सहारनपुर : उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. अधिकारियों ने टायर जलाकर प्रदूषण फैलाने वाली अवैध फैक्ट्रियों पर कार्रवाई की है. प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने एक फैक्ट्री को सील कर दिया है, जबकि कई फैक्ट्रियों को वॉर्निंग देकर छोड़ दिया है.
थाना देहात कोतवाली इलाके के गांव शंकलापुरी के जंगल में रात भर टायर जलाने वाली फैक्ट्रियां चलाई जा रही थीं. टायर जलाने की खबर प्रकाशित होने के बाद प्रदूषण विभाग हरकत में आया. प्रदूषण विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी योगेंद्र कुमार ने टीम के साथ पहुंचकर न सिर्फ फैक्टरियों में छापेमारी की, बल्कि एक फैक्ट्री को सील कर दिया. प्रदूषण अधिकारी योगेंद्र कुमार ने बताया कि वायु प्रदूषण का मानक APCS होना चाहिए है और 30 मीटर ऊंची चिमनी होनी चाहिए, जबकि एसपीएम 100 होना चाहिए.
उन्होंने बताया कि टायर जलाने से कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, वाष्पशील कार्बनिक यौगिक (वीओसी), पार्टिकुलेट मैटर (पीएम), ब्यूटाडीन, स्टाइरीन, जहरीले रसायन, बेंजीन, पारा जैसी जहरीली गैसें निकलती हैं. ये भारी होती हैं, इसलिए बहुत ऊपर नहीं जातीं. अगर कोई उस हवा में सांस लेगा तो उसे फेफड़ों की बीमारी के साथ-साथ कैंसर, टीबी, अस्थमा और आंखों की क्षति होगी. इसके लिए फैक्ट्रियों में वाटर स्क्वायवर लगाया जाता है, जिसका रेगुलर संचालन और मेंटिनेंस की जिम्मेदारी फैक्ट्री मालिक की बनती है. इसके आलावा प्रदूषण विभाग भी समय-समय पर निरीक्षण करता रहता है और डिफाल्टर पाए जाने पर कार्रवाई की जाती है.
प्रदूषण विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी योगेंद्र कुमार ने बताया कि टायर जलाने के मानक तय किये गए हैं. ईटीवी भारत पर खबर प्रसारित किये जाने के बाद प्रदूषण विभाग ने बीती रात को फैक्ट्रियों में छापेमारी की. फैक्ट्री को चोरी छिपे चलाया जा रहा था. यहां मानकों को ताक पर रखकर टायर जलाये जा रहे थे. इसको मौके पर सील कर दिया गया है, जबकि अन्य दो फैक्ट्रियों में भी कमियां पाई गई हैं, जिनकी रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय भेजी जा रही है.
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