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इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में छात्रों का प्रदर्शन जारी, सुरक्षा गार्ड्स पर कंबल बिस्तर छीनने और धमकाने का आरोप

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में छात्र के साथ अभद्रता मामले में आक्रोशित छात्रों का धरना प्रदर्शन शनिवार को भी जारी रहा. वहीं, छात्रों ने अब विश्वविद्यालय प्रशासन के सुरक्षागार्डस पर कंबल व बिस्तर छीनने और धमकाने का आरोप लगाया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 3, 2024, 7:48 PM IST

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में छात्रों का धरना प्रदर्शन.

प्रयागराज : इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के छात्रों का धरना प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी रहा. 29 जनवरी की घटना के बाद से छात्र लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. लेकिन, गुरुवार शाम से छात्रों ने दिन रात का अनवरत धरना यूनिवर्सिटी के लाइब्रेरी गेट पर शुरू कर दिया. गेट के अंदर बाहर प्रदर्शन करने को लेकर छात्रों और यूनिवर्सिटी के सुरक्षा गार्डों के बीच लगातार नोकझोंक होती है. छात्रों का आरोप है कि गार्ड उनके साथ अभद्रता करते हैं और डंडे के बल पर उन्हें धरनास्थल से खदेड़ने का प्रयास करते हैं. यही नहीं गार्ड्स छात्रों का कंबल व गद्दा तक छीन चुके हैं, जो पुलिस की मदद से वापस मिला.

इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के छात्रों का अनवरत धरना प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी है. शुक्रवार को जहां दिनभर छात्र गेट के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. शनिवार सुबह छात्रों से उनका बिस्तर कंबल सुरक्षा गार्डों ने छीन लिया. पुलिस के हस्तक्षेप के बाद कंबल बिस्तर वापस मिले. वहीं शनिवार को लाइब्रेरी गेट पर लगाए गए चार तालों को खोलकर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने गेट भी खोल दिया गया. इसके बाद से छात्र गेट पर ही बैठकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्र अभिषेक को इंसाफ दिलाने की मांग को लेकर ट्वीटर समेत अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी अभियान शुरू किया गया है.

पीड़ित छात्र को अब सुरक्षा गार्डों से डर : 29 जनवरी को चीफ प्रॉक्टर और उनकी टीम द्वारा प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाने वाले छात्र अभिषेक गुप्ता ने अब सुरक्षा गार्डों से भी खतरा बताया है. छात्र का कहना है कि वह शांतिपूर्ण तरीके से बैठकर धरना प्रदर्शन कर खुद के लिए इंसाफ की मांग कर रहा है, लेकिन इस दौरान यूनिवर्सिटी प्रशासन के द्वारा कैम्पस में तैनात सुरक्षा गार्ड लगातार उन्हें धमका रहे हैं और कड़कड़ाती ठंड वाली रात और सुबह उनके बिस्तर तक को छीन लेते हैं. धरनास्थल पर पानी फेंक दिया जाता है. अभिषेक का आरोप है कि गार्ड्स उसे लगातार परेशान कर रहे हैं और वे उसके साथ कुछ भी कर सकते हैं. इस वजह से उसे अब विश्वविद्यालय के सुरक्षा गार्ड्स से भी डर लगने लगा है. अभिषेक ने यूनिवर्सिटी की वीसी प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव से इंसाफ दिए जाने की मांग की है.

अभिषेक के समर्थन में सोशल मीडिया में अभियान : चीफ प्रॉक्टर डॉ. राकेश सिंह और असिस्टेंट चीफ प्रॉक्टर को पद से हटाने और प्रोक्टोरियल बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर छात्रों ने अब सोशल मीडिया में भी अभियान शुरू कर दिया है. सोशल मीडिया में छेड़े गए अभियान के तहत छात्र के साथ मारपीट बदसलूकी गाली गलौच करने के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है. धरना प्रदर्शन कर रहे छात्रों का भी कहना है कि जब तक अभिषेक गुप्ता को इंसाफ नहीं मिलता है तब तक उनका धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.

बता दें कि 29 जनवरी को परास्नातक के छात्र अभिषेक गुप्ता को चीफ प्रॉक्टर के ऑफिस में बुलाकर प्रोक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों द्वारा ऑफिस में बुलाकर मारपीट करने का आरोप लगा है. साथ ही छात्र के कपड़े उतरवाने और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए गालियां दिए जाने का भी आरोप है. छात्र के साथ हुए उत्पीड़न को लेकर विश्वविद्यालय के छात्र लगातार आंदोलन कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि कई बार शिकायत के बावजूद उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है. यूनिवर्सिटी प्रशासन के साथ ही पुलिस भी उनकी तहरीर पर यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ केस नहीं दर्ज कर रहा है.

यह भी पढ़ें : इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में बवालः कपड़े उतरवाने से नाराज छात्रों ने सड़क जाम कर किया प्रदर्शन, रजिस्ट्रार पर फेंकी स्याही
यह भी पढ़ें : इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में मिले बम और कारतूस, जानिए किसने रखे थे

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में छात्रों का धरना प्रदर्शन.

प्रयागराज : इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के छात्रों का धरना प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी रहा. 29 जनवरी की घटना के बाद से छात्र लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. लेकिन, गुरुवार शाम से छात्रों ने दिन रात का अनवरत धरना यूनिवर्सिटी के लाइब्रेरी गेट पर शुरू कर दिया. गेट के अंदर बाहर प्रदर्शन करने को लेकर छात्रों और यूनिवर्सिटी के सुरक्षा गार्डों के बीच लगातार नोकझोंक होती है. छात्रों का आरोप है कि गार्ड उनके साथ अभद्रता करते हैं और डंडे के बल पर उन्हें धरनास्थल से खदेड़ने का प्रयास करते हैं. यही नहीं गार्ड्स छात्रों का कंबल व गद्दा तक छीन चुके हैं, जो पुलिस की मदद से वापस मिला.

इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के छात्रों का अनवरत धरना प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी है. शुक्रवार को जहां दिनभर छात्र गेट के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. शनिवार सुबह छात्रों से उनका बिस्तर कंबल सुरक्षा गार्डों ने छीन लिया. पुलिस के हस्तक्षेप के बाद कंबल बिस्तर वापस मिले. वहीं शनिवार को लाइब्रेरी गेट पर लगाए गए चार तालों को खोलकर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने गेट भी खोल दिया गया. इसके बाद से छात्र गेट पर ही बैठकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्र अभिषेक को इंसाफ दिलाने की मांग को लेकर ट्वीटर समेत अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी अभियान शुरू किया गया है.

पीड़ित छात्र को अब सुरक्षा गार्डों से डर : 29 जनवरी को चीफ प्रॉक्टर और उनकी टीम द्वारा प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाने वाले छात्र अभिषेक गुप्ता ने अब सुरक्षा गार्डों से भी खतरा बताया है. छात्र का कहना है कि वह शांतिपूर्ण तरीके से बैठकर धरना प्रदर्शन कर खुद के लिए इंसाफ की मांग कर रहा है, लेकिन इस दौरान यूनिवर्सिटी प्रशासन के द्वारा कैम्पस में तैनात सुरक्षा गार्ड लगातार उन्हें धमका रहे हैं और कड़कड़ाती ठंड वाली रात और सुबह उनके बिस्तर तक को छीन लेते हैं. धरनास्थल पर पानी फेंक दिया जाता है. अभिषेक का आरोप है कि गार्ड्स उसे लगातार परेशान कर रहे हैं और वे उसके साथ कुछ भी कर सकते हैं. इस वजह से उसे अब विश्वविद्यालय के सुरक्षा गार्ड्स से भी डर लगने लगा है. अभिषेक ने यूनिवर्सिटी की वीसी प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव से इंसाफ दिए जाने की मांग की है.

अभिषेक के समर्थन में सोशल मीडिया में अभियान : चीफ प्रॉक्टर डॉ. राकेश सिंह और असिस्टेंट चीफ प्रॉक्टर को पद से हटाने और प्रोक्टोरियल बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर छात्रों ने अब सोशल मीडिया में भी अभियान शुरू कर दिया है. सोशल मीडिया में छेड़े गए अभियान के तहत छात्र के साथ मारपीट बदसलूकी गाली गलौच करने के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है. धरना प्रदर्शन कर रहे छात्रों का भी कहना है कि जब तक अभिषेक गुप्ता को इंसाफ नहीं मिलता है तब तक उनका धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.

बता दें कि 29 जनवरी को परास्नातक के छात्र अभिषेक गुप्ता को चीफ प्रॉक्टर के ऑफिस में बुलाकर प्रोक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों द्वारा ऑफिस में बुलाकर मारपीट करने का आरोप लगा है. साथ ही छात्र के कपड़े उतरवाने और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए गालियां दिए जाने का भी आरोप है. छात्र के साथ हुए उत्पीड़न को लेकर विश्वविद्यालय के छात्र लगातार आंदोलन कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि कई बार शिकायत के बावजूद उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है. यूनिवर्सिटी प्रशासन के साथ ही पुलिस भी उनकी तहरीर पर यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ केस नहीं दर्ज कर रहा है.

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