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तय समय से पहले हिंदू स्वाभिमान यात्रा समाप्त, BJP ने क्यों नहीं दिया गिरिराज सिंह का साथ, जानें

यात्रा समाप्त होने के बाद भी विपक्ष का गिरिराज सिंह पर हमला जारी है. वहीं इसको लेकर बीजेपी और जेडीयू भी खामोश है.

GIRIRAJ SINGH YATRA
गिरिराज सिंह की हिंदू स्वाभिमान यात्रा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : 2 hours ago

Updated : 2 hours ago

पटना: बिहार में जहां चार सीटों के लिए उपचुनाव हो रहे हैं. वहीं पड़ोसी राज्य झारखंड में भी विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं. चुनावी शंखनाद के ठीक बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सीमांचल इलाके में हिंदू स्वाभिमान यात्रा की. यात्रा पर जहां जदयू की ओर से आपत्ति जताई गई, वहीं राष्ट्रीय जनता दल आर पार की लड़ाई के मूड में दिखी.

यात्रा को लेकर अलग-थलग पड़े गिरिराज: नीतीश कुमार लंबे समय से बिहार के सत्ता पर आसीन हैं और 3 सी के साथ नीतीश समझौता नहीं करते हैं. क्राइम, करप्शन और कम्युनलिज्म के साथ नीतीश कुमार समझौता नहीं करते हैं. गिरिराज की यात्रा को लेकर भी जदयू नाराज दिखी. जिस तरीके से अररिया सांसद प्रदीप सिंह ने बयान दिया उसे लेकर भी जदयू की ओर से तीखे वार किए . गिरिराज की यात्रा पर राष्ट्रीय जनता दल ने भी आक्रामक तेवर दिखाये.

गिरिराज सिंह की यात्रा तय समय से पहले समाप्त (ETV Bharat)

"नीतीश कुमार के संरक्षण में केंद्रीय मंत्री इस तरीके का यात्रा निकाल रहे हैं. अगर उस इलाके में कुछ गड़बड़ी हुई तो उसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिम्मेदार होंगे और राष्ट्रीय जनता दल राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ने के लिए मजबूर होगा."- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष

"गिरिराज सिंह की यात्रा से ना तो जदयू इत्तेफाक रखती है ना ही भारतीय जनता पार्टी सहमत है. संविधान कहता है कि अगर आपकी यात्रा से इलाके में अशांति का माहौल बनता है तो कानून डंडा लेकर खड़ा रहेगा."- निहोरा यादव,जदयू प्रवक्ता

गिरिराज की यात्रा से भाजपा ने झाड़ा पल्ला: गिरिराज सिंह की हिंदू स्वाभिमान यात्रा को लेकर बिहार भाजपा के अंदर भी मतभेद दिखाई दी. भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई ने गिरिराज के यात्रा से खुद को अलग कर लिया और प्रदेश अध्यक्ष ने हिंदू स्वाभिमान यात्रा को गिरिराज सिंह की व्यक्तिगत यात्रा करार दिया. पार्टी के प्रवक्ताओं ने भी गिरिराज सिंह के पक्ष में आवाज बुलंद करना मुनासिब नहीं समझा.

"यात्रा गिरिराज सिंह की व्यक्तिगत थी और उससे पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है. गिरिराज सिंह ने व्यक्तिगत तौर पर हिंदू स्वाभिमान यात्रा निकाली थी. उनकी यात्रा से पार्टी का कोई लेना देना नहीं है."- पंकज सिंह,भाजपा प्रवक्ता

GIRIRAJ SINGH YATRA
ईटीवी भारत GFX (ETV Bharat)

नीतीश को नाराज नहीं करना चाहती थी भाजपा: केंद्र में नीतीश कुमार के समर्थन से भाजपा की सरकार चल रही है और बिहार में सरकार की कमान नीतीश कुमार के पास है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी नीतीश कुमार को नाराज करने का जोखिम नहीं उठाना चाहती थी. इस वजह से गिरिराज सिंह की यात्रा को पार्टी ने हरी झंडी नहीं दी.

जेपी नड्डा ने यात्रा को लेकर दिया निर्देश!: सूत्र बताते हैं कि जिस दिन यात्रा शुरू हो रही थी, उस दिन राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने केंद्रीय मंत्री को तत्काल यात्रा रोकने को कहा था. इसका नतीजा यह हुआ कि यात्रा तय समय से पहले रोक दिया गया और गिरिराज सिंह बागडोगरा एयरपोर्ट से सीधे दिल्ली रवाना हो गए.

हिंदुओं को एकजुट करना था यात्रा का मकसद: भारतीय जनता पार्टी ने गिरिराज सिंह की यात्रा को भले ही हरी झंडी नहीं दी ,लेकिन बिहार और झारखंड में हो रहे चुनाव को देखते हुए यात्रा के महत्व बढ़ जाता है. हिंदू वोटर की गोलबंदी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. शायद इसी उद्देश्य से गिरिराज सिंह ने हिंदू स्वाभिमान यात्रा की.

क्या था केंद्रीय मंत्री का मकसद?: आपको बता दें कि गिरिराज सिंह की यात्रा जिन जिलों से गुजरी, वो मुस्लिम आबादी के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं. किशनगंज में 68 फ़ीसदी, कटिहार में 45, अररिया में 43, पूर्णिया में 38 और भागलपुर में 18 फ़ीसदी मुस्लिम आबादी है. बिहार की सियासत पर नज़र रखने वाले गिरिराज सिंह की इस यात्रा को राज्य में एक नए ट्रेंड के तौर पर देखते हैं.

31 विधानसभा क्षेत्रों को प्रभावित करने की कोशिश: सीमांचल के चार ज़िलों में 24 विधानसभा क्षेत्र हैं. अगर इसमें भागलपुर के 7 विधानसभा क्षेत्रों को भी जोड़ दें तो गिरिराज सिंह ने अपनी यात्रा के ज़रिए 31 विधानसभा क्षेत्रों को प्रभावित करने की कोशिश की है. मुस्लिम आबादी के लिहाज से महत्वपूर्ण सीमांचल के अलावा भागलपुर भी गिरिराज सिंह की इस यात्रा का हिस्सा है. भागलपुर में साल 1989 में सांप्रदायिक दंगा हुआ था. लंबे समय तक भागलपुर दंगा बिहार में राजनीतिक मुद्दा बना रहा.

GIRIRAJ SINGH YATRA
ईटीवी भारत GFX (ETV Bharat)

बीजेपी ने किया किनारा: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार में 18-22 अक्तूबर के बीच ‘हिंदू स्वाभिमान यात्रा’ की. इस यात्रा से जहां बीजेपी की प्रदेश इकाई ने किनारा कर लिया. वहीं राज्य में बीजेपी के साथ सत्ता में शामिल पार्टी जेडीयू भी इससे असहज दिखी. गिरिराज सिंह ने ये यात्रा राज्य के भागलपुर, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया और अररिया में की. इन ज़िलों को सीमांचल का इलाका कहा जाता है. केंद्रीय मंत्री ने अपनी इस यात्रा के दौरान 19 अक्टूबर को कटिहार में 'लव, लैंड जिहाद' की बात कहने के साथ ही सीमांचल में 'रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठ' का मुद्दा उठाया.

केंद्रीय नेतृत्व ने किया हस्तक्षेप: गिरिराज सिंह की यात्रा 18 अक्टूबर से शुरू हुई और 22 अक्टूबर तक चलनी थी लेकिन 20 अक्टूबर के बाद ही यात्रा को विराम देना पड़ा. केंद्रीय मंत्री आनन फानन में दिल्ली रवाना हो गए. यात्रा को तय समय से पहले खत्म करनी पड़ी मिल रही जानकारी के मुताबिक जदयू के दबाव के बाद बीजेपी ने कड़ा रुख अख्तियार किया और केंद्रीय नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद यात्रा तय समय से पहले खत्म हुआ.

"भारतीय जनता पार्टी ने गिरिराज सिंह की यात्रा को भले ही हरी झंडी नहीं दी, लेकिन बिहार और झारखंड में हो रहे चुनाव को देखते हुए यात्रा का महत्व बढ़ जाता है. हिंदू वोटर की गोलबंदी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. शायद इसी उद्देश्य से गिरिराज सिंह ने हिंदू स्वाभिमान यात्रा की."- रवि उपाध्याय,राजनीतिक विश्लेषक

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पटना: बिहार में जहां चार सीटों के लिए उपचुनाव हो रहे हैं. वहीं पड़ोसी राज्य झारखंड में भी विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं. चुनावी शंखनाद के ठीक बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सीमांचल इलाके में हिंदू स्वाभिमान यात्रा की. यात्रा पर जहां जदयू की ओर से आपत्ति जताई गई, वहीं राष्ट्रीय जनता दल आर पार की लड़ाई के मूड में दिखी.

यात्रा को लेकर अलग-थलग पड़े गिरिराज: नीतीश कुमार लंबे समय से बिहार के सत्ता पर आसीन हैं और 3 सी के साथ नीतीश समझौता नहीं करते हैं. क्राइम, करप्शन और कम्युनलिज्म के साथ नीतीश कुमार समझौता नहीं करते हैं. गिरिराज की यात्रा को लेकर भी जदयू नाराज दिखी. जिस तरीके से अररिया सांसद प्रदीप सिंह ने बयान दिया उसे लेकर भी जदयू की ओर से तीखे वार किए . गिरिराज की यात्रा पर राष्ट्रीय जनता दल ने भी आक्रामक तेवर दिखाये.

गिरिराज सिंह की यात्रा तय समय से पहले समाप्त (ETV Bharat)

"नीतीश कुमार के संरक्षण में केंद्रीय मंत्री इस तरीके का यात्रा निकाल रहे हैं. अगर उस इलाके में कुछ गड़बड़ी हुई तो उसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिम्मेदार होंगे और राष्ट्रीय जनता दल राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ने के लिए मजबूर होगा."- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष

"गिरिराज सिंह की यात्रा से ना तो जदयू इत्तेफाक रखती है ना ही भारतीय जनता पार्टी सहमत है. संविधान कहता है कि अगर आपकी यात्रा से इलाके में अशांति का माहौल बनता है तो कानून डंडा लेकर खड़ा रहेगा."- निहोरा यादव,जदयू प्रवक्ता

गिरिराज की यात्रा से भाजपा ने झाड़ा पल्ला: गिरिराज सिंह की हिंदू स्वाभिमान यात्रा को लेकर बिहार भाजपा के अंदर भी मतभेद दिखाई दी. भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई ने गिरिराज के यात्रा से खुद को अलग कर लिया और प्रदेश अध्यक्ष ने हिंदू स्वाभिमान यात्रा को गिरिराज सिंह की व्यक्तिगत यात्रा करार दिया. पार्टी के प्रवक्ताओं ने भी गिरिराज सिंह के पक्ष में आवाज बुलंद करना मुनासिब नहीं समझा.

"यात्रा गिरिराज सिंह की व्यक्तिगत थी और उससे पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है. गिरिराज सिंह ने व्यक्तिगत तौर पर हिंदू स्वाभिमान यात्रा निकाली थी. उनकी यात्रा से पार्टी का कोई लेना देना नहीं है."- पंकज सिंह,भाजपा प्रवक्ता

GIRIRAJ SINGH YATRA
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नीतीश को नाराज नहीं करना चाहती थी भाजपा: केंद्र में नीतीश कुमार के समर्थन से भाजपा की सरकार चल रही है और बिहार में सरकार की कमान नीतीश कुमार के पास है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी नीतीश कुमार को नाराज करने का जोखिम नहीं उठाना चाहती थी. इस वजह से गिरिराज सिंह की यात्रा को पार्टी ने हरी झंडी नहीं दी.

जेपी नड्डा ने यात्रा को लेकर दिया निर्देश!: सूत्र बताते हैं कि जिस दिन यात्रा शुरू हो रही थी, उस दिन राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने केंद्रीय मंत्री को तत्काल यात्रा रोकने को कहा था. इसका नतीजा यह हुआ कि यात्रा तय समय से पहले रोक दिया गया और गिरिराज सिंह बागडोगरा एयरपोर्ट से सीधे दिल्ली रवाना हो गए.

हिंदुओं को एकजुट करना था यात्रा का मकसद: भारतीय जनता पार्टी ने गिरिराज सिंह की यात्रा को भले ही हरी झंडी नहीं दी ,लेकिन बिहार और झारखंड में हो रहे चुनाव को देखते हुए यात्रा के महत्व बढ़ जाता है. हिंदू वोटर की गोलबंदी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. शायद इसी उद्देश्य से गिरिराज सिंह ने हिंदू स्वाभिमान यात्रा की.

क्या था केंद्रीय मंत्री का मकसद?: आपको बता दें कि गिरिराज सिंह की यात्रा जिन जिलों से गुजरी, वो मुस्लिम आबादी के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं. किशनगंज में 68 फ़ीसदी, कटिहार में 45, अररिया में 43, पूर्णिया में 38 और भागलपुर में 18 फ़ीसदी मुस्लिम आबादी है. बिहार की सियासत पर नज़र रखने वाले गिरिराज सिंह की इस यात्रा को राज्य में एक नए ट्रेंड के तौर पर देखते हैं.

31 विधानसभा क्षेत्रों को प्रभावित करने की कोशिश: सीमांचल के चार ज़िलों में 24 विधानसभा क्षेत्र हैं. अगर इसमें भागलपुर के 7 विधानसभा क्षेत्रों को भी जोड़ दें तो गिरिराज सिंह ने अपनी यात्रा के ज़रिए 31 विधानसभा क्षेत्रों को प्रभावित करने की कोशिश की है. मुस्लिम आबादी के लिहाज से महत्वपूर्ण सीमांचल के अलावा भागलपुर भी गिरिराज सिंह की इस यात्रा का हिस्सा है. भागलपुर में साल 1989 में सांप्रदायिक दंगा हुआ था. लंबे समय तक भागलपुर दंगा बिहार में राजनीतिक मुद्दा बना रहा.

GIRIRAJ SINGH YATRA
ईटीवी भारत GFX (ETV Bharat)

बीजेपी ने किया किनारा: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार में 18-22 अक्तूबर के बीच ‘हिंदू स्वाभिमान यात्रा’ की. इस यात्रा से जहां बीजेपी की प्रदेश इकाई ने किनारा कर लिया. वहीं राज्य में बीजेपी के साथ सत्ता में शामिल पार्टी जेडीयू भी इससे असहज दिखी. गिरिराज सिंह ने ये यात्रा राज्य के भागलपुर, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया और अररिया में की. इन ज़िलों को सीमांचल का इलाका कहा जाता है. केंद्रीय मंत्री ने अपनी इस यात्रा के दौरान 19 अक्टूबर को कटिहार में 'लव, लैंड जिहाद' की बात कहने के साथ ही सीमांचल में 'रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठ' का मुद्दा उठाया.

केंद्रीय नेतृत्व ने किया हस्तक्षेप: गिरिराज सिंह की यात्रा 18 अक्टूबर से शुरू हुई और 22 अक्टूबर तक चलनी थी लेकिन 20 अक्टूबर के बाद ही यात्रा को विराम देना पड़ा. केंद्रीय मंत्री आनन फानन में दिल्ली रवाना हो गए. यात्रा को तय समय से पहले खत्म करनी पड़ी मिल रही जानकारी के मुताबिक जदयू के दबाव के बाद बीजेपी ने कड़ा रुख अख्तियार किया और केंद्रीय नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद यात्रा तय समय से पहले खत्म हुआ.

"भारतीय जनता पार्टी ने गिरिराज सिंह की यात्रा को भले ही हरी झंडी नहीं दी, लेकिन बिहार और झारखंड में हो रहे चुनाव को देखते हुए यात्रा का महत्व बढ़ जाता है. हिंदू वोटर की गोलबंदी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. शायद इसी उद्देश्य से गिरिराज सिंह ने हिंदू स्वाभिमान यात्रा की."- रवि उपाध्याय,राजनीतिक विश्लेषक

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