रांची: मानसून सत्र के दौरान झारखंड विधानसभा में सुखाड़ का मुद्दा छाया रहा. ध्यानाकर्षण के दौरान विधायक प्रदीप यादव ने सदन में सुखाड़ की भयावह स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि यह लगातार तीसरा वर्ष है जब प्रदेश सूखे की चपेट में है. हालात ऐसे हैं कि मुश्किल से 10 फीसदी बुआई हुई है. 90 फीसदी खेत ऐसे ही पड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि 18 लाख हेक्टेयर जमीन पर बुआई होती है, मगर अब तक 1.8 फीसदी हेक्टेयर जमीन पर ही खेती हुई है. प्रदीप यादव ने सदन के माध्यम से सरकार को समय पूर्व आकलन कराकर भारत सरकार को सूखे पर रिपोर्ट भेजने का आग्रह किया.
राज्य जल आयोग के गठन का मिला आश्वासन
सदन में प्रदीप यादव ने कहा राज्य जल आयोग का गठन कर सरकार खेतों तक सिंचाई की सुविधा मुहैया करने के लिए सर्वे कराए. विधायक प्रदीप यादव के ध्यानाकर्षण पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए मंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि जल्द ही राज्य में जल आयोग का गठन होगा सरकार इस दिशा में कदम उठा रही है. सरकार की ओर से मिले आश्वासन पर संतोष जताते हुए प्रदीप यादव ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि सरकार इस दिशा में पहल करेगी, जिससे हर खेत तक सिंचाई की सुविधा बहाल हो सके.
मानसून सत्र के चौथे दिन सत्ता पक्ष और विपक्ष एक बार फिर उलझता रहा. सदन की कार्यवाही 11 बजे जैसे ही शुरू हुआ मुख्यमंत्री से जवाब की मांग करते हुए बीजेपी विधायक सदन में हो हल्ला करने लगे. किसी तरह सदन दिन के 12.30 बजे तक चलता रहा. भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही दोपहर के 2 बजे शुरू हुई. जिसके बाद एक बार फिर सदन में एक बार फिर एनडीए के विधायक मुख्यमंत्री से जवाब मांगते हुए वेल में आ गए. हंगामे के बीच स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो ने सदन की कार्यवाही 1 अगस्त दिन के 11 बजे तक के लिए स्थगित करने की घोषणा की. इसके बावजूद एनडीए के विधायक नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी के नेतृत्व में सदन में जमे रहे और मुख्यमंत्री के सदन में आकर जवाब देने की मांग करते रहे.
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