सिरमौर: हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर की एक पंचायत के विकास कार्यों में 63 लाख रुपये से अधिक की अनियमितताएं पाए गई. जिसके बाद संबंधित पंचायत प्रधान समेत पंचायत के 5 वार्ड सदस्यों को एक साथ सस्पेंड कर दिया गया है. मामला सिरमौर जिले के विकास खंड शिलाई की ग्राम पंचायत अश्याड़ी का है. पंचायत के विकास कार्यों में वित्तीय अनियमितताओं के चलते इन सभी 6 जनप्रतिनिधियों पर निलंबन की यह गाज गिरी है.
जांच में दोषी पाए गए प्रधान और वार्ड सदस्य
दरअसल प्रधान सहित सभी पांचों वार्ड सदस्यों पर वित्तीय अनियमितताओं बरतने के आरोप लगे हैं. इस सिलसिले में गांव के कुछ लोगों ने इसकी शिकायत डीसी सिरमौर को सौंपी दी थी. इस पर प्रारंभिक छानबीन का जिम्मा खंड विकास अधिकारी शिलाई को सौंपा गया. जांच के बाद 6 सितंबर 2024 को प्रारंभिक जांच की रिपोर्ट प्रशासन को मिली. रिपोर्ट का गहनता से अवलोकन करने के बाद ग्राम पंचायत अश्याड़ी में करवाए गए विभिन्न विकास कार्यों में सरकारी धन राशि के दुरुपयोग का मामला सामने आया, जिसमें सीधे तौर पर पंचायत प्रधान को प्रथम दृष्टया में दोषी पाया गया.
इन कार्यों में बरती गई अनियमितताएं
पंचायत प्रधान सहित वार्ड सदस्यों पर मनरेगा मद के तहत निर्माणाधीन मोक्षधाम टिंबी, निर्माणाधीन सिंचाई कूहल घराट, सामूहिक रास्ता, लिंक रोड़, एंबुलेंस लिंक रोड, भू-संरक्षण कार्य, वायर क्रेट निर्माण, चैकडैम जैसे कई कार्यों में वित्तीय अनियमितताएं पाए जाने के बाद जिला पंचायत अधिकारी सिरमौर ने पंचायत प्रधान व सभी 5 वार्ड सदस्यों को अपने कर्त्तव्यों के निवर्हन अवचार का दोषी पाए जाने पर सस्पैंड कर दिया है. इससे पहले सभी निलंबित जनप्रतिनिधियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब भी मांगे गए थे, जिसका वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए.
जिला पंचायत अधिकारी अभिषेक मित्तल ने बताया, "वित्तीय अनियमितताओं के चलते अश्याड़ी पंचायत प्रधान अनिल कुमार सहित पंचायत के वार्ड नंबर-1 की सदस्य सुषमा देवी, वार्ड-2 सदस्य प्रदीप सिंह, 3 की सदस्य कमलेष देवी, 4 की सदस्य चंद्र कला और वार्ड-5 के सदस्य खजान सिंह को सस्पेंड किया गया है. पंचातय के विकास कार्यों में 63,81,310 रुपए की अनियमितताएं पाई गई है." जिला पंचायत अधिकारी अभिषेक मित्तल ने निलंबित जनप्रतिनिधियों को पंचायत की अचल-अचल संपत्ति को पंचायत सचिव को तुरंत सौंपने के भी आदेश दिए है.