ETV Bharat / state

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर बड़ा अपडेट, किसान इस तारीख तक करा सकते हैं बीमा - Fasal Bima Yojana - FASAL BIMA YOJANA

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana छत्तीसगढ़ के किसान अब 16 अगस्त तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं. पहले फसल बीमा कराने की आखिरी तारीख 31 जुलाई थी जिसे बढ़ा दिया गया है.

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (ETV Bharat Chhattisgarh)
author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 6, 2024, 2:23 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कराने की तारीख बढ़ा दी गई है. अब खरीफ 2024 के लिए किसान 16 अगस्त 2024 तक बीमा करा सकते हैं. भारत सरकार ने सभी अधिसूचित फसलों के लिए ऋणी और अऋणी किसानों के नामांकन के लिए कट ऑफ की तिथि को 16 अगस्त कर दिया है.

धान के साथ इन फसलों का भी होगा बीमा: छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसान धान के साथ ही मक्का, मूंगफली, मूंग, उड़द, सोयाबीन, अरहर, कोदो, कुटकी, रागी का बीमा करा सकते हैं. खराब मौसम, सूखा, बाढ़, कीड़े लगना, ओलावृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से राहत दिलाने के लिए बीमा कराया जा रहा है.

किसानों के लिए हेल्पलाइन नंबर: किसान हेल्पलाइन नंबर 14447, +91-18004190344 से जानकारी ले सकते हैं. किसान तय अंतिम तिथि तक अपनी फसलों का बीमा कराकर पावती जरुर लें. बीमा के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है. ऋण पुस्तिका, बैंक पासबुक, बुवाई प्रमाण पत्र की जरुरत पड़ती है. मोबाइल एप के जरिए भी किसान अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं.

फसल बीमा योजना का लाभ: अधिसूचित फसल उगाने वाले सभी गैर ऋणी किसान जो योजना में सम्मिलित होने के इच्छुक हो, वह बुआई प्रमाण पत्र क्षेत्रीय पटवारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा सत्यापित कराकर और अन्य दस्तावेज दिखा कर योजना का लाभ ले सकते हैं.

फसल बीमा योजना की प्रीमियम राशि कितनी: खरीफ वर्ष 2024 में पीएम फसल बीमा योजना के लिए कुल बीमा की राशि का 2 प्रतिशत मुख्य फसल धान सिंचित 1200 रुपये, धान असिंचित 900 रुपये और अन्य फसल मक्का 900 रुपये, मूंगफली 840 रुपये, मूंग और उड़द 540 रुपये, सोयाबीन 960 रुपये, अरहर 760 रुपये, कोदो 320 रुपये, कुटकी 340 रुपये और रागी 300 रुपये प्रीमियम की राशि है. एक ही अधिसूचित फसल के लिए अलग-अलग वित्तीय संस्थाओं से कृषि ऋण स्वीकृत होने की स्थिति में किसानों को एक ही स्थान से बीमा कराया जाना है.

कीचड़ से लथपथ होकर खून पसीने से सींचे जाते हैं खेत, ऐसे अन्नदाता उगाते हैं फसल - Farming
जुताई के दौरान किसान को मिला खजाना, 16वीं सदी में कोरिया रियासत के राजा का था किला - Ancient Statues Found
सरगुजा में बारिश कम क्यों हो रही ? पिछले 10 साल में लगातार रेनफॉल में कमी - Surguja Rainfall

रायपुर: छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कराने की तारीख बढ़ा दी गई है. अब खरीफ 2024 के लिए किसान 16 अगस्त 2024 तक बीमा करा सकते हैं. भारत सरकार ने सभी अधिसूचित फसलों के लिए ऋणी और अऋणी किसानों के नामांकन के लिए कट ऑफ की तिथि को 16 अगस्त कर दिया है.

धान के साथ इन फसलों का भी होगा बीमा: छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसान धान के साथ ही मक्का, मूंगफली, मूंग, उड़द, सोयाबीन, अरहर, कोदो, कुटकी, रागी का बीमा करा सकते हैं. खराब मौसम, सूखा, बाढ़, कीड़े लगना, ओलावृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से राहत दिलाने के लिए बीमा कराया जा रहा है.

किसानों के लिए हेल्पलाइन नंबर: किसान हेल्पलाइन नंबर 14447, +91-18004190344 से जानकारी ले सकते हैं. किसान तय अंतिम तिथि तक अपनी फसलों का बीमा कराकर पावती जरुर लें. बीमा के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है. ऋण पुस्तिका, बैंक पासबुक, बुवाई प्रमाण पत्र की जरुरत पड़ती है. मोबाइल एप के जरिए भी किसान अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं.

फसल बीमा योजना का लाभ: अधिसूचित फसल उगाने वाले सभी गैर ऋणी किसान जो योजना में सम्मिलित होने के इच्छुक हो, वह बुआई प्रमाण पत्र क्षेत्रीय पटवारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा सत्यापित कराकर और अन्य दस्तावेज दिखा कर योजना का लाभ ले सकते हैं.

फसल बीमा योजना की प्रीमियम राशि कितनी: खरीफ वर्ष 2024 में पीएम फसल बीमा योजना के लिए कुल बीमा की राशि का 2 प्रतिशत मुख्य फसल धान सिंचित 1200 रुपये, धान असिंचित 900 रुपये और अन्य फसल मक्का 900 रुपये, मूंगफली 840 रुपये, मूंग और उड़द 540 रुपये, सोयाबीन 960 रुपये, अरहर 760 रुपये, कोदो 320 रुपये, कुटकी 340 रुपये और रागी 300 रुपये प्रीमियम की राशि है. एक ही अधिसूचित फसल के लिए अलग-अलग वित्तीय संस्थाओं से कृषि ऋण स्वीकृत होने की स्थिति में किसानों को एक ही स्थान से बीमा कराया जाना है.

कीचड़ से लथपथ होकर खून पसीने से सींचे जाते हैं खेत, ऐसे अन्नदाता उगाते हैं फसल - Farming
जुताई के दौरान किसान को मिला खजाना, 16वीं सदी में कोरिया रियासत के राजा का था किला - Ancient Statues Found
सरगुजा में बारिश कम क्यों हो रही ? पिछले 10 साल में लगातार रेनफॉल में कमी - Surguja Rainfall
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.