कुचामनसिटी/मकराना: डीडवाना कुचामन जिला क्षेत्र के मकराना के पूर्व विधायक श्रीराम भींचर व पंचायत समिति की प्रधान सुमिता भींचर ने पूर्व सैनिक पन्नाराम रेवाड़ के जमीन विवाद को लेकर लगाए आरोपों का जवाब दिया है. शुक्रवार को प्रेस वार्ता आयोजित कर श्रीराम भींचर और सुमिता भींचर ने जमीन विवाद में लगाए आरोपों का खंडन किया है.
प्रधान सुमिता भींचर ने बताया कि जब वे प्रधान बनीं, तब बेसरोली में जनता द्वारा स्वागत किया गया. जिसमें उसके दादा पन्नाराम रेवाड़ ने 51 हजार रुपए दिए. 24 वर्ष की नौकरी से जो रुपए दादाजी को मिले, उसमें से 54 बीघा जमीन बेसरोली में खरीदने की बात कही है. यह गलत है क्योंकि उनके पिता व चाचा ने भी अपनी तनख्वाह से रुपए दिए थे. दादा के परिवार में सबसे बड़े होने के कारण दादाजी ने अपने नाम से जमीन की रजिस्ट्री कराई. दादाजी के दो पुत्र है जिसमें उनके पिता बड़े हैं तथा दादाजी की जो भी सम्पति है, उसमें आधा-आधा हिस्सा होता है. लेकिन दादाजी ने परिवार की संपत्ति में से उक्त जमीन में से उसके पिता को हिस्सा नहीं देकर चाचा के दो पुत्रों के नाम रजिस्ट्री करवा दी, जो गलत है. इस दौरान पूर्व विधायक श्रीराम भींचर ने भी उन पर लगाए गए आरोपों को राजनीतिक द्वेषता बताया.
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मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन: वहीं पूर्व सैनिक 78 वर्षीय पन्नाराम रेवाड़ का आरोप है कि उन्हें उक्त भूमि नाम करवाने और रुपए देने का दबाव बनाया जा रहा है. शुक्रवार को पीड़ित ने सीएम के नाम तहसीलदार यादवेंद्र यादव को ज्ञापन सौंपा. इसमें दावा किया गया कि 1992 में बेसरोली में प्लाट लेकर अपना निजी मकान व दुकान बनवाई. बेसरोली में मेडिकल की दुकान की. उसने बताया कि सुमिता के प्रधान बनाने के बाद उसकी पोती सुमिता व पूर्व विधायक श्रीराम उसके घर आए और सुमिता के चुनाव में अधिक खर्च होने की बात कहते हुए 20 लाख रुपए की मांग की. उसने पूर्व विधायक को 51 हजार रुपए दिए. जिस पर पूर्व विधायक ने 21 लाख देने की मांग की.
उसने बताया कि उसने अपनी सैनिक सेवा व मेडिकल की दुकान से कमाए रुपयों से ग्राम बेसरोली में 54 बीघा जमीन खरीदी थी. उक्त जमीन को उसने जनवरी 2021 में अपने पोतों के नाम करवा दी थी. जिसकी जानकारी पोती सुमिता व उसके ससुर श्रीराम भींचर को होने पर दोनों उसमें आधा हिस्सा मांगने लगे. जबकि वह जमीन उसकी पैतृक संपत्ति नहीं हैं. जमीन में हिस्से को लेकर प्रधान व पूर्व विधायक उसे, गवाह व पोतों को परेशान करने लगे. उसने बताया कि जमीन देने से मना करने पर दोनों ने राजनीतिक पहुंच का रॉब दिखाकर डराया धमकाया. बिना किसी कारण के ही उसकी जमीन को कुर्क करवा रहे हैं. उसने दोनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.