लखनऊ: पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में निजीकरण की तैयारी को लेकर उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन ने रविवार को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक से मुलाकात की. उन्हें ज्ञापन सौंपा और अवगत कराया, कि पूर्वांचल और दक्षिणांचल में निजीकरण की शुरुआत होने से क्या नुकसान होगा. उपभोक्ता किस तरह से प्रभावित होंगे. निजीकरण कैसे रोका जा सकता है इसकी भी जानकारी दी. बिना निजीकरण किए ऊर्जा क्षेत्र में व्यापक सुधार की संभावनाएं हैं. उपमुख्यमंत्री ने संगठन को भरोसा दिया कि आरक्षण पर कुठाराघात नहीं होने पाएगा. निजीकरण की प्रक्रिया पर सक्षम स्तर पर बात की जाएगी.
दक्षिणांचल और पूर्वांचल के 42 जनपदों में ट्रिपल पी मॉडल यानी निजीकरण की प्रक्रिया का एलान किए जाने के विरोध में पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने रविवार से सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात कर अभियान शुरू किया. पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा के नेतृत्व में आठ सदस्य प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक से उनके आवास पर मुलाकात कर लंबी बैठक की.
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उपमुख्यमंत्री से निजीकरण की प्रक्रिया के फलस्वरुप दलित व पिछड़े वर्ग सहित आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभियंता कार्मिकों की आरक्षण व्यवस्था पूरी तरह से समाप्त हो जाने, सरकारी नौकरियों पर तलवार लटकने, युवाओं का रोजगार खत्म होने निजीकरण के बाद बिजली दरों में बढोतरी होने, वर्तमान में पूरे ऊर्जा क्षेत्र में औद्योगिक अशांति के मद्देनजर तत्काल निजीकरण की प्रक्रिया पर रोक लगाने को लेकर एक ज्ञापन सौंपा. उपमुख्यमंत्री को अवगत कराया कि बिजली क्षेत्र का बिना निजीकरण किए भी सुधार संभव है, लेकिन उसके लिए बिजली अभियंताओं का कार्मिकों को स्वतंत्र रूप से कार्य करने का मौका दिया जाना चाहिए.
उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, महासचिव अनिल कुमार, सचिव आरपी केन, अतिरिक्त महासचिव अजय कुमार, संगठन सचिव बिंदा प्रसाद, सुशील कुमार वर्मा, एके प्रभाकर और जयप्रकाश ने उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से भेंट करने वाले प्रतिनिधि मंडल में शामिल थे.
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