नई दिल्ली/गाजियाबाद: नरेंद्र मोदी ने रविवार को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. इसी कड़ी में पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम का कहना है कि शेख हसीना से मिलना गलत नहीं है, लेकिन बधाई न देना ठीक नहीं है. हर चीज चलती रहती है लेकिन शिष्टाचार और परंपरा नहीं टूटनी चाहिए. आचार्य कृष्ण ने कहा कि मुझे लगता है कि अगर राहुल गांधी प्रधानमंत्री बने होते तो नरेंद्र मोदी बधाई जरूर देते. जब भी कोई शपथ ग्रहण के बाद कांग्रेस का मुख्यमंत्री बना है, प्रधानमंत्री मोदी ने फोन कर बधाई दी.
पीठाधेश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि राहुल गांधी की गारंटी ही नहीं बल्कि वो भी फेल हो चुके हैं. राहुल को फेल करने में किसी और का नहीं बल्कि उनकी अपनी टीम का रोल है. कृष्ण ने कहा कि नरेंद्र मोदी से विपक्ष इतनी नफरत करता है कि बस चले तो उन्हें देश से निकाल दें. लेकिन भारत की जनता मोदी से प्यार करती है. उन्होंने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खड़गे पहुंचे थे, इसमें सबको पहुंचना चाहिए था.
मोहन भागवत के मणिपुर पर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए आचार्य प्रमोद ने कहा कि मोहन भागवत के बयान बड़े सारगर्वित होते हैं. उनको समझाना बहुत मुश्किल है. उनको समझने की जरूरत है. मैं समझता हूं कि अगर कोई विषय मोहन भागवत के मन या संघ के मन में चल रहा है, पूरी उम्मीद है कि भारत और राज्य की सरकार उस विषय पर गंभीर चिंतन अवश्य करेगी.
ये भी पढ़ें: हिंदुओं का विभाजन बनेगा पतन का कारण, अयोध्या से बीजेपी की हार पर भड़के आचार्य प्रमोद
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने हाल ही में ट्वीट कर कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी पर निशाना चाहते हुए लिखा था,"मुहब्बत की दुकान में इतनी “नफ़रत” के “बधाई” का एक “ट्वीट” भी नहीं किया गया." प्रमोद कृष्णम ने कहा कि मोहब्बत की दुकान में नफरत का सामान नहीं होना चाहिए. सत्ता आती जाती रहती है. राहुल गांधी को और कांग्रेस पार्टी के नेताओं को प्रधानमंत्री मोदी को शपथ ग्रहण करने के बाद खुले दिल से बधाई देनी चाहिए थी. यह परंपरा है.
ये भी पढ़ें: देश को बांटना चाहते हैं सैम पित्रोदा, आज महात्मा गांधी की आत्मा रो रही होगी: आचार्य प्रमोद कृष्णम