लखनऊ: प्रयागराज से मेरठ के बीच निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे के महाकुंभ से पहले पूरा होने पर सवाल उठ रहे हैं. उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे निर्माण प्राधिकरण यानी यूपीडा खुद मान रहा है, कि अब तक करीब 65% काम पूरा हुआ है. ऐसे में अगले एक महीने में एक्सप्रेस वे पूरा कैसे होगा, यह बहुत बड़ा सवाल है. 594 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे में अभी कई स्ट्रेच ऐसे हैं, जहां काम धीमा चल रहा है.
प्रयागराज महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू होगा. 8 दिसंबर तक यह सड़क अभी भी पूरे होने के लक्ष्य से काफी पीछे नजर आ रही है. कई जगह अभी जमीनी स्तर के काम बाकी हैं. रेस्ट प्लाजा के काम तो अभी 20% तक भी पूरे नहीं किए जा सके हैं. ऐसे में दिल्ली, मेरठ और लखनऊ जैसे बड़े शहरों से प्रयागराज महाकुंभ में आना और जाना दोनों ही बहुत दूर हो सकता है. इस एक्सप्रेसवे को पूरा करने के लिए अगले एक महीने में करीब इतना काम करना पड़ेगा, जितना पिछले एक साल में हुआ है.
करीब तीन साल पहले यूपीडा ने गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण शुरू किया था. जिनको तीन स्ट्रेच में बनाया जा रहा है. 594 किलोमीटर इस एक्सप्रेसवे की शुरुआत प्रयागराज से होगी. जो कि मेरठ पर जाकर समाप्त होगा. प्रयागराज से शुरू होकर यह एक्सप्रेसवे प्रतापगढ़, रायबरेली, उन्नाव, हरदोई, शाहजहांपुर, बदायूं, संभल, अमरोहा, बुलंदशहर और हापुड़ से मेरठ पहुंचेगा. बीच में उन्नाव के पास यह लखनऊ - आगरा एक्सप्रेसवे से कनेक्ट होगा. जिससे आगरा और लखनऊ की ओर जाने वाले यात्रियों को भी प्रयागराज और मेरठ तक जाने का रास्ता मिल जाएगा. इस परियोजना पर लगभग 35 हजार करोड का खर्च आ रहा है.
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एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी ने अपनी वेबसाइट पर 2 दिसंबर तक अपडेट किया है, कि गंगा एक्सप्रेसवे की ओवरऑल प्रोग्रेस 65% है. जिसमें अर्थ वर्क 87%, कैरेजवे 100%, मेन कैरिज भी में जीएसबी मानक 68%, WMM में कैरेजवे में करीब 64%, DBM में कैरेजवे में करीब 62%, टोटल स्ट्रक्चर जो 1489 बने हैं. अब तक जो रफ्तार है, उस हिसाब से 3 साल में 65% काम हुआ है. ऐसे में मात्र 35 दिन में बचे हुए है. इतने कम दिनों में बचे हुए काम को कैसे पूरा किया जाएगा, यह एक बड़ा सवाल है.
सरकार का दावा है, कि महाकुंभ में करीब 45 करोड़ लोगों के आने की संभावना है. अगर यह संख्या तथ्य परक है, तो गंगा एक्सप्रेसवे का महत्व और अधिक बढ़ जाता है. इसलिए इसका समय पर पूरा हो जाना और लोकार्पण होना बहुत जरूरी है. वरना लखनऊ से प्रयागराज सड़क की हालत ऐसी नहीं है की बड़ी संख्या में वाहनों के आवागमन पर यह आसानी से सफर करा सके. इसलिए, अगले 30 दिन उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण को हर हाल में इस एक्सप्रेसवे को पूरा ही करना पड़ेगा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लगभग 3 साल पहले जब इस सड़क का शिलान्यास किया था. तब से पहले दिन से यह दावा किया गया था, कि सड़क का निर्माण महाकुंभ 2025 से पहले पूरा हो जाएगा. इसके लिए दिसंबर 2021 की डेडलाइन दी गई थी. लेकिन, जिस तरह की अपडेट यूपीडा की वेबसाइट पर की गयी है, उससे तो यही प्रतीत होता है, कि अगले 35 दिन में इतना काम करना पड़ेगा, जितना पिछले लगभग एक साल में किया गया है.
दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनोज कुमार सिंह लगातार यह दावा कर रहे हैं, कि समय पर इस गंगा एक्सप्रेसवे का लोकार्पण हो जाएगा. सड़क पर वाहन दौड़ना शुरू हो जाएंगे. उनका कहना है, कि गंगा एक्सप्रेसवे की प्रगति संतुष्टि परक है. हम सही दिशा में चल रहे हैं.
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