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प्रयागराज में संगम की रेती के घाट पर अंतिम संस्कार बंद, अब रसूलाबाद जाना होगा - PRAYAGRAJ GHATS

prayagraj ghats: महाकुंभ को दिव्य और भव्य बनाने के उद्देश्य से संगम की रेती पर बने अंतिम संस्कार के घाट हुए बंद.

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अंतिम संस्कार के घाट हुए बंद (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 1, 2024, 7:02 PM IST

प्रयागराज: अगर आप किसी अपने का अंतिम संस्कार संगम की रेती पर बने घाट पर करने आ रहे हैं, तो आप ना आए. क्योंकि अब संगम की रेती पर बना घाट पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है. सदैव पुरानी परंपरा अब रसूलाबाद घाट पर की जाएगी. संगम क्षेत्र में कहीं भी अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा. घाट पर अंतिम संस्कार करने वाले लोगों की मानें, तो इसके बंद होने से उनको जीवकोपार्जन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इनका कहना है कि यह सदियों पुरानी परंपरा है, जो पहली बार बंद हुई है. इसके पहले भी कुंभ हुआ करता था. तो इसी क्षेत्र में कहीं घाट शिफ्ट हो जाता था. लेकिन, इस बार प्रशासन ने ऐसा नहीं किया है.

नगर निगम विद्युत शवदाह गृह के कर्मचारियों की मानें, तो पहले की अपेक्षा इलेक्ट्रिक मशीन के जरिए अंतिम संस्कार में आने वालों की संख्या बढ़ गई है. वहीं, कर्मकांडियों की मानें तो उनका पूरी तरह से रोजगार बंद हो गया है. इनका कहना है, कि आसपास से ही नहीं दूरदराज के लोग अंतिम संस्कार करने यहां आते हैं.

पुरोहित अनिल मिश्रा और कर्मकांडी अभय राज ने दी जानकारी (Photo Credit; ETV Bharat)

इसे भी पढ़ें- महाकुंभ 2025; NGT ने गंगा की वर्तमान स्थिति की रिपोर्ट प्रस्तुत न करने पर जताई नाराजगी, पर्यावरण मंत्रालय के प्रमुख सचिव को किया तलब

महाकुंभ के लिए स्वक्षता, दिव्य और भव्य कुंभ बनाने के लिए इस कदम को उठाया गया है. लेकिन, बड़ी समस्या उन लोगों को हो रही है, जो यहां पर रह कर अंतिम संस्कार करवाते थे. अब उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. उनकी मानें तो विगत के कुंभ में यहां से हटकर दूसरी जगह विस्थापित कर दिया जाता था. लेकिन, इसे कभी बंद नहीं किया जाता था. इस वर्ष पूरी प्रक्रिया को बंद करा दिया गया है.

इनकी प्रशासन से अपील है कि हमें अन्यंत्र कहीं स्थान प्रदान कर दिया जाये, जिससे हमारा जीवन चलता रहे. प्रदेश सरकार कुंभ को पूरे देश में नजीर पेश करना चाहती है. इसलिए तरह-तरह के स्वच्छता अभियान चलाया जा रहे हैं, ताकि कुंभ क्षेत्र को स्वच्छ बनाया जा सके.


यह भी पढ़ें-महाकुंभ मेले 2025 के दौरान गंगा यमुना का प्रदूषण कम करने का प्रयास करें: एनजीटी - NGT on pollution in Ganga Yamuna

प्रयागराज: अगर आप किसी अपने का अंतिम संस्कार संगम की रेती पर बने घाट पर करने आ रहे हैं, तो आप ना आए. क्योंकि अब संगम की रेती पर बना घाट पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है. सदैव पुरानी परंपरा अब रसूलाबाद घाट पर की जाएगी. संगम क्षेत्र में कहीं भी अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा. घाट पर अंतिम संस्कार करने वाले लोगों की मानें, तो इसके बंद होने से उनको जीवकोपार्जन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इनका कहना है कि यह सदियों पुरानी परंपरा है, जो पहली बार बंद हुई है. इसके पहले भी कुंभ हुआ करता था. तो इसी क्षेत्र में कहीं घाट शिफ्ट हो जाता था. लेकिन, इस बार प्रशासन ने ऐसा नहीं किया है.

नगर निगम विद्युत शवदाह गृह के कर्मचारियों की मानें, तो पहले की अपेक्षा इलेक्ट्रिक मशीन के जरिए अंतिम संस्कार में आने वालों की संख्या बढ़ गई है. वहीं, कर्मकांडियों की मानें तो उनका पूरी तरह से रोजगार बंद हो गया है. इनका कहना है, कि आसपास से ही नहीं दूरदराज के लोग अंतिम संस्कार करने यहां आते हैं.

पुरोहित अनिल मिश्रा और कर्मकांडी अभय राज ने दी जानकारी (Photo Credit; ETV Bharat)

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महाकुंभ के लिए स्वक्षता, दिव्य और भव्य कुंभ बनाने के लिए इस कदम को उठाया गया है. लेकिन, बड़ी समस्या उन लोगों को हो रही है, जो यहां पर रह कर अंतिम संस्कार करवाते थे. अब उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. उनकी मानें तो विगत के कुंभ में यहां से हटकर दूसरी जगह विस्थापित कर दिया जाता था. लेकिन, इसे कभी बंद नहीं किया जाता था. इस वर्ष पूरी प्रक्रिया को बंद करा दिया गया है.

इनकी प्रशासन से अपील है कि हमें अन्यंत्र कहीं स्थान प्रदान कर दिया जाये, जिससे हमारा जीवन चलता रहे. प्रदेश सरकार कुंभ को पूरे देश में नजीर पेश करना चाहती है. इसलिए तरह-तरह के स्वच्छता अभियान चलाया जा रहे हैं, ताकि कुंभ क्षेत्र को स्वच्छ बनाया जा सके.


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