जयपुर : लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के अमेरिका में दिए बयान को लेकर अब सियासी गलियारों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. एक तरफ भाजपा की ओर से राहुल गांधी को लेकर दिए जा रहे बयानों के बाद राज्य में कांग्रेस सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी में है तो वहीं दूसरी ओर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को एक खुला पत्र लिखा है. नड्डा के इस खुले पत्र को लेकर प्रदेश के भाजपा नेताओं ने भी राहुल गांधी के साथ मल्लिकार्जुन खड़गे को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है. प्रदेश के पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सोशल मीडिया के जरिए खड़गे पर निशाना साधते हुए कहा कि राहुल गांधी को सही ठहरना आपकी मजबूरी है.
राठौड़ ने कही ये बात : पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने एक्स पर लिखा कि मल्लिकार्जुन खड़गे उस व्यक्ति को सही ठहराने की कोशिश कर रहे हैं, जिस व्यक्ति का इतिहास ही देश के प्रधानमंत्री सहित पूरे OBC समुदाय को चोर कहकर गाली देने का रहा है. देश के प्रधानमंत्री के लिए अत्यंत अमर्यादित शब्दों का प्रयोग करने का रहा है, उस राहुल गांधी को सही ठहराने की कोशिश मल्लिकार्जुन खड़गे किस मजबूरी के चलते कर रहे हैं? भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम खुला पत्र लिख एक-एक बात को स्पष्ट किया है.
आदरणीय खड़गे जी, जिस व्यक्ति का इतिहास ही देश के प्रधानमंत्री सहित पूरे OBC समुदाय को चोर कहकर गाली देने का रहा हो, देश के प्रधानमंत्री के लिए अत्यंत अमर्यादित शब्दों का प्रयोग करने का रहा हो, उस राहुल गांधी को सही ठहराने की कोशिश आप किस मजबूरी के चलते कर रहे हैं?’
— Rajendra Rathore (@Rajendra4BJP) September 19, 2024
भाजपा… pic.twitter.com/o2NgjaaNzF
बता दें कि भाजपा नेताओं की ओर से राहुल गांधी को लेकर दिए जा रहे बयान और केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू की ओर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को आतंकवादी कहने के बाद कांग्रेस के कार्यकर्ता देशभर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. जयपुर में भी प्रदेश कांग्रेस की ओर से विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी की जा रही है.
नड्डा का खुला पत्र : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम खुला पत्र लिखा. इसमें उन्होंने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे आपने राजनीतिक मजबूरीवश जनता द्वारा बार-बार नकारे गए अपने Failed Product को एक बार फिर से Polish कर बाजार में उतारने के प्रयास में जो पत्र देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा है, उस पत्र को पढ़ कर मुझे लगा कि आपके द्वारा कही गई बातें यथार्थ और सत्य से कोसों दूर है.
BJP national president JP Nadda writes to Congress president Mallikarjun Kharge.
— ANI (@ANI) September 19, 2024
" you have written a letter to pm modi in an attempt to polish your failed product, which has been repeatedly rejected by the public, and bring it to the market due to political compulsion. after… pic.twitter.com/gV8Zdnlxls
ऐसा प्रतीत होता है कि पत्र में आप राहुल गांधी सहित अपने नेताओं की करतूतों को या तो भूल गए हैं या उसे जानबूझकर नजरअंदाज किए हैं. इसलिए मुझे लगा कि उन बातों को विस्तार से आपके संज्ञान में लाना जरूरी है. खड़गे चूंकि आपने अपने पत्र में Selective तरीके से बात केवल राहुल गांधी को लेकर की, इसलिए मैं उसी से अपनी बात की शुरुआत करना चाहूंगा. जिस व्यक्ति का इतिहास ही देश के प्रधानमंत्री सहित पूरे ओबीसी समुदाय को चोर कहकर गाली देने का रहा हो, देश के प्रधानमंत्री के लिए अत्यंत अमर्यादित शब्दों का प्रयोग करने का रहा हो, जिसने संसद में देश के प्रधानमंत्री को डंडे से पीटने की बात कही हो, जिसकी धृष्ट मानसिकता से पूरा देश वाकिफ हो, उस राहुल गांधी को सही ठहराने की कोशिश आप किस मजबूरी के चलते कर रहे हैं?
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ये राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी ही थी न खड़गे, जिन्होंने मोदी के लिए 'मौत का सौदागर' जैसे अत्यंत असभ्य अपशब्दों का प्रयोग किया था? इन सभी दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक बयानों का तो आप और आपकी पार्टी के नेता महिमामंडन करते रहे! क्यों तब राजनीतिक शुचिता की बातें कांग्रेस भूल गई थी? जब राहुल गांधी ने सरेआम 'मोदी की छवि को खराब कर देंगे' वाली बात कही थी तो राजनीतिक मर्यादा को किसने खंड-खंड किया था खड़गे? मैं ये समझता हूं खड़गे कि अपने नित्य निरंतर Failed Product का बचाव करना और उसे महिमामंडित करना आपकी मजबूरी है, लेकिन कम से कम कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते आपको इन चीजों पर आत्ममंथन भी तो करना चाहिए था.
खड़गे, बड़े दुःख की बात है कि देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी अब अपने नामदार युवराज के दवाब में 'Copy & Paste' वाली पार्टी बन कर रह गई है. राजनीतिक लोलुपता की पराकाष्ठा करते हुए अब राहुल गांधी वाले दुर्विकार कांग्रेस पार्टी भी अंगीकार करने लगी है और विडंबना यह भी कि वो उससे ही अपने आपको अलंकृत महसूस करने लगी है. कांग्रेस एंड कंपनी के नेताओं ने पिछले 10 सालों में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को 110 से अधिक गालियां दी हैं और दुर्भाग्य की बात यह है कि इसमें कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व भी शामिल है.
तब क्यों राजनीतिक शुचिता, मर्यादा, अनुशासन, शिष्टाचार जैसे शब्द आपकी और कांग्रेस की Dictionary से गायब हो जाते हैं? एक तरफ आप राजनीतिक शुचिता की दुहाई दे रहे हैं लेकिन दूसरी ओर आपकी पार्टी और आपके नेताओं का इतिहास ही राजनीतिक शुचिता की धज्जियां उड़ाने का रहा है. ऐसा दोहरा रवैया क्यों ?
आगे लिखा कि क्या-क्या नहीं कहा गया आपके नेताओं के द्वारा देश के प्रधानमंत्री के लिए? कभी कहा गया कि 'मोदी तेरी कब्र खुदेगी', कभी कहा गया गया 'नीच', कभी 'कमीना', कभी 'मौत का सौदागर', कभी 'जहरीला सांप, कभी 'बिच्छू', कभी 'चूहा', कभी 'रावण', कभी 'भस्मासुर', कभी 'नालायक', कभी 'कुत्ते की मौत मरेगा', कभी मोदी को जमीन में गाड़ देंगे', कभी 'राक्षस', कभी 'दुष्ट', कभी 'कातिल', कभी 'हिंदू जिन्ना', कभी 'जनरल डायर', कभी 'मोतियाबिंद का मरीज', कभी 'जेबकतरा', कभी 'गंदी नाली', कभी 'काला अंग्रेज', कभी 'कायर', कभी 'औरंगजेब का आधुनिक अवतार', कभी 'दुर्योधन', कभी 'हिंदू आतंकवादी', कभी गदहा', कभी 'नामर्द', कभी 'चौकीदार चोर है', कभी 'तुगलक', कभी 'मोदी की बोटी-बोटी काट देंगे', कभी 'साला मोदी', कभी 'नमक हराम', कभी 'गंवार', कभी 'निकम्मा'. यहाँ तक कि उनके माता-पिता को भी नहीं छोड़ा गया, उनका भी अपमान किया गया.
आजाद भारत के इतिहास में किसी भी जननेता का अपमान कभी नहीं किया गया, जितना आपकी पार्टी के नेताओं ने देश के प्रधानमंत्री का किया. इतना ही नहीं, आपकी पार्टी के जिन नेताओं ने देश के प्रधानमंत्री को जितनी बड़ी गाली दी, उसे कांग्रेस में उतने बड़े-बड़े पद दे दिए गए. अगर मैं ऐसे उदाहरण गिनाने लग जाऊं, तो आपको भी पता है कि उसके लिए अलग से किताब लिखनी पड़ेगी. क्या ऐसे बयानों और हरकतों ने देश को शर्मसार नहीं किया, राजनीतिक मर्यादा को तार- तार नहीं किया? आप इसे कैसे भूल गए खड़गे?
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खड़गे, कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी पर किस बात का गर्व करती है? इसलिए कि वे पाकिस्तान परस्त भारत विरोधी लोगों के साथ गलबहियां करते हैं या इसलिए कि वे आतंकियों के समर्थन वाले कार्यक्रम में जाकर खड़े हो जाते हैं? इसलिए कि वे देश को तोड़ने वाली ताकतों से समर्थन मांगते हैं या इसलिए कि वे विदेशी ताकतों से देश के लोकतंत्र में हस्तक्षेप की मांग करते हैं? इसलिए कि वे देश में आरक्षण और जाति की राजनीति कर एक समाज को दूसरे समाज के खिलाफ भड़काते हैं या इसलिए कि वे विदेशी धरती पर जाकर आरक्षण को खत्म कर दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों का हक छीनने की मंशा जाहिर करते हैं?
या फिर इसलिए कि वे जम्मू-कश्मीर की शांति के खिलाफ विषवमन करते हैं या इसलिए कि वे आतंकियों की रिहाई, पाकिस्तान से बातचीत, पाकिस्तान के साथ व्यापार और धारा 370 को फिर से लाने का समर्थन करते हैं? इसलिए कि वे हिंदू को पाकिस्तानी आतंकी संगठनों से भी बड़ा ख़तरा बताते हैं या इसलिए कि वे बार-बार हिंदू सनातन संस्कृति का अपमान करते हैं? इसलिए कि वे सेना के जवानों की वीरता के सबूत मांगते हैं या इसलिए कि वे जवानों की वीरता को 'खून की दलाली' के संज्ञा देते हैं? इसलिए सिख भाइयों की पगड़ी और कड़े पर विवादास्पत बयान देते हैं? ऐसे में आपका पत्र लिखना कांग्रेस के स्पष्ट दोहरे मानदंड को उजागर करता है कि नहीं?