पलामूः प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों के ट्रेनिंग सेंटर रहे बूढ़ापहाड़ के इलाके में तीन दशक बाद विधानसभा चुनाव के लिए मतदान केंद्र बनाए गए हैं. बूढ़ापहाड़ के हिसातू और टेहरी के इलाके में ये मतदान केंद्र बनाए गए हैं. बूढ़ापहाड़ के इलाके में मौजूद नौ मतदान केंद्रों के लिए पलामू के चियांकि हवाई अड्डा से मंगलवार को मतदानकर्मी चुनावी सामग्री के साथ रवाना हो गए.
बूढ़ापहाड़ पर बने कलस्टर में सभी मतदानकर्मियों की रहने की व्यवस्था है. पहली बार विधानसभा चुनाव में बूढ़ापहाड़ के हेसातू में मतदान केंद्र बनाए गए हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव में भी हेसातू में मतदान केंद्र बनाए गए थे. हेसातू में 700 से अधिक मतदाता हैं.
हेसातू में मतदान करवाने जा रहे कर्मियों में काफी उत्साह नजर आया. सेक्टर मजिस्ट्रेट को लगातार दूसरी बार बूढ़ापहाड़ के इलाके में तैनात किया गया है. बूढ़ापहाड़ पर वोटिंग के लिए जा रहे मतदान कर्मियों के साथ ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.
मतदान कर्मियों ने बताया कि वोटिंग को लेकर काफी उत्साह है. बूढ़ापहाड़ को लेकर उन्होंने कई चर्चाएं सुनी हैं, लेकिन अब वहां माहौल बदल चुका है. बूढ़ापहाड़ रवाना होने से पूर्व मतदान कर्मियों ने लोगों से अधिक से अधिक संख्या में लोकतंत्र के इस महापर्व में भाग लेने की अपील की है.
बता दें कि बूढापहाड़ के इलाके में तीन दशकों तक माओवादियों का कब्जा था. इस इलाके में वोटिंग एक बड़ी चुनौती थी. पूरा इलाका डालटनगंज विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. बूढ़ापहाड़ माओवादियों का ट्रेनिंग सेंटर के साथ-साथ यूनिफाइड कमांड भी हुआ करता था.
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