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इलाज में लापरवाही से प्रसूता की मौत का मामला, अस्पताल पर लगा 12 लाख रुपये हर्जाना - Agra Hospital Fined

राज्य उपभोक्ता आयोग ने प्रसूता के इलाज में लापरवाही बरतने पर आगरा के कमलानगर स्थित रश्मि मेडिकेयर सेंटर पर 12 लाख रुपये का हर्जाना (State Consumer Commission order) लगाया है. साथ ही मानसिक उत्पीड़न के रूप में दो लाख और वाद व्यय के 20 हजार रुपये देने का आदेश दिया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 23, 2024, 4:39 PM IST

आगरा : राज्य उपभोक्ता आयोग ने इलाज में लापरवाही बरतने की वजह से प्रसूता की मौत के मामले में आगरा के अस्पताल पर 12 लाख रुपये का हर्जाना लगाया है. साथ ही राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने पांच साल का 9 फीसदी सालाना की दर से ब्याज भी देने के निर्देश दिए हैं.

आगरा के कमलानगर निवासी रामू ने शिकायत की थी कि पत्नी ऊषा देवी गर्भवती थीं. उनकी कमलानगर स्थित रश्मि मेडिकेयर सेंटर में नियमित जांच हो रही थी. दो मई 2018 को जांच के लिए गई पत्नी ऊषादेवी को भर्ती कर लिया. इसके बाद 3 मई को पत्नी ने बेटे को जन्म दिया. उसी दिन शाम पत्नी की तबीयत बिगड़ गई.

उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी. ऑपरेशन होने की वजह से अत्यधिक रक्तस्राव होने पर 4 मई को उसे सिनर्जी प्लस अस्पताल में रेफर कर दिया गया. जहां पर 25 मई तक उपचार चला. जब उपचार में आराम नहीं मिला, तो जयपुर स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रेफर सेंटर में भर्ती कराया. वहां पर उपचार के दौरान 13 जून को उनकी मृत्यु हो गई.

स्टेट मेडिको लीगल की रिपोर्ट में ऊषा देवी की मौत की वजह अस्पताल इलाज में बरती लापरवाही बताई गई. इस पर ऊषा के पति रामू ने राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील की. दोनों पक्षों को सुनने के बाद आयोग के अध्यक्ष व न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने कहा कि मामले में रश्मि मेडिकेयर की लापरवाही सामने आई है. जब प्रसूता का हीमोग्लोबिन केवल 6 था, तो उसका ऑपरेशन नहीं किया जाना चाहिए.

रश्मि मेडिकेयर में चिकित्सकों में ऑपरेशन के दौरान गंभीर लापरवाही बरती थी. आयोग के अध्यक्ष व न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने अपने निर्देश में लिखा है कि शेष दोनों अस्पतालों की कोई लापरवाही नहीं पाई गई. उन्होंने रश्मि मेडिकेयर पर 10 लाख रुपये का हर्जाना लगाया है. साथ ही मानसिक उत्पीड़न के रूप में दो लाख रुपये और वाद व्यय के 20 हजार भी देने का आदेश दिया.
यह भी पढ़ें : दस साल बाद नर्सिंग होम की लापरवाही पर लगाया 30 लाख का जुर्माना - Varanasi News

यह भी पढ़ें : बीमा कंपनियों की मनमानी पर कोर्ट का डंडा! नियम-शर्तें अब बड़े अक्षरों में लोकल और सरल भाषा में छापना होगा

आगरा : राज्य उपभोक्ता आयोग ने इलाज में लापरवाही बरतने की वजह से प्रसूता की मौत के मामले में आगरा के अस्पताल पर 12 लाख रुपये का हर्जाना लगाया है. साथ ही राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने पांच साल का 9 फीसदी सालाना की दर से ब्याज भी देने के निर्देश दिए हैं.

आगरा के कमलानगर निवासी रामू ने शिकायत की थी कि पत्नी ऊषा देवी गर्भवती थीं. उनकी कमलानगर स्थित रश्मि मेडिकेयर सेंटर में नियमित जांच हो रही थी. दो मई 2018 को जांच के लिए गई पत्नी ऊषादेवी को भर्ती कर लिया. इसके बाद 3 मई को पत्नी ने बेटे को जन्म दिया. उसी दिन शाम पत्नी की तबीयत बिगड़ गई.

उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी. ऑपरेशन होने की वजह से अत्यधिक रक्तस्राव होने पर 4 मई को उसे सिनर्जी प्लस अस्पताल में रेफर कर दिया गया. जहां पर 25 मई तक उपचार चला. जब उपचार में आराम नहीं मिला, तो जयपुर स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रेफर सेंटर में भर्ती कराया. वहां पर उपचार के दौरान 13 जून को उनकी मृत्यु हो गई.

स्टेट मेडिको लीगल की रिपोर्ट में ऊषा देवी की मौत की वजह अस्पताल इलाज में बरती लापरवाही बताई गई. इस पर ऊषा के पति रामू ने राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील की. दोनों पक्षों को सुनने के बाद आयोग के अध्यक्ष व न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने कहा कि मामले में रश्मि मेडिकेयर की लापरवाही सामने आई है. जब प्रसूता का हीमोग्लोबिन केवल 6 था, तो उसका ऑपरेशन नहीं किया जाना चाहिए.

रश्मि मेडिकेयर में चिकित्सकों में ऑपरेशन के दौरान गंभीर लापरवाही बरती थी. आयोग के अध्यक्ष व न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने अपने निर्देश में लिखा है कि शेष दोनों अस्पतालों की कोई लापरवाही नहीं पाई गई. उन्होंने रश्मि मेडिकेयर पर 10 लाख रुपये का हर्जाना लगाया है. साथ ही मानसिक उत्पीड़न के रूप में दो लाख रुपये और वाद व्यय के 20 हजार भी देने का आदेश दिया.
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