पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2015 के रणनीतिकार और राजनीतिक कार्यकर्ता प्रशांत किशोर को मंगलवार को बेउर जेल से बिना शर्त जमानत मिल गई है. वे पिछले कुछ दिनों से बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के अभ्यर्थियों के समर्थन में अनशन कर रहे थे. उनके द्वारा अनशन की मांग यह थी कि बीपीएससी परीक्षा का पुनः आयोजन किया जाए, जिसमें कथित रूप से गड़बड़ी हुई थी.
प्रशांत किशोर को मिली बिना शर्त जमानत: प्रशांत किशोर ने इस मामले को लेकर सरकार और बीपीएससी के खिलाफ अपनी आवाज उठाई थी. उनके समर्थन में बड़ी संख्या में छात्र और अभ्यर्थी एकजुट हुए थे. पीके ने अनशन के माध्यम से प्रशासन पर दबाव बनाने की कोशिश की थी, ताकि इन छात्रों की समस्याओं का समाधान किया जा सके.
जेल से बाहर आए पीके: बता दें कि सोमवार को पटना पुलिस गांधी मैदान से उन्हें उठाकर ले गई थी. सोमवार को ही उनकी जमानत की प्रक्रिया पूरी हुई और उन्हें बिना किसी शर्त के जमानत मिल गई. अब वे जेल से बाहर आ गए हैं.
पटना पुलिस ने की थी कार्रवाई: बता दें कि प्रशांत किशोर पांच दिनों से बीपीएससी अभ्यर्थियों के साथ आमरण अनशन पर बैठे थे. पटना के गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के पास प्रतिबंधित क्षेत्र में अनशन करने को लेकर प्रशासन ने कार्रवाई की. पटना पुलिस ने अहले सुबह प्रशांत किशोर को जबरन यहां से उठाया.
क्या आगे भी होगा पीके का अनशन?: उसके बाद प्रशांत किशोर को बिहटा अस्पताल ले जाया गया. पुलिस ने उन्हें पटना सिविल कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें पहले सशर्त जमानत मिली थी. जिसे उन्होंने स्वीकार करने से इनकार कर दिया. सुबह से शाम तक हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद आखिरकार बिहार की सियासत में मचा भूचाल पीके के जेल से बाहर आने के बाद फिलहाल शांत हो गया है. हालांकि पीके ने आगे भी अनशन जारी रखने की बात कही है.
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