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मेरठ में जिंदा शख्स का होने जा रहा था पोस्टमार्टम, फिर से ICU में कराया एडमिट, चिकित्सक बोले- यह परिजनों की गलतफहमी - MEERUT MEDICAL COLLEGE

दीपावली पर मेरठ मेडिकल कॉलेज से बड़ी लापरवाही सामने आई. इलाज के दौरान एक जिंदा युवक को मृत घोषित कर दिया गया था.

Photo Credit- ETV Bharat
डॉक्टरों ने शगुन शर्मा की हालत गंभीर देखते हुए उसे मेरठ मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया था. (Photo Credit- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 31, 2024, 10:02 PM IST

मेरठ: मेरठ के मेडिकल कॉलेज में बुधवार को कुछ ऐसा हुआ कि कॉलेज स्टाफ में हड़कंप मच गया. मेडिकल कॉलेज में एक जिंदा युवक को डॉक्टरों की टीम ने मृत घोषित कर दिया. साथ ही जिंदा युवक को पोस्टमार्टम के लिए भी भेज दिया गया. जब वार्ड बॉय स्ट्रेचर को पोस्टमार्टम हाउस लेकर पहुंचा, तो युवक में हलचल हुई. वार्ड बॉय ने तुरंत डॉक्टर को बताया, तो मेडिकल की एक टीम ने तुरंत पोस्टमार्टम हाउस जाकर देखा. उसकी सांसें चल रही थी. इसके बाद उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया. हालांकि इस मामले में मेडिकल कॉलेज प्रशासन की थ्यौरी अलग है. उन्होंने इसे परिजनों की गलतफहमी करार दिया है.

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शगुन शर्मा (Photo Credit- ETV Bharat)

मेरठ देहात के थाना सरूरपुर क्षेत्र के गांव गोटका निवासी शगुन शर्मा अपने छोटे भाई प्रिंस के साथ बुधवार की रात बाइक पर गंगनहर पटरी से खतौली की ओर जा रहे थे . तभी तेज रफ्तार वाहन ने बाइक को टक्कर मार दी. इसमें दोनों भाई बाइक से गिर गये और गम्भीर रूप से घायल हो गए. रास्ते से गुजर रहे राह चलते लोगों ने घायल अवस्था मे देख एम्बुलेंस को सूचना दी. इसके बाद मौके पर पहुंची एम्बुलेंस ने घायल दोनों भाइयों को सीएचसी में भर्ती कराया.

यहां डॉक्टरों ने शगुन शर्मा की हालत गंभीर देखते हुए उसे मेरठ मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया. परिजनों का आरोप है कि एक्सीडेंट से घायल शगुन शर्मा को मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिये यहां लाया गया था. इसके बाद शगुन शर्मा का इलाज शुरू किया गया और छह घंटे में चिकित्सक ने युवक को मृत घोषित कर दिया. इसके बाद शगुन शर्मा को मृत घोषित कर उसको पोस्टमार्टम के लिये मोर्चरी भेज दिया गया.

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प्रिंसिपल आरसी गुप्ता कहना है कि जांच की जा रही है. (Photo Credit- ETV Bharat)

सूचना पर सरूरपुर पुलिस मौके पर पहुंची और शगुन शर्मा को मृत समझ कर पंचनामा भरने लगी. पोस्टमार्टम पर तैनात चिकित्सक ने औजार निकालकर प्रक्रिया शुरू की. युवक की जांच की तो उसकी सांसें चलती पाई गईं. इसके बाद मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया और मेडिकल कॉलेज के आला चिकित्सक अधिकारियों और परिजनों को इसकी जानकारी दी गई.

इस घटना से मेडिकल कालेज में हड़कंप मच गया, वहीं शगुन के जिंदा होने पर परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई. दोबारा शगुन को इमरजेंसी में लाया गया. यहां दोबारा से जांच की गई. इसके बाद युवक को फिर से मृत घोषित कर दिया गया.

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दीपावली पर मेरठ मेडिकल कॉलेज से बड़ी लापरवाही सामने आई. (Photo Credit- ETV Bharat)

मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर अखिल ने बताया कि यह पूरा मामला भ्रामक है. मरीज बेहद ही क्रिटिकल स्टेज में था. उसे वेंटीलेटर पर मेडिकल कॉलेज लाया गया था. उसके पास समय नहीं था, ब्रेन डेड था. 10 से 12 घंटे में उसका हार्ट भी डेड हो चुका था. परिजनों ने कहा कि उसकी नब्ज चल रही है. तसल्ली के लिए उसका चेकअप किया गया था, लेकिन वह पूरी तरह से मृत अवस्था में ही था. इसके बाद उसे फिर से मोर्चरी भेज दिया गया. इस मामले में परिजनों की ओर से किसी तरह की शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है.

मेरठ के मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आर सी गुप्ता ने बताया कि वह इन दिनों अवकाश पर हैं. पूरे मामले को परिजनों की गलतफहमी के तौर पर देखा जाना चाहिए. जब भी किसी परिवार के सदस्य की जान जाती है तो परिवार के लोग उम्मीद लगाए रहते हैं बस कुछ अच्छा हो जाए. लिहाजा वे कुछ फलतफहमियों को भी सच मान बैठते हैं.

ये भी पढ़ें- दीपावली में सावधानी हटी दुर्घटना घटी; लखनऊ में पटाखों से झुलसे 47 लोग, अस्पतालों में भर्ती

मेरठ: मेरठ के मेडिकल कॉलेज में बुधवार को कुछ ऐसा हुआ कि कॉलेज स्टाफ में हड़कंप मच गया. मेडिकल कॉलेज में एक जिंदा युवक को डॉक्टरों की टीम ने मृत घोषित कर दिया. साथ ही जिंदा युवक को पोस्टमार्टम के लिए भी भेज दिया गया. जब वार्ड बॉय स्ट्रेचर को पोस्टमार्टम हाउस लेकर पहुंचा, तो युवक में हलचल हुई. वार्ड बॉय ने तुरंत डॉक्टर को बताया, तो मेडिकल की एक टीम ने तुरंत पोस्टमार्टम हाउस जाकर देखा. उसकी सांसें चल रही थी. इसके बाद उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया. हालांकि इस मामले में मेडिकल कॉलेज प्रशासन की थ्यौरी अलग है. उन्होंने इसे परिजनों की गलतफहमी करार दिया है.

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शगुन शर्मा (Photo Credit- ETV Bharat)

मेरठ देहात के थाना सरूरपुर क्षेत्र के गांव गोटका निवासी शगुन शर्मा अपने छोटे भाई प्रिंस के साथ बुधवार की रात बाइक पर गंगनहर पटरी से खतौली की ओर जा रहे थे . तभी तेज रफ्तार वाहन ने बाइक को टक्कर मार दी. इसमें दोनों भाई बाइक से गिर गये और गम्भीर रूप से घायल हो गए. रास्ते से गुजर रहे राह चलते लोगों ने घायल अवस्था मे देख एम्बुलेंस को सूचना दी. इसके बाद मौके पर पहुंची एम्बुलेंस ने घायल दोनों भाइयों को सीएचसी में भर्ती कराया.

यहां डॉक्टरों ने शगुन शर्मा की हालत गंभीर देखते हुए उसे मेरठ मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया. परिजनों का आरोप है कि एक्सीडेंट से घायल शगुन शर्मा को मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिये यहां लाया गया था. इसके बाद शगुन शर्मा का इलाज शुरू किया गया और छह घंटे में चिकित्सक ने युवक को मृत घोषित कर दिया. इसके बाद शगुन शर्मा को मृत घोषित कर उसको पोस्टमार्टम के लिये मोर्चरी भेज दिया गया.

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प्रिंसिपल आरसी गुप्ता कहना है कि जांच की जा रही है. (Photo Credit- ETV Bharat)

सूचना पर सरूरपुर पुलिस मौके पर पहुंची और शगुन शर्मा को मृत समझ कर पंचनामा भरने लगी. पोस्टमार्टम पर तैनात चिकित्सक ने औजार निकालकर प्रक्रिया शुरू की. युवक की जांच की तो उसकी सांसें चलती पाई गईं. इसके बाद मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया और मेडिकल कॉलेज के आला चिकित्सक अधिकारियों और परिजनों को इसकी जानकारी दी गई.

इस घटना से मेडिकल कालेज में हड़कंप मच गया, वहीं शगुन के जिंदा होने पर परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई. दोबारा शगुन को इमरजेंसी में लाया गया. यहां दोबारा से जांच की गई. इसके बाद युवक को फिर से मृत घोषित कर दिया गया.

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दीपावली पर मेरठ मेडिकल कॉलेज से बड़ी लापरवाही सामने आई. (Photo Credit- ETV Bharat)

मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर अखिल ने बताया कि यह पूरा मामला भ्रामक है. मरीज बेहद ही क्रिटिकल स्टेज में था. उसे वेंटीलेटर पर मेडिकल कॉलेज लाया गया था. उसके पास समय नहीं था, ब्रेन डेड था. 10 से 12 घंटे में उसका हार्ट भी डेड हो चुका था. परिजनों ने कहा कि उसकी नब्ज चल रही है. तसल्ली के लिए उसका चेकअप किया गया था, लेकिन वह पूरी तरह से मृत अवस्था में ही था. इसके बाद उसे फिर से मोर्चरी भेज दिया गया. इस मामले में परिजनों की ओर से किसी तरह की शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है.

मेरठ के मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आर सी गुप्ता ने बताया कि वह इन दिनों अवकाश पर हैं. पूरे मामले को परिजनों की गलतफहमी के तौर पर देखा जाना चाहिए. जब भी किसी परिवार के सदस्य की जान जाती है तो परिवार के लोग उम्मीद लगाए रहते हैं बस कुछ अच्छा हो जाए. लिहाजा वे कुछ फलतफहमियों को भी सच मान बैठते हैं.

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