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प्रयागराज महाकुंभ में पहली बार संगम पर तैनात होगी वाटर स्कूटर ब्रिगेड, पानी के अंदर भी ड्रोन से होगी निगरानी - Prayagraj Maha Kumbh 2025

अगले साल जनवरी मनें प्रयागराज में महाकुंभ मेला लगेगा. इसे लेकर प्रदेश सरकार की ओर से तमाम तरह की तैयारियां की जा रही है. सुरक्षा के साथ ही निगरानी के लिए तमाम आधुनिक उपकरणों का भी सहारा लिया जाएगा.

महाकुंभ मेले के लिए किए जा रहे खास इंतजाम.
महाकुंभ मेले के लिए किए जा रहे खास इंतजाम. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 20, 2024, 7:21 AM IST

प्रयागराज : महाकुंभ 2025 में आने वाले करोड़ों स्नानर्थियों की सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक बनाने के लिए कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं. महाकुंभ में पहली बार नदी के पानी के नीचे निगरानी के लिए अंडर वाटर ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा. नदी में पानी की सतह की निगरानी के लिए पहली बार वाटर स्कूटर ब्रिगेड तैनात की जाएगी. जनवरी 2025 में संगम किनारे त्रिवेणी तट पर महाकुंभ मेला लगेगा.

मेले को दिव्य भव्य और नव्य स्वरूप देने के साथ यूपी सरकार सुरक्षा पर भी पूरा ध्यान दे रही है. महाकुंभ मेला क्षेत्र में कल्पवासियों के साथ ही आने जाने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुरक्षा के लिए सभी तरह की सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है. कुंभ मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा शासन और सरकार की पहली प्राथमिकता है. उसी के लिए घाटों और नदियों में किसी भी प्रकार की दुर्घटना की स्थिति में विशेष प्रकार से सुरक्षा सतर्कता बरती जाएगी.

कुंभ मेला अधिकारी ने बताया कि अंडर वाटर सेफ्टी के लिए पहली बार कई नई व्यवस्थाएं की जा रहीं हैं. इसके साथ ही मेले में घाटों की संख्या बढ़ाने के कारण नदियों में 8 किलोमीटर तक डीप वाटर बैरिकेडिंग की जाएगी. वहीं गंगा यमुना की सतह और जल के अंदर की सुरक्षा पीएसी और जल पुलिस को सौंपी गई है. पीएसी जल के अंदर बाहर सुरक्षा के लिए इस बार कई नए प्रयोग करने की तैयारी में है.

पीएसी के पूर्वी जोन के डीआईजी राजीव नारायण मिश्रा ने बताया कि पहली बार जल के अंदर अंडर वाटर ड्रोन से निगरानी की जाएगी. इसकी मदद से दुर्घटना के समय पानी के नीचे जन धन की वास्तविक स्थिति का पता लगाया जा सकेगा. इस कार्य में सोनार रेडियो तरंगों का भी इस्तेमाल किया जाएगा. नदी के पानी के अंदर किसी भी आकस्मिक जरूरत में तुरंत मदद के लिए पहली बार वाटर स्कूटर ब्रिगेड तैनात की जाएगी.

डीआईजी पूर्वी जोन पीएसी राजीव नारायण मिश्रा के मुताबिक वाटर स्कूटर ब्रिगेड 25 वाटर स्कूटर से लैस होंगे. ये कभी भी जरूरत पड़ने पर नदी में तुरंत मदद के लिए मौके पर पहुंचेंगे. इसके अलावा नदी में संगम और वीआईपी घाट के पास दो फ्लोटिंग रेस्क्यू स्टेशन भी बनाए जाएंगे. यहां प्राथमिक उपचार के साथ दुर्घटना की स्थिति में निपटने के लिए सभी आवश्यक उपकरण भी मौजूद रहेंगे. इसके साथ ही पीएसी को मेला के दौरान सुरक्षा के लिए अलग से नावें और अनाकोंडा बोट भी उपलब्ध कराई जाएगी. इसकी खरीद के लिए अक्टूबर माह में टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.

यह भी पढ़ें : आगरा से चलेंगी इंटरनेशनल फ्लाइट्स; पीएम मोदी देंगे बड़ी सौगात, जानिए क्या है पूरा प्रोजेक्ट

प्रयागराज : महाकुंभ 2025 में आने वाले करोड़ों स्नानर्थियों की सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक बनाने के लिए कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं. महाकुंभ में पहली बार नदी के पानी के नीचे निगरानी के लिए अंडर वाटर ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा. नदी में पानी की सतह की निगरानी के लिए पहली बार वाटर स्कूटर ब्रिगेड तैनात की जाएगी. जनवरी 2025 में संगम किनारे त्रिवेणी तट पर महाकुंभ मेला लगेगा.

मेले को दिव्य भव्य और नव्य स्वरूप देने के साथ यूपी सरकार सुरक्षा पर भी पूरा ध्यान दे रही है. महाकुंभ मेला क्षेत्र में कल्पवासियों के साथ ही आने जाने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुरक्षा के लिए सभी तरह की सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है. कुंभ मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा शासन और सरकार की पहली प्राथमिकता है. उसी के लिए घाटों और नदियों में किसी भी प्रकार की दुर्घटना की स्थिति में विशेष प्रकार से सुरक्षा सतर्कता बरती जाएगी.

कुंभ मेला अधिकारी ने बताया कि अंडर वाटर सेफ्टी के लिए पहली बार कई नई व्यवस्थाएं की जा रहीं हैं. इसके साथ ही मेले में घाटों की संख्या बढ़ाने के कारण नदियों में 8 किलोमीटर तक डीप वाटर बैरिकेडिंग की जाएगी. वहीं गंगा यमुना की सतह और जल के अंदर की सुरक्षा पीएसी और जल पुलिस को सौंपी गई है. पीएसी जल के अंदर बाहर सुरक्षा के लिए इस बार कई नए प्रयोग करने की तैयारी में है.

पीएसी के पूर्वी जोन के डीआईजी राजीव नारायण मिश्रा ने बताया कि पहली बार जल के अंदर अंडर वाटर ड्रोन से निगरानी की जाएगी. इसकी मदद से दुर्घटना के समय पानी के नीचे जन धन की वास्तविक स्थिति का पता लगाया जा सकेगा. इस कार्य में सोनार रेडियो तरंगों का भी इस्तेमाल किया जाएगा. नदी के पानी के अंदर किसी भी आकस्मिक जरूरत में तुरंत मदद के लिए पहली बार वाटर स्कूटर ब्रिगेड तैनात की जाएगी.

डीआईजी पूर्वी जोन पीएसी राजीव नारायण मिश्रा के मुताबिक वाटर स्कूटर ब्रिगेड 25 वाटर स्कूटर से लैस होंगे. ये कभी भी जरूरत पड़ने पर नदी में तुरंत मदद के लिए मौके पर पहुंचेंगे. इसके अलावा नदी में संगम और वीआईपी घाट के पास दो फ्लोटिंग रेस्क्यू स्टेशन भी बनाए जाएंगे. यहां प्राथमिक उपचार के साथ दुर्घटना की स्थिति में निपटने के लिए सभी आवश्यक उपकरण भी मौजूद रहेंगे. इसके साथ ही पीएसी को मेला के दौरान सुरक्षा के लिए अलग से नावें और अनाकोंडा बोट भी उपलब्ध कराई जाएगी. इसकी खरीद के लिए अक्टूबर माह में टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.

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