पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर प्रशांत किशोर की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. जन सुराज के बैनर तले लगातार पदयात्रा और कार्यक्रमों का दौर जारी है. इस बीच सदस्यता अभियान भी जोर पकड़ने लगा है. हालांकि चुनाव से पहले ही उनके सामने फंडिग की समस्या खड़ी होने लगी है. लिहाजा उन्होंने बिहार के लोगों से आर्थिक सहायता मांगी है. इसके लिए वह कैंपेन भी चलाएंगे. 2 अक्टूबर को राजनीतिक दल के सार्वजनिक ऐलान के साथ ही इसकी शुरुआत होगी.
हर शख्स से मांगेंगे 100 रुपये: चुनाव के समय पैसों की दिक्कत न हो, इसके लिए जन सुराज ने अभियान चलाने का फैसला किया है. इस बारे में प्रशांत किशोर ने कहा कि हमलोग बिहार के 2 करोड़ लोगों के बीच जाएंगे और उनसे कम से कम 100-100 रुपये की मदद मांगेंगे. 2 अक्टूबर से इस कैंपेन की शुरुआत होगी. उन्होंने कहा कि बिहार की जनसंख्या 13 करोड़ से अधिक है लेकिन अगर सिर्फ 2 करोड़ लोग भी 100-100 रुपये मदद कर दें तो 200 करोड़ रुपये पार्टी फंड में जमा हो जाएगा.
कहां से आता है पैसा?: फंडिंग को लेकर लगातार उठते सवालों पर भी प्रशांत किशोर ने अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा कि हम लोग अन्य नेताओं की तरह लूट-खसोटकर कमाए पैसों से चुनाव नहीं लड़ेंगे. पीके ने कहा कि मैंने पिछले 10 सालों में कई लोगों को मदद की है, फिलहाल तो उनसे ही आर्थिक सहायता लेकर काम चला रहा हूं.
बिहार में जाति से कैसे निपटेंगे?: प्रशांत किशोर ने इस दौरान बताया कि लोग उनसे अक्सर पूछते हैं कि बिहार में जाति की राजनीति होती है, ऐसे में कैसे जीतेंगे चुनाव? पीके ने कहा कि अगर कोई विचारधारा लोगों को प्रभावित करती है तो लोग जरूर वोट करते हैं. उन्होंने कहा कि मैं ये नहीं कहता कि जाति महत्वपूर्ण नहीं है लेकिन सिर्फ इसी के आधार पर लोग वोट नहीं करते हैं.
देवेंद्र यादव ने थामा दामन: प्रशांत किशोर के साथ राजनीतिक दलों के नेता लगातार जुड़ रहे हैं. इसी कड़ी में मंगलवार को 5 बार के सांसद रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव ने जन सुराज का दामन थामा. इससे पहले आरजेडी के पूर्व एमएलसी रामबली सिंह चंद्रवंशी, पूर्व सांसद मुनाजिर हसन, पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की पोती डॉक्टर जागृति, बक्सर से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके आनंद मिश्रा भी प्रशांत किशोर के साथ जुड़ चुके हैं. इसके अलावा करीब दो दर्जन पूर्व आईएएस और आईपीएस अधिकारी भी प्रशांत किशोर के साथ जुड़ चुके हैं.
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