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उत्तराखंड में कम वोटिंग पर पॉलिटिक्स तेज, BJP ने निर्वाचन आयोग पर फोड़ा ठीकरा, कांग्रेस ने बताई जनता की नाराजगी - low voting Politics in Uttarakhand

Voting percentage in Uttarakhand, Reasons for low voting Uttarakhand उत्तराखंड में पहले चरण में 19 अप्रैल को हुए मतदान में केवल 55.89 फीसदी मतदान हुआ. ये आंकड़ा पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में कम है. इस साल लोकसभा चुनाव में कम हुई वोटिंग को लेकर सबके अलग अलग मत हैं. सियासी दल भी इस पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं.

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उत्तराखंड में कम वोटिंग पर पॉलिटिक्स तेज
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 20, 2024, 4:50 PM IST

Updated : Apr 20, 2024, 10:46 PM IST

उत्तराखंड में कम वोटिंग पर पॉलिटिक्स तेज

देहरादून: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए उत्तराखंड में पहले चरण में 19 अप्रैल 2024 को मतदान हुआ. जिसमें 55.89% मतदान हुआ. पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में 61.4% मतदान हुआ था. इस बार की वोटिंग तकरीबन 6 फ़ीसदी कम है. महीने भर राजनीतिक दलों द्वारा किए गए चुनावी प्रचार प्रसार और मतदान को लेकर के निर्वाचन द्वारा चलाए गए जागरूकता अभियान के बावजूद भी मतदान में इतनी गिरावट आना एक चिंता का विषय है. मतदान के बाद अब हर राजनीतिक दल के साथ-साथ निर्वाचन भी इसकी समीक्षा कर रहा है.

अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने वर्तमान चुनाव मतदान प्रतिशत और पिछले मतदान प्रतिशत की जानकारी दी. साथ ही उन्होंने भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों का भी जवाब दिया. निर्वाचन आयोजन ने कहा सभी मामलों में नियमानुसार कार्रवाई की गई है है. निर्वाचन की गाइडलाइन के अनुसार ही मतदान के प्रति जन जागरूकता अभियान भी चलाए गए हैं.

विपक्ष की निष्क्रिय कम वोटिंग की वजह: भारतीय जनता पार्टी ने भी उत्तराखंड में कम हुई वोटिंग को स्वीकार किया. भाजपा ने कहा उत्तराखंड में इस बार चुनाव बिल्कुल नीरस रहा. भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव में मतदाताओं को लुभाने का काम किया. भाजपा ने कहा विपक्ष की बिल्कुल निष्क्रिय रहा. जिसके कारण यह चुनाव नीरस रहा. इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी ने कम वोटिंग के लिए निर्वाचन की सख्ताई को भी एक वजह बताया.

निर्वाचन आयोग के कारण कम हुआ मतदान: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने कहा आचार संहिता लगने के बाद से ही निर्वाचन आयोग बेहद सखत् नजर आया. उन्होंने पार्टियों को झंडे, पोस्टर, बैनर नहीं लगाने दिये. उन्होंने कहा जिस तरह से चुनावी माहौल पोस्टर बैनर झंडे से बनता है वह माहौल इस बार नहीं बन पाया. इसके अलावा मतदान के दिन भी कई जगह से शिकायतें मिली कि मतदाता को उसकी वोटर पर्ची, उसके दस्तावेजों से मिलान नहीं हुआ, जिसके कारण मतदान नहीं हो पाया. यह निर्वाचन का बड़ा फेलियर है. इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव में कांग्रेस की निष्क्रियता को भी कम मतदान होने की वजह बताया.

कम वोटिंग बीजेपी के लिए चिंता का विषय: कांग्रेस ने कहा उत्तराखंड में कम मतदान प्रतिशत भारतीय जनता पार्टी के लिए चिंता का विषय है. कांग्रेस का कहना है जिन जगहों पर भारतीय जनता पार्टी को वोट पड़ने की उम्मीद थी वहां पर बिल्कुल भी वोट नहीं पड़ा है. इससे साफ पता चलता है कि भाजपा का 400 पार का नारा फ्लॉप हुआ है. कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा भाजपा को इस पर विश्लेषण करना चाहिए. उन्होंने कहा लोगों में सरकारों की प्रति नाराजगी थी, जिसके कारण उन्होंने मतदान में भाग न लेने को ही सही समझा.

पढ़ें-उत्तराखंड में 7 फीसदी घटा वोटिंग परसेंटेज, हवा हुये निर्वाचन आयोग के दावे, कैंडिडेट्स की बढ़ी चिंता - Uttarakhand Lok Sabha Elections

उत्तराखंड में कम वोटिंग पर पॉलिटिक्स तेज

देहरादून: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए उत्तराखंड में पहले चरण में 19 अप्रैल 2024 को मतदान हुआ. जिसमें 55.89% मतदान हुआ. पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में 61.4% मतदान हुआ था. इस बार की वोटिंग तकरीबन 6 फ़ीसदी कम है. महीने भर राजनीतिक दलों द्वारा किए गए चुनावी प्रचार प्रसार और मतदान को लेकर के निर्वाचन द्वारा चलाए गए जागरूकता अभियान के बावजूद भी मतदान में इतनी गिरावट आना एक चिंता का विषय है. मतदान के बाद अब हर राजनीतिक दल के साथ-साथ निर्वाचन भी इसकी समीक्षा कर रहा है.

अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने वर्तमान चुनाव मतदान प्रतिशत और पिछले मतदान प्रतिशत की जानकारी दी. साथ ही उन्होंने भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों का भी जवाब दिया. निर्वाचन आयोजन ने कहा सभी मामलों में नियमानुसार कार्रवाई की गई है है. निर्वाचन की गाइडलाइन के अनुसार ही मतदान के प्रति जन जागरूकता अभियान भी चलाए गए हैं.

विपक्ष की निष्क्रिय कम वोटिंग की वजह: भारतीय जनता पार्टी ने भी उत्तराखंड में कम हुई वोटिंग को स्वीकार किया. भाजपा ने कहा उत्तराखंड में इस बार चुनाव बिल्कुल नीरस रहा. भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव में मतदाताओं को लुभाने का काम किया. भाजपा ने कहा विपक्ष की बिल्कुल निष्क्रिय रहा. जिसके कारण यह चुनाव नीरस रहा. इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी ने कम वोटिंग के लिए निर्वाचन की सख्ताई को भी एक वजह बताया.

निर्वाचन आयोग के कारण कम हुआ मतदान: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने कहा आचार संहिता लगने के बाद से ही निर्वाचन आयोग बेहद सखत् नजर आया. उन्होंने पार्टियों को झंडे, पोस्टर, बैनर नहीं लगाने दिये. उन्होंने कहा जिस तरह से चुनावी माहौल पोस्टर बैनर झंडे से बनता है वह माहौल इस बार नहीं बन पाया. इसके अलावा मतदान के दिन भी कई जगह से शिकायतें मिली कि मतदाता को उसकी वोटर पर्ची, उसके दस्तावेजों से मिलान नहीं हुआ, जिसके कारण मतदान नहीं हो पाया. यह निर्वाचन का बड़ा फेलियर है. इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव में कांग्रेस की निष्क्रियता को भी कम मतदान होने की वजह बताया.

कम वोटिंग बीजेपी के लिए चिंता का विषय: कांग्रेस ने कहा उत्तराखंड में कम मतदान प्रतिशत भारतीय जनता पार्टी के लिए चिंता का विषय है. कांग्रेस का कहना है जिन जगहों पर भारतीय जनता पार्टी को वोट पड़ने की उम्मीद थी वहां पर बिल्कुल भी वोट नहीं पड़ा है. इससे साफ पता चलता है कि भाजपा का 400 पार का नारा फ्लॉप हुआ है. कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा भाजपा को इस पर विश्लेषण करना चाहिए. उन्होंने कहा लोगों में सरकारों की प्रति नाराजगी थी, जिसके कारण उन्होंने मतदान में भाग न लेने को ही सही समझा.

पढ़ें-उत्तराखंड में 7 फीसदी घटा वोटिंग परसेंटेज, हवा हुये निर्वाचन आयोग के दावे, कैंडिडेट्स की बढ़ी चिंता - Uttarakhand Lok Sabha Elections

Last Updated : Apr 20, 2024, 10:46 PM IST
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