गया: बिहार के बोधगया में जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने नीतीश सरकार के अलावा भाजपा और राजद पर जमकर प्रहार किया है. पीके ने मुख्यमंत्री पर बरसते हुए कहा कि बिहार में नकली और फर्जी शराबबंदी है. शराबबंदी के नाम पर घर-घर डिलीवरी हो रही है. थ्री एस यानि की शराबबंदी, सर्वे और स्मार्ट मीटर नीतीश की राजनीति के ताबूत की अंतिम कील साबित होंगे. वहीं, चुनाव में जो भी जदयू से लड़ने आएंगे, उन्हें जनता दौड़ा-दौड़ा कर मारेगी.
बिहार में नकली और फर्जी शराबबंदी: प्रशांत किशोर ने कहा है कि बिहार में नकली और फर्जी शराबबंदी है. इसे उखाड़कर फेंक देंगे. शराबबंदी के नाम पर होम डिलीवरी हो रही है. घर-घर शराब जा रही है. तीन से चार गुना अधिक दामों में बेची जा रही है. प्रशांत किशोर ने कहा कि शराबबंदी का अगर कोई फायदा तब हो जब लागू हो, लेकिन बिहार में शराबबंदी कहां है? घर-घर शराब माफिया हैं. उन्होंने कहा कि शराबबंदी हटनी चाहिए.
"थ्री एस मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राजनीति की ताबूत की अंतिम कील साबित होगी. यह थ्री एस शराबबंदी, सर्वे, स्मार्ट मीटर है. यदि इनके जो भी चुनाव लड़ेंगे तो जनता उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर मारने वाली है. थ्री एस नीतीश के राजनीतिक कैरियर को सील कर देगा. इतनी सीट भी नहीं आएगी कि किसी से समझौता कर सके."- प्रशांत किशोर, संस्थापक, जन सुराज
शराब के धंधे में लिप्त हैं नेता: पीके ने कहा कि राजद भाजपा, जदयू बताए कि उनके कितने नेता शराब के धंधे में लिप्त है. नीतीश सरकार का अधिकारी, सलाहकार शराब माफिया से पैसा ले रहा है. उन्होंने कहा कि बिहार में जहां 60 के करीब लोगों की मौतें जहरीली शराब से हुई है, वहां डेढ़ साल पहले भी 70 लोगों की मृत्यु जहरीली शराब के कारण हुई थी.
नकली और फर्जी शराबबंंदी: उन्होंने कहा कि बिहार में कोई ऐसा पंचायत नहीं है जहां 2-4 लोगों की मृत्यु जहरीली शराब से नहीं हुई है. नीतीश कुमार का अहंकार है कि वे पूर्ण शराबबंंदी बता रहे हैं. यह नकली और फर्जी शराबबंदी है. उन्होंने ने कहा कि शराबबंदी सिर्फ कागजों में है। जमीनी हकीकत यह है कि शराब की दुकानों को बंद कर दिया गया है, लेकिन ‘होम डिलीवरी’ धड़ल्ले से चल रही है।
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क्या उसी दलदल में फंस गए प्रशांत किशोर, जिस दलदल से निकालने की करते थे बात?