लखनऊ: अपना दल (एस) की नेता और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने शुक्रवार को दिल्ली के संसद भवन में पीएम मोदी मुलाकात की. सियासी गलियारों में दोनों नेताओं के मुलाकात को लखनऊ में बुधवार को अपना दल कमेरावादी की नेता और सपा विधायक पल्लवी पटेल की सीएम योगी से हुई मुलाकात से जोड़कर देखा जा रहा है. क्योंकि पल्लवी पटेल और सीएम योगी से बीच हुई मुलाकात से जहां एक और यहां लखनऊ में सपा और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के खेमे में हड़कंप मचा तो दूसरी ओर दिल्ली में पल्लवी पटेल की बहन और मोदी सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल के गुट में भी सियासी भूकंप आ गया था. दरअसल, अनुप्रिया और पल्लवी पटेल भले ही दोनों सगी बहनें हैं लेकिन दोनों की सियासी राह एक दूसरे से जुदा है. इसीलिए माना जा रहा है कि, पल्लवी के बीजेपी में शामिल होने की संभावनाओं को देखते हुए अनुप्रिया पटेल सियासी गुना भाग करने में जुट गईं.
बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पल्लवी पटेल ने पति निरंजन के साथ मुलाकात की. करीब आधे घंटे तक दोनों नेताओं की बीच बातचीत हुई, जिसके बाद यह कयास लगाए जाने लगे कि, सिराथू विधानसभा सीट से केशव प्रसाद मौर्य को हरा विधायक बनीं पल्लवी पटेल जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकती है. कहा तो यह भी जाने लगा कि, योगी आदित्यनाथ ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का ओबीसी नेता के रूप में विकल्प ढूंढ लिया है. लिहाजा केशव मौर्य गुट में हलचल मच गई.
माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी से आत्मीय मुलाकात हुई। देश-राज्य से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर यशस्वी प्रधानमंत्री जी का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। @PMOIndia pic.twitter.com/AFifMZUviK
— Anupriya Patel (@AnupriyaSPatel) July 26, 2024
वहीं इस मुलाकात के बाद हड़कंप एक और खेमे में मचा था. पल्लवी पटेल की सीएम योगी से मुलाकात के एक दिन बाद ही शुक्रवार को अपना दल सोनेलाल की अध्यक्ष और केंद्र सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल ने दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात की. इस मुलाकात के भी कई मायने लगाए जाने लगे. दरअसल, अनुप्रिया पटेल और पल्लवी भले ही सगी बहनें हैं लेकिन उसके सियासी और पारिवारिक राहे दोनों एक दूसरे से अलग हैं. अनुप्रिया पटेल के साथ जहां सिर्फ उनकी सबसे छोटी बहन अमन है, वहीं पल्लवी पटेल का साथ उनकी मां कृष्णा पटेल दे रही हैं.
दरअसल, दोनों ही बहनें सोनेलाल पटेल की विरासत और कुर्मी वोटर्स पर अपना दावा जताती रहती हैं. सोनेलाल पटेल की विरासत भले ही वर्तमान में अनुप्रिया पटेल संभाल रही है, लेकिन 2022 के विधान सभा चुनाव में सिराथू सीट पर जिस तरह बीजेपी के कद्दावर ओबीसी नेता केशव प्रसाद मौर्य को उन्होंने हराया है, उससे कुर्मी वोटर का रुझान पल्लवी की ओर भी झुका है. इतना ही नहीं साल 2024 के लोकसभा चुनाव में अपना दल सोनेलाल का जादू नहीं चला और वोट प्रतिशत भी घट गया, वहीं एक सीट हारने और मिर्जापुर से कम वोटों से जीत दर्ज करने पर अपना दल सोनेलाल के वर्चस्व में कमी आई है.
वरिष्ठ पत्रकार अंशुमान शुक्ला के मुताबिक, यूपी में अपना दल की स्थापना 1995 में हुई थी, लेकिन सितारे बुलंद 2014 के लोक सभा चुनाव में तब बुलंद हुए, जब बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा. लेकिन यह चुनाव सोनेलाल परिवार के दो खेमों में बंटने के बाद लड़ा गया. अनुप्रिया पटेल ने चुनाव जीत सांसद बनी और मंत्री भी, इसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी अपना दल सोनेलाल बना ली. बीजेपी के साथ ही उनकी पार्टी यूपी में अपनी जगह बनाती गई. अनुप्रिया पटेल जानती है कि यदि पल्लवी बीजेपी के साथ आती है तो उनका भी कद बढ़ेगा. ऐसे में वो नहीं चाहेंगी कि, पल्लवी पटेल की वजह से उनका कद NDA में घटे.
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