शिमला: आज देश की राजधानी दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 273 रिकॉर्ड किया गया. दिल्ली के साथ लगते फरीदाबाद में 273 और गुड़गांव में 197 और गाजियाबाद में 213, ग्रेटर नोएडा और नोएडा में 199 माइक्रोग्राम तक पहुंच गया. इसके कारण अब हवा में सांस लेना मुश्किल हो रहा है. दिवाली के बाद इसमें बढ़ोतरी के और आसार हैं.
दिवाली से पहले हिमाचल में भी वायु गुणवत्ता खराब होने लगी है. हिमाचल समेत पड़ोसी राज्यों में पराली जलाए जाने के कारण हवा प्रदूषित हो रही है. बुधवार को हिमाचल का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 69 दर्ज किया गया है. आने वाले दिनों में इसमें बढ़ोतरी के आसार हैं.
कई शहरों का AQI 100 के पार
हिमाचल प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश के 3 शहरों का AQI 100 को पार कर गया है. वहीं, तीन शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक 90 को पार कर गया है. बद्दी का AQI 177 पर सबसे खराब स्तर पर पहुंच चुका है. दूसरे नंबर पर पांवटा साहिब का 116 और फिर बरोटीवाला का वायु गुणवत्ता सूचकांक 102 रिकॉर्ड किया गया है. पांवटा साहिब में PM 10 124.43, PM 2.5 29.25 तक पहुंच गया है. बद्दी में PM 10 152 और PM 2.5 83 के स्तर पर पहुंच चुका है.
खराब हो रही हवा
दिवाली से पहले हिमाचल के शहरों में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है. 26 अक्टूबर को शिमला में AQI 32 माइक्रोग्राम के साथ बेहद ही अच्छे स्तर पर था, लेकिन 27 अक्टूबर को ये एकदम से 53 और 28 अक्टूबर को 54 के स्तर पर पहुंच गया. 28 अक्टूबर को बद्दी का AQI 243 पर पहुंच कर खराब श्रेणी में पहुंच गया था, लेकिन 29 अक्टूबर को इसमें कुछ सुधार हुआ था ये 177 पर पहुंच गया था. डमटाल में 27 अक्टूबर को AQI 57 माइक्रोग्राम पर था. ऊना में 27 अक्टूबर को AQI 129 माइक्रोग्राम पर था, लेकिन 28 अक्टूबर को ये कम हो कर 99 पर पहुंच गया था.
बीते दो दिनों से खराब हुई इन शहरों की हवा
शिमला, धर्मशाला, मनाली की हवा भी पिछले दो दिनों में खराब हुई है. शिमला में AQI आज 50 को पार कर गया. वहीं, मनाली में 27 अक्टूबर को AQI 31, जबकि 28 अक्टूबर को ये 44 माइक्रोग्राम पर पहुंच गया था. धर्मशाला का AQI 26 अक्टूबर को 45 पर था, जबकि 28 अक्टूबर को 55 माइक्रोग्राम पर पहुंच गया था.
बारिश न होने से भी बढ़ रहा है प्रदूषण
हिमाचल में मानसून के बाद बहुत कम बारिश हुई है. अक्टूबर महीने में मौसम पूरी तरह से शुष्क रहा है. इसके कारण वायुमंडल में धूलकणों की मात्रा बढ़ गई है. इसके अलावा हिमाचल समेत पंजाब, हरियाणा में जलाई जा रही पराली का असर भी हिमाचल की हवा पर देखने को मिल रहा है.
क्या है AQI
AQI से वायुमंडल में मौजूद खतरनाक गैसों, धूलकणों को मापा जाता है. इसमें PM-10, PM 2.5 समेत SO2, CO, O3, NH3, NOx जैसी जहरीली गैसों को मापा जाता है. इसे पांच भागों में रखा जाता है. 50 और इससे कम सूचकांक अच्छा माना जाता है.
51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101-200 थोड़ा प्रदूषण दिखाता है. 201-300 हवा की खराब गुणवत्ता को बताता है. 301-400 बेहद खराब स्थिति होती है. 401- 500 सूचकांक बेहद गंभीर स्थिति को दर्शाता है.
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