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15 अप्रैल से ऐप से होगी वाहनों की प्रदूषण जांच, फर्जीवाड़ा करना नहीं होगा आसान - Pollution checking of vehicles

वाहनों की प्रदूषण जांच में फर्जीवाड़ा करना अब आसान नहीं होगा. 15 अप्रैल से यह जांच ऐप के माध्यम से पूरे प्रदेश में की जाएगी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 3, 2024, 6:24 PM IST

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लखनऊ: वाहनों में प्रदूषण की जांच में धांधली की तमाम शिकायतें परिवहन विभाग को मिली थीं. इसके बाद विभाग सक्रिय हुआ और एनआईसी को प्रदूषण जांच के पोर्टल को अपग्रेड करने का निर्देश दिया. एनआईसी की तरफ से प्रदूषण की जांच के समय वाहनों की प्रदूषण जांच केन्द्र पर भौतिक उपस्थिति होने और फेक एपीआई के प्रयोग को रोके जाने के लिए पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट पोर्टल को अपग्रेड कर PUCC version 2.0 पोर्टल तैयार किया गया.

पोर्टल को लखनऊ के कुछ प्रदूषण जांच केन्द्रों पर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया था, जो सफल रहा. अब इस व्यवस्था को पूरे प्रदेश में लागू किया गया है. 15 अप्रैल से यह पूरे प्रदेश में लाइव किया जाएगा. प्रदूषण जांच नियंत्रण केंद्र वर्जन 2.0 पोर्टल का उपयोग करने के लिए सभी प्रदूषण जांच केन्द्र के स्वामी व आपरेटर को एक मोबाइल ऐप - PUCC Center App का प्रयोग करना होगा. ऐप पर लॉगिन करने के बाद Download Mobile App के विकल्प से डाउनलोड किया जा सकेगा.

Pollution checking of vehicles through app from April 15 in UP
जांच के लिए PUCC Center App का प्रयोग करना होगा

जांच केन्द्र स्वामी को अपने लॉगिन से सेन्टर का Latitude व Longitude (लोकेशन) अंकित कर अपडेट करना होगा, लेकिन मोबाइल वैन प्रदूषण जांच केन्द्र के स्वामी सम्बन्धित जिले के सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय में जाकर सम्बन्धित कार्यालय का Latitude व Longitude (लोकेशन) अंकित कर अपडेट करेंगे. एक सेन्टर के लिए तीन मोबाइल में ऐप का इस्तेमाल हो सकेगा, लेकिन एक समय में एक ही मोबाइल का इस्तेमाल हो पाएगा. मोबाइल ऐप प्रदूषण जांच केन्द्र की 30 मीटर की परिधि में ही प्रयोग किया जा सकेगा. इससे बाहर ऐप काम नहीं करेगा.

मोबाइल वैन प्रदूषण जांच केन्द्र के मामले में मोबाइल ऐप का प्रयोग सम्बन्धित जनपद के सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय की 40 किलोमीटर की परिधि तक उसी जनपद में किया जा सकेगा. इस परिधि से बाहर जाने पर ऐप काम नहीं करेगा. जनपद के बाहर कार्य करते पाये जाने पर सम्बन्धित मोबाइल वैन प्रदूषण जांच केन्द्र के खिलाफ नियमानुसार निलम्बन / निरस्तीकरण की कार्रवाई होगी.

प्रदूषण जांच केन्द्र के आपरेटर वाहनों की प्रदूषण जांच करते समय मोबाइल ऐप के माध्यम से वाहन की दो फोटोग्राफ फ्रन्ट साइड और रियर साइड क्लिक करेंगे. इसके साथ ही प्रदूषण जांच केन्द्र पर वाहन की उपस्थिति दिखाने किए एक वीडियो भी रिकॉर्ड किया जाएगा. ऐप के माध्यम से क्लिक की गयी फोटोग्राफ्स में से एक प्रदूषण जांच प्रमाण-पत्र ( प्रारूप-59) पर प्रदर्शित होगी. शेष एक फोटोग्राफ और रिकार्ड वीडियो डाटाबेस में सुरक्षित हो जायेगा.

वाहनों की प्रदूषण जांच करते समय प्रदूषण जांच केन्द्र के स्वामी के लिए मोबाइल का आपरेटिंग सिस्टम कम से कम Android 8.0 Version या उससे उच्चतर Version का होना अनिवार्य होगा. इससे नीचे Version के आपरेटिंग सिस्टम वाले मोबाइल में उपरोक्त मोबाइल ऐप का प्रयोग नहीं किया जा सकेगा. PUCC version 2.0 पोर्टल 15 अप्रैल से पूरे प्रदेश के लिए लाइव किया जायेगा.

ये भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश के एडेड और राजकीय कॉलेजों के शिक्षकों का होगा समायोजन - Aided And Government Colleges

लखनऊ: वाहनों में प्रदूषण की जांच में धांधली की तमाम शिकायतें परिवहन विभाग को मिली थीं. इसके बाद विभाग सक्रिय हुआ और एनआईसी को प्रदूषण जांच के पोर्टल को अपग्रेड करने का निर्देश दिया. एनआईसी की तरफ से प्रदूषण की जांच के समय वाहनों की प्रदूषण जांच केन्द्र पर भौतिक उपस्थिति होने और फेक एपीआई के प्रयोग को रोके जाने के लिए पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट पोर्टल को अपग्रेड कर PUCC version 2.0 पोर्टल तैयार किया गया.

पोर्टल को लखनऊ के कुछ प्रदूषण जांच केन्द्रों पर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया था, जो सफल रहा. अब इस व्यवस्था को पूरे प्रदेश में लागू किया गया है. 15 अप्रैल से यह पूरे प्रदेश में लाइव किया जाएगा. प्रदूषण जांच नियंत्रण केंद्र वर्जन 2.0 पोर्टल का उपयोग करने के लिए सभी प्रदूषण जांच केन्द्र के स्वामी व आपरेटर को एक मोबाइल ऐप - PUCC Center App का प्रयोग करना होगा. ऐप पर लॉगिन करने के बाद Download Mobile App के विकल्प से डाउनलोड किया जा सकेगा.

Pollution checking of vehicles through app from April 15 in UP
जांच के लिए PUCC Center App का प्रयोग करना होगा

जांच केन्द्र स्वामी को अपने लॉगिन से सेन्टर का Latitude व Longitude (लोकेशन) अंकित कर अपडेट करना होगा, लेकिन मोबाइल वैन प्रदूषण जांच केन्द्र के स्वामी सम्बन्धित जिले के सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय में जाकर सम्बन्धित कार्यालय का Latitude व Longitude (लोकेशन) अंकित कर अपडेट करेंगे. एक सेन्टर के लिए तीन मोबाइल में ऐप का इस्तेमाल हो सकेगा, लेकिन एक समय में एक ही मोबाइल का इस्तेमाल हो पाएगा. मोबाइल ऐप प्रदूषण जांच केन्द्र की 30 मीटर की परिधि में ही प्रयोग किया जा सकेगा. इससे बाहर ऐप काम नहीं करेगा.

मोबाइल वैन प्रदूषण जांच केन्द्र के मामले में मोबाइल ऐप का प्रयोग सम्बन्धित जनपद के सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय की 40 किलोमीटर की परिधि तक उसी जनपद में किया जा सकेगा. इस परिधि से बाहर जाने पर ऐप काम नहीं करेगा. जनपद के बाहर कार्य करते पाये जाने पर सम्बन्धित मोबाइल वैन प्रदूषण जांच केन्द्र के खिलाफ नियमानुसार निलम्बन / निरस्तीकरण की कार्रवाई होगी.

प्रदूषण जांच केन्द्र के आपरेटर वाहनों की प्रदूषण जांच करते समय मोबाइल ऐप के माध्यम से वाहन की दो फोटोग्राफ फ्रन्ट साइड और रियर साइड क्लिक करेंगे. इसके साथ ही प्रदूषण जांच केन्द्र पर वाहन की उपस्थिति दिखाने किए एक वीडियो भी रिकॉर्ड किया जाएगा. ऐप के माध्यम से क्लिक की गयी फोटोग्राफ्स में से एक प्रदूषण जांच प्रमाण-पत्र ( प्रारूप-59) पर प्रदर्शित होगी. शेष एक फोटोग्राफ और रिकार्ड वीडियो डाटाबेस में सुरक्षित हो जायेगा.

वाहनों की प्रदूषण जांच करते समय प्रदूषण जांच केन्द्र के स्वामी के लिए मोबाइल का आपरेटिंग सिस्टम कम से कम Android 8.0 Version या उससे उच्चतर Version का होना अनिवार्य होगा. इससे नीचे Version के आपरेटिंग सिस्टम वाले मोबाइल में उपरोक्त मोबाइल ऐप का प्रयोग नहीं किया जा सकेगा. PUCC version 2.0 पोर्टल 15 अप्रैल से पूरे प्रदेश के लिए लाइव किया जायेगा.

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