ETV Bharat / state

Rajasthan: उपचुनाव से पहले 'पानी' पर राजनीति, पीकेसी के प्रस्तावित शिलान्यास पर कांग्रेस ने उठाए सवाल - PKC PROJECT

27 अक्टूबर को पीकेसी (ईआरसीपी) परियोजना के शिलान्यास का पीएम मोदी का कार्यक्रम प्रस्तावित. कांग्रेस ने शिलान्यास पर लगाया सवाल.

RAJASTHAN BY ELECTION 2024
पीकेसी के प्रस्तावित शिलान्यास पर कांग्रेस ने उठाए सवाल (ETV BHARAT JAIPUR)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 21, 2024, 6:07 PM IST

जयपुर : बीते राजस्थान में विधानसभा चुनाव में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को लेकर जमकर राजनीति हुई. सत्ता में आने के बाद भाजपा ने ईआरसीपी का नाम बदलकर पार्वती, कालीसिंध, चंबल परियोजना कर दिया. वहीं, अब प्रदेश में उपचुनाव का बिगुल बजने के साथ ही एक बार फिर पानी पर सियासत गरमाने लगी है. प्रदेश की भाजपा सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पार्वती, कालीसिंध, चंबल परियोजना का शिलान्यास करवाने की जद्दोजहद में है. जबकि कांग्रेस ने इस पर आपत्ति जताई है.

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने साफ शब्दों में कहा कि प्रधानमंत्री को उपचुनाव के बाद इस परियोजना का शिलान्यास करना चाहिए और इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि पार्वती-कालीसिंध-चंबल (पुरानी ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट) का शिलान्यास प्रधानमंत्री को सात सीटों पर उपचुनाव के बीच नहीं करना चाहिए. यह नैतिक रूप से अनुचित है. उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है और वे इसके शिलान्यास के खिलाफ नहीं हैं. कांग्रेस तो बार-बार यह मांग कर रही है कि राज्य के हित में इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाए, तभी राजस्थान के हितों की रक्षा हो पाएगी.

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली (ETV BHARAT JAIPUR)

इसे भी पढ़ें - पीकेसी परियोजना पर डोटासरा का सीएम भजनलाल पर बड़ा हमला, कहा- सदन में दी गलत जानकारी, लाएंगे विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव

कांग्रेस का ड्रीम प्रोजेक्ट, भाजपा समझने में विफल : जूली ने कहा कि कांग्रेस सरकार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को भाजपा सरकार समझने में विफल रही है. इस प्रोजेक्ट पर कांग्रेस शासन में करीब दस हजार करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया था. ईआरसीपी निगम का भी गठन हुआ था और हाड़ौती की कालीसिंध नदी पर नोनेरा बांध ईआरसीपी प्रोजेक्ट में बनकर तैयार हुआ पहला बांध है. जो पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन में बना. इसके साथ ही इस प्रोजेक्ट में ईसरदा बांध का भी नव-निर्माण कर छह शहरों और 1250 गांवों की पेयजल समस्या का निदान किया गया.

नए बांध बने, फिर भी शिलान्यास करना चाह रहे पीएम : जूली ने कहा कि इस प्रोजेक्ट पर काम तो कभी का शुरू हो चुका है. नए बांध बन गए हैं. फिर भी यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका शिलान्यास करना चाहते हैं तो राजस्थान के व्यापक हित में हम इसका विरोध नहीं कर रहे. लेकिन उप चुनाव के दौरान ऐसा करना लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत है. प्रधानमंत्री इसका मतदान के बाद शिलान्यास करें और साथ ही इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करें.

चुनाव आयोग से करेंगे दखल की मांग : जूली ने कहा कि चुनाव के बीच प्रधानमंत्री के हाथों इसका शिलान्यास कराने की भाजपा सरकार की चेष्टा अनुचित है. प्रधानमंत्री कार्यालय चुनाव के बीच इस परियोजना के शिलान्यास की अनुमति देता है तो इससे प्रधानमंत्री की गरिमा पर सवाल खड़ा होता है. हम चाहते हैं कि 13 नवंबर को मतदान से पहले शिलान्यास नहीं हो. इस बारे में कांग्रेस पार्टी चुनाव आयोग को अवगत करवाएगी और चुनाव आयोग से दखल की मांग करेगी.

इसे भी पढ़ें - गोविंद सिंह डोटासरा बोले- ERCP पर एमओयू में प्रदेश को नुकसान, हिजाब विवाद पर कही यह बात

जयपुर के पास दादिया गांव में कार्यक्रम प्रस्तावित : जूली ने कहा कि भले ही 27 अक्टूबर को यह शिलान्यास कार्यक्रम प्रदेश की भाजपा सरकार जयपुर के समीप दादिया गांव में जनसभा की आड़ में करवाना चाहती है. जयपुर जिले में आचार संहिता लागू नहीं है. लेकिन जयपुर के पड़ोस के कई जिलों में उप चुनाव है. इस जनसभा और प्रस्तावित शिलान्यास का मंतव्य उप चुनाव में राजनीतिक लाभ उठाना है. प्रोजेक्ट के दायरे में आने वाली दौसा, देवली-उनियारा और रामगढ़ विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव हैं, इसलिए इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास 13 नवंबर के बाद होना चाहिए.

एमओयू आज तक नहीं किया सार्वजनिक : टीकाराम जूली ने कहा कि 18 दिन में प्रोजेक्ट की स्थिति पर कोई अंतर नहीं पड़ेगा. वैसे भी राज्य की भाजपा सरकार इस प्रोजेक्ट पर पिछले दस महीने से राजनीति खेल रही है. इस ड्रीम प्रोजेक्ट को जानबूझकर शिथिल किया जा रहा है. प्रदेश की भाजपा सरकार से उन्होंने ईआरसीपी प्रोजेक्ट पर हुए एमओयू को सार्वजनिक करने की सदन में कई बार मांग की. लेकिन सरकार ने एमओयू का खुलासा नहीं किया. इससे जाहिर है कि केंद्र और राज्यों की भाजपा शासित सरकारें मिलकर 'कुल्हड़ी में गुड़' फोड़ रही हैं. यह गुड़ किस प्रकार का है. यह जनता को जानने का हक है. जिस तरह से ईआरसीपी प्रोजेक्ट में पर्दा रखा जा रहा है. उससे जाहिर है कि कहीं कोई बड़ी अंदरूनी गफलत है.

जयपुर : बीते राजस्थान में विधानसभा चुनाव में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को लेकर जमकर राजनीति हुई. सत्ता में आने के बाद भाजपा ने ईआरसीपी का नाम बदलकर पार्वती, कालीसिंध, चंबल परियोजना कर दिया. वहीं, अब प्रदेश में उपचुनाव का बिगुल बजने के साथ ही एक बार फिर पानी पर सियासत गरमाने लगी है. प्रदेश की भाजपा सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पार्वती, कालीसिंध, चंबल परियोजना का शिलान्यास करवाने की जद्दोजहद में है. जबकि कांग्रेस ने इस पर आपत्ति जताई है.

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने साफ शब्दों में कहा कि प्रधानमंत्री को उपचुनाव के बाद इस परियोजना का शिलान्यास करना चाहिए और इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि पार्वती-कालीसिंध-चंबल (पुरानी ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट) का शिलान्यास प्रधानमंत्री को सात सीटों पर उपचुनाव के बीच नहीं करना चाहिए. यह नैतिक रूप से अनुचित है. उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है और वे इसके शिलान्यास के खिलाफ नहीं हैं. कांग्रेस तो बार-बार यह मांग कर रही है कि राज्य के हित में इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाए, तभी राजस्थान के हितों की रक्षा हो पाएगी.

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली (ETV BHARAT JAIPUR)

इसे भी पढ़ें - पीकेसी परियोजना पर डोटासरा का सीएम भजनलाल पर बड़ा हमला, कहा- सदन में दी गलत जानकारी, लाएंगे विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव

कांग्रेस का ड्रीम प्रोजेक्ट, भाजपा समझने में विफल : जूली ने कहा कि कांग्रेस सरकार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को भाजपा सरकार समझने में विफल रही है. इस प्रोजेक्ट पर कांग्रेस शासन में करीब दस हजार करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया था. ईआरसीपी निगम का भी गठन हुआ था और हाड़ौती की कालीसिंध नदी पर नोनेरा बांध ईआरसीपी प्रोजेक्ट में बनकर तैयार हुआ पहला बांध है. जो पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन में बना. इसके साथ ही इस प्रोजेक्ट में ईसरदा बांध का भी नव-निर्माण कर छह शहरों और 1250 गांवों की पेयजल समस्या का निदान किया गया.

नए बांध बने, फिर भी शिलान्यास करना चाह रहे पीएम : जूली ने कहा कि इस प्रोजेक्ट पर काम तो कभी का शुरू हो चुका है. नए बांध बन गए हैं. फिर भी यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका शिलान्यास करना चाहते हैं तो राजस्थान के व्यापक हित में हम इसका विरोध नहीं कर रहे. लेकिन उप चुनाव के दौरान ऐसा करना लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत है. प्रधानमंत्री इसका मतदान के बाद शिलान्यास करें और साथ ही इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करें.

चुनाव आयोग से करेंगे दखल की मांग : जूली ने कहा कि चुनाव के बीच प्रधानमंत्री के हाथों इसका शिलान्यास कराने की भाजपा सरकार की चेष्टा अनुचित है. प्रधानमंत्री कार्यालय चुनाव के बीच इस परियोजना के शिलान्यास की अनुमति देता है तो इससे प्रधानमंत्री की गरिमा पर सवाल खड़ा होता है. हम चाहते हैं कि 13 नवंबर को मतदान से पहले शिलान्यास नहीं हो. इस बारे में कांग्रेस पार्टी चुनाव आयोग को अवगत करवाएगी और चुनाव आयोग से दखल की मांग करेगी.

इसे भी पढ़ें - गोविंद सिंह डोटासरा बोले- ERCP पर एमओयू में प्रदेश को नुकसान, हिजाब विवाद पर कही यह बात

जयपुर के पास दादिया गांव में कार्यक्रम प्रस्तावित : जूली ने कहा कि भले ही 27 अक्टूबर को यह शिलान्यास कार्यक्रम प्रदेश की भाजपा सरकार जयपुर के समीप दादिया गांव में जनसभा की आड़ में करवाना चाहती है. जयपुर जिले में आचार संहिता लागू नहीं है. लेकिन जयपुर के पड़ोस के कई जिलों में उप चुनाव है. इस जनसभा और प्रस्तावित शिलान्यास का मंतव्य उप चुनाव में राजनीतिक लाभ उठाना है. प्रोजेक्ट के दायरे में आने वाली दौसा, देवली-उनियारा और रामगढ़ विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव हैं, इसलिए इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास 13 नवंबर के बाद होना चाहिए.

एमओयू आज तक नहीं किया सार्वजनिक : टीकाराम जूली ने कहा कि 18 दिन में प्रोजेक्ट की स्थिति पर कोई अंतर नहीं पड़ेगा. वैसे भी राज्य की भाजपा सरकार इस प्रोजेक्ट पर पिछले दस महीने से राजनीति खेल रही है. इस ड्रीम प्रोजेक्ट को जानबूझकर शिथिल किया जा रहा है. प्रदेश की भाजपा सरकार से उन्होंने ईआरसीपी प्रोजेक्ट पर हुए एमओयू को सार्वजनिक करने की सदन में कई बार मांग की. लेकिन सरकार ने एमओयू का खुलासा नहीं किया. इससे जाहिर है कि केंद्र और राज्यों की भाजपा शासित सरकारें मिलकर 'कुल्हड़ी में गुड़' फोड़ रही हैं. यह गुड़ किस प्रकार का है. यह जनता को जानने का हक है. जिस तरह से ईआरसीपी प्रोजेक्ट में पर्दा रखा जा रहा है. उससे जाहिर है कि कहीं कोई बड़ी अंदरूनी गफलत है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.