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पत्रकार मुकेश की हत्या पर सियासत तेज, कांग्रेस पर बीजेपी के गंभीर आरोप - POLITICS OVER JOURNALIST MURDER

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या को लेकर बीजेपी ने प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस पार्टी के नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

Gaurela Pendra Marwahi protest
पत्रकार की हत्या पर सियासत (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 6, 2025, 7:48 PM IST

रायपुर : बस्तर के युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या के बाद प्रदेश और देशभर के पत्रकार खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. पूरे प्रदेश में पत्रकार मुकेश चंद्राकर के दोषियों को सख्त सजा दिलाने सहित पत्रकार सुरक्षा कानून प्रदेश में लागू करने की मांग जोर पकड़ रही है. वहीं, इस मामले को लेकर अब राजनीति भी शुरू हो गई है.

कांग्रेस पर बीजेपी ने लगाए गंभीर आरोप : इस हत्याकांड को लेकर भाजपा प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा कि कांग्रेस ने अप्रैल 2024 में मृतक पत्रकार मुकेश चंद्राकर के साथ ही तीन और पत्रकारों को बहिष्कृत कर दिया था. क्या पत्रकार मुकेश चंद्राकर की मौत के बाद भी कांग्रेस ने उनका बहिष्कार कर दिया है. उन्होंने मीडिया को बताया कि 4 जनवरी को मृतक पत्रकार मुकेश चंद्राकर की अंतिम यात्रा में भाजपा की तरफ से पत्रकार की अंतिम यात्रा में सांसद महेश कश्यप और मंत्री केदार कश्यप शामिल हुए थे. लेकिन कांग्रेस का कोई बड़ा नेता उस अंतिम में यात्रा में शामिल नहीं हुआ.

कांग्रेस पर बीजेपी के आरोप (ETV Bharat)

पत्रकार स्वर्गीय मुकेश चंद्राकर को कांग्रेस ने अप्रैल 2024 में बहिष्कृत किया था. मृतक मुकेश चंद्राकर के साथ ही तीन और पत्रकार के नाम भी हैं. पत्रकार शासन प्रशासन की अच्छाई और बुराई दोनों को लेकर सवाल कर सकता है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि कांग्रेस ने पत्रकार को बहिष्कृत क्यों किया. पत्रकार के जीवित रहते हुए उनका बहिष्कार किया गया, अब पत्रकार के मरने के बाद भी कांग्रेस के बड़े नेता बहिष्कार करने का निर्णय लेते हैं क्या : संजय श्रीवास्तव, प्रदेश महामंत्री, छग भाजपा

भूपेश और दीपक बैज पर साधा निशाना : संजय श्रीवास्तव ने बताया कि 4 जनवरी 2025 को मृतक पत्रकार मुकेश चंद्राकर का अंतिम संस्कार किया गया. ठीक उसी दिन प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एक कार्यक्रम में शामिल होने कांकेर पहुंचे थे और रात भी रूके थे. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज 4 जनवरी को ही जगदलपुर बस्तर में थे. लेकिन दोनों पत्रकार मुकेश चंद्राकर की अंतिम यात्रा में शामिल नहीं हुए. भाजपा ने इसे शर्मनाक बताया है.

एसआईटी की टीम करेगी जांच : मृतक पत्रकार के परिजनों के साथ ही सभी पत्रकार साथी भी पीड़ित पक्ष माने जाएंगे. लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में पत्रकार की पहचान होती है. जिन परिस्थितियों में बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या हुई. इनकी शासन, प्रशासन, पुलिस अधिकारियों के साथ ही एसआईटी की टीम जांच करेगी.

जिन परिस्थितियों में पत्रकार की हत्या हुई है, उसमें हमारी क्या भूमिका होनी चाहिए. सभी दल और सभी लोगों को इस पर मिलकर विचार करने की आवश्यकता है. उनका आचरण, उनका व्यवहार, परिवार में जो लोग बच गए हैं, उनके लिए तकलीफ का विषय ना बने, इस दिशा में काम करने की जरूरत है : संजय श्रीवास्तव, प्रदेश महामंत्री, छग भाजपा

गौरेला पेंड्रा मरवाही में प्रदर्शन : पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के दोषियों को सख्त सजा दिलाने की मांग को लेकर आज जीपीएम जिले के पत्रकारों ने प्रदर्शन किया. पत्रकारों ने जिला प्रशासन को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है. इस ज्ञापन में पत्रकारों ने मुकेश चंद्राकर के आरोपियों को सख्त सजा दिलाने और परिजनों को एक करोड़ का मुआवजा देने की मांग रखी है. इसके साथ ही प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग की है.

गौरेला पेंड्रा मरवाही में प्रदर्शन (ETV Bharat)
प्रदेश का पत्रकार आंदोलित है. बस्तर के होनहार पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या हुई. पुलिस ने फौरन कार्रवाई कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है. परन्तु हम पत्रकारों की मांग है कि अपराधियों को जल्द फांसी की सजा दी जाए. बस्तर सहित पूरे प्रदेश के सभी पत्रकारों की मांग है कि पत्रकार सुरक्षा कानून के दायरे में सभी पत्रकारों को लाया जाए और मुकेश के परिजनों को 1 करोड़ का मुआवजा दिया जाए. हमने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को इन मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा है : अखिलेश नामदेव, पत्रकार1 जनवरी से गायब हुआ मुकेश चंद्राकर: नए साल के पहले दिन 1 जनवरी की शाम से मुकेश चंद्राकर लापता था. उसके भाई युकेश चंद्राकर ने अपने स्तर पर भाई की खोजबीन की, लेकिन कोई खबर नहीं मिली. फिर सोशल मीडिया के जरिए भाई मुकेश के लापता होने की जानकारी पोस्ट की. इसकी जानकारी मिलते ही बीजापुर पुलिस मुकेश चंद्राकर की तलाश में जुट गई. मुकेश के मोबाइल नंबर की लास्ट लोकेशन के आधार पर 3 जनवरी को ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के परिसर से पत्रकार की लाश बरामद की गई. परिसर में बने एक सैप्टिक टैंक में पत्रकार की हत्या कर शव डालकर ऊपर से प्लास्टर किया गया था. पुलिस ने जेसीबी से खुदाई कर मुकेश चंद्राकर के शव को बाहर निकाला. जिसके बाद पत्रकार मुकेश चंद्राकर का अंतिम संस्कार 4 जनवरी को किया गया.
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रायपुर : बस्तर के युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या के बाद प्रदेश और देशभर के पत्रकार खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. पूरे प्रदेश में पत्रकार मुकेश चंद्राकर के दोषियों को सख्त सजा दिलाने सहित पत्रकार सुरक्षा कानून प्रदेश में लागू करने की मांग जोर पकड़ रही है. वहीं, इस मामले को लेकर अब राजनीति भी शुरू हो गई है.

कांग्रेस पर बीजेपी ने लगाए गंभीर आरोप : इस हत्याकांड को लेकर भाजपा प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा कि कांग्रेस ने अप्रैल 2024 में मृतक पत्रकार मुकेश चंद्राकर के साथ ही तीन और पत्रकारों को बहिष्कृत कर दिया था. क्या पत्रकार मुकेश चंद्राकर की मौत के बाद भी कांग्रेस ने उनका बहिष्कार कर दिया है. उन्होंने मीडिया को बताया कि 4 जनवरी को मृतक पत्रकार मुकेश चंद्राकर की अंतिम यात्रा में भाजपा की तरफ से पत्रकार की अंतिम यात्रा में सांसद महेश कश्यप और मंत्री केदार कश्यप शामिल हुए थे. लेकिन कांग्रेस का कोई बड़ा नेता उस अंतिम में यात्रा में शामिल नहीं हुआ.

कांग्रेस पर बीजेपी के आरोप (ETV Bharat)

पत्रकार स्वर्गीय मुकेश चंद्राकर को कांग्रेस ने अप्रैल 2024 में बहिष्कृत किया था. मृतक मुकेश चंद्राकर के साथ ही तीन और पत्रकार के नाम भी हैं. पत्रकार शासन प्रशासन की अच्छाई और बुराई दोनों को लेकर सवाल कर सकता है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि कांग्रेस ने पत्रकार को बहिष्कृत क्यों किया. पत्रकार के जीवित रहते हुए उनका बहिष्कार किया गया, अब पत्रकार के मरने के बाद भी कांग्रेस के बड़े नेता बहिष्कार करने का निर्णय लेते हैं क्या : संजय श्रीवास्तव, प्रदेश महामंत्री, छग भाजपा

भूपेश और दीपक बैज पर साधा निशाना : संजय श्रीवास्तव ने बताया कि 4 जनवरी 2025 को मृतक पत्रकार मुकेश चंद्राकर का अंतिम संस्कार किया गया. ठीक उसी दिन प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एक कार्यक्रम में शामिल होने कांकेर पहुंचे थे और रात भी रूके थे. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज 4 जनवरी को ही जगदलपुर बस्तर में थे. लेकिन दोनों पत्रकार मुकेश चंद्राकर की अंतिम यात्रा में शामिल नहीं हुए. भाजपा ने इसे शर्मनाक बताया है.

एसआईटी की टीम करेगी जांच : मृतक पत्रकार के परिजनों के साथ ही सभी पत्रकार साथी भी पीड़ित पक्ष माने जाएंगे. लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में पत्रकार की पहचान होती है. जिन परिस्थितियों में बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या हुई. इनकी शासन, प्रशासन, पुलिस अधिकारियों के साथ ही एसआईटी की टीम जांच करेगी.

जिन परिस्थितियों में पत्रकार की हत्या हुई है, उसमें हमारी क्या भूमिका होनी चाहिए. सभी दल और सभी लोगों को इस पर मिलकर विचार करने की आवश्यकता है. उनका आचरण, उनका व्यवहार, परिवार में जो लोग बच गए हैं, उनके लिए तकलीफ का विषय ना बने, इस दिशा में काम करने की जरूरत है : संजय श्रीवास्तव, प्रदेश महामंत्री, छग भाजपा

गौरेला पेंड्रा मरवाही में प्रदर्शन : पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के दोषियों को सख्त सजा दिलाने की मांग को लेकर आज जीपीएम जिले के पत्रकारों ने प्रदर्शन किया. पत्रकारों ने जिला प्रशासन को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है. इस ज्ञापन में पत्रकारों ने मुकेश चंद्राकर के आरोपियों को सख्त सजा दिलाने और परिजनों को एक करोड़ का मुआवजा देने की मांग रखी है. इसके साथ ही प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग की है.

गौरेला पेंड्रा मरवाही में प्रदर्शन (ETV Bharat)
प्रदेश का पत्रकार आंदोलित है. बस्तर के होनहार पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या हुई. पुलिस ने फौरन कार्रवाई कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है. परन्तु हम पत्रकारों की मांग है कि अपराधियों को जल्द फांसी की सजा दी जाए. बस्तर सहित पूरे प्रदेश के सभी पत्रकारों की मांग है कि पत्रकार सुरक्षा कानून के दायरे में सभी पत्रकारों को लाया जाए और मुकेश के परिजनों को 1 करोड़ का मुआवजा दिया जाए. हमने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को इन मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा है : अखिलेश नामदेव, पत्रकार1 जनवरी से गायब हुआ मुकेश चंद्राकर: नए साल के पहले दिन 1 जनवरी की शाम से मुकेश चंद्राकर लापता था. उसके भाई युकेश चंद्राकर ने अपने स्तर पर भाई की खोजबीन की, लेकिन कोई खबर नहीं मिली. फिर सोशल मीडिया के जरिए भाई मुकेश के लापता होने की जानकारी पोस्ट की. इसकी जानकारी मिलते ही बीजापुर पुलिस मुकेश चंद्राकर की तलाश में जुट गई. मुकेश के मोबाइल नंबर की लास्ट लोकेशन के आधार पर 3 जनवरी को ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के परिसर से पत्रकार की लाश बरामद की गई. परिसर में बने एक सैप्टिक टैंक में पत्रकार की हत्या कर शव डालकर ऊपर से प्लास्टर किया गया था. पुलिस ने जेसीबी से खुदाई कर मुकेश चंद्राकर के शव को बाहर निकाला. जिसके बाद पत्रकार मुकेश चंद्राकर का अंतिम संस्कार 4 जनवरी को किया गया.
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