से अपने कब्जे में रखने की उनकी आदत रही है.

पिछले दिनों जब सर्विसेस को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पक्ष में आदेश दिया था, तब दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने राजशेखर से जिम्मेदारी वापस ले ली थी, हालांकि बाद में उन्हें सतर्कता निदेशालय द्वारा बहाल कर दिया गया था. 18 नवंबर को दिल्ली पुलिस को लिखे अपने पत्र में राजशेखर ने लिखा कि था कि पूर्व दानिक्स अधिकारी एवी प्रेम नाथ ने जानबूझकर अधोहस्ताक्षरकर्ता को नुकसान पहुंचाने के इरादे से एक गलत दस्तावेज और झूठी शिकायत बनाई. साथ ही बिना किसी दस्तावेजी सबूत और साक्ष्य के अधोहस्ताक्षरी और अन्य अधिकारियों को नुकसान पहुंचाने के इरादे से लापरवाह आरोप लगाए.

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राजशेखर ने लिखा था कि इसलिए अनुरोध किया जाता है कि आईपीसी आदि के उचित प्रावधानों के संदर्भ में प्रेम नाथ के खिलाफ उचित आपराधिक कार्रवाई की जाए. उन्होंने एनडीएमसी में अपने कार्यकाल के दौरान प्रेम नाथ के खिलाफ शिकायतों, ओबीसी जाति प्रमाण पत्र से संबंधित मामले सहित अन्य शिकायतों का भी उल्लेख किया था.
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