रायपुर : छत्तीसगढ़ मिनी स्टील प्लांट एसोसिएशन ने बिजली के बढ़े दामों को लेकर सरकार से गुहार लगाई है. एक विज्ञप्ति जारी करते हुए एसोसिएशन ने कहा कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री छत्तीसगढ़ शासन से संस्था के पदाधिकारियों की चर्चा हुई. जिस पर उन्होंने हमारी बातें सरकार तक पहुंचाने की बात कही.साथ ही ये भी कहा कि आप लोग अपने प्लांट शुरू कर दें , इससे राज्य एवं छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल का राजस्व तथा मजदूर वर्ग प्रभावित हो रहे हैं. हमारा अभी भी लगातार मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री एवं अन्य मंत्री से मिलकर इस विद्युत बिल की समस्या का जल्द निवारण करने के लिए प्रयास जारी है. पर इसमें कुछ अभी और समय लगने की उम्मीद है.
बीजेपी ने बढ़ोतरी को बताया विकास के लिए जरुरी : वहीं दूसरी ओर बीजेपी ने भी पलटवार करते हुए कहा है कि संघटन से बात चल रही है. जल्द इसका समाधान निकल आएगा. लेकिन विकास के लिए थोड़ी बहुत बढ़ोतरी जरूरी भी है. वहीं छत्तीसगढ़ मिनी स्टील प्लांट एसोसिएशन ने मांग की है कि सरकार जल्द बिजली के दामों में की गई बढ़ोतरी को वापस लें और जल्द ही इसका हल निकाले.
कांग्रेस के शासन में बंद हुए उद्योग : हालांकि इस हड़ताल की वजह से लोहा कारोबार के दामों में हुई बढ़ोतरी को लेकर संजय श्रीवास्तव कहना है कि लोगों को भुगतान भी हो रहा है, डेवलपमेंट है ,कांग्रेस में बंद हो गए थे. यदि देश और प्रदेश का विकास करना है, तो उसे अग्रणी करना है, विकसित भारत बनाना है, तो कहीं ना कहीं आर्थिक आवश्यकता होती है.
''आर्थिक आवश्यकताओं को आनुपातिक रूप से सभी सेक्टर में काम करना होता है. हम उद्योगपतियों से बातचीत करेंगे और उनसे बातचीत कर बीच का रास्ता निकालेंगे.'' संजय श्रीवास्तव, प्रदेश प्रवक्ता, बीजेपी
मजदूरों के पास रोजी रोटी का संकट : भले ही इस बारे में बिजली कंपनियों और सरकार के बीच बातचीत चल रही हो लेकिन कांग्रेस का कुछ और ही कहना है.कांग्रेस ने आरोप लगाए हैं कि बीजेपी के शासन में उद्योग ही नहीं बल्कि घरेलू बिजली के दाम भी बढ़े हैं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि एक सप्ताह से अधिक दिनों से राज्य की स्टील ईकाईयां बंद हैं. इसके कारण इन ईकाईयों में काम करने वाले 2 लाख से अधिक मजदूरों, ट्रांसपोर्टरों और इन उद्योगों से जुड़े अन्य लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. इसलिए तत्काल राज्य सरकार बढ़े हुए बिजली के दामों को वापस ले. दीपक बैज ने कहा कि 7 माह की बीजेपी सरकार ने न सिर्फ उद्योगों, आम आदमी की बिजली के दामों को बढ़ा दिया है. लोहा उद्योग छत्तीसगढ़ की रीढ़ है. उनकी बिजली महंगी करना विष्णुदेव सरकार का गलत निर्णय है.
''घोषित तौर पर सरकार का दावा है कि 8 प्रतिशत घरेलू बिजली के दाम बढ़े हैं, लेकिन हकीकत यह है कि पिछले दो माह से सभी के घर का बिजली बिल दोगुना आ रहा है. छत्तीसगढ़ जो देश के बड़े उर्जा उत्पादक राज्यों में से एक है, वहीं के नागरिकों और उद्योगों को महंगी बिजली खरीदने को मजबूर होना पड़ा रहा है. कोयला हमारा, जमीन हमारी, पानी हमारा और हमें ही महंगे दाम पर बिजली?'' - दीपक बैज, पीसीसी चीफ
छत्तीसगढ़ बना बिजली कटौती का केंद्र : दीपक बैज ने कहा कि महंगी बिजली के साथ बीजेपी सरकार आने के बाद से जनता को पूरे 24 घंटे बिजली नहीं मिल रही है. पूरे प्रदेश में अघोषित बिजली कटौती हो रही है. 7 माह में विद्युत सरप्लस वाला छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कटौती का केंद्र बन गया है. कोई ऐसा दिन नहीं होता जब बिजली दो-चार घंटे के लिये बंद न हो, रात में तो बिजली की स्थिति तो और भयावह हो जाती है. घंटों बिजली गोल हो जाती है. कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि सरकार घरेलू एवं उद्योग, कृषि के बिजली के दामों की बढ़ोत्तरी वापस ले.