रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन 2019 के विधानसभा चुनाव से भी खराब रहा. नई विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या 21 रह गयी. इसको लेकर समीक्षा बैठक हुई और अब तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई न होने पर सत्ताधारी दल भाजपा पर मुखर है.
विधानसभा चुनाव में हार की वजहों को जानने-समझने के लिए 30 नवंबर 2024 को झारखंड भाजपा ने समीक्षा बैठक की. जिसमें पार्टी नेतृत्व को हार की कई वजहों की जानकारी भी मिली. लेकिन समीक्षा बैठक के डेढ़ महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी समीक्षा बैठक में मिली सूचनाओं पर क्या कार्रवाई हुई इसकी जानकारी किसी को नहीं है. अब तो राज्य के सबसे बड़े और सत्तारूढ़ राजनीतिक दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता इसी बहाने प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और भाजपा पर तंज कसने लगे हैं.
बाबूलाल मरांडी की कुर्सी ही खतरे में तो वे कार्रवाई कैसे करेंगे
झारखंड मुक्ति मोर्चा, रांची के संयोजक सदस्य डॉ. हेमलाल मेहता कहते हैं कि हार के बाद भाजपा की समीक्षा बैठक महज एक दिखावा था. उन्होने तंज कसते हुए कहा कि जिस प्रदेश अध्यक्ष को कार्रवाई करनी है, उनकी ही कुर्सी खतरे में है. चंपाई सोरेन जैसे नेता हाशिये पर हैं तो कार्रवाई करेगा कौन? झामुमो नेता ने कहा कि दरअसल करारी हार के बाद इन लोगों ने समीक्षा बैठक का दिखावा किया था. भाजपा का आगे भी यही हाल होने वाला है जो 2024 विधानसभा चुनाव में हुआ.
समीक्षा बैठक के बाद पार्टी बेहतर करे
झारखंड विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद हुई समीक्षा बैठक के बाद न कोई कार्रवाई और न ही किसी की जवाबदेही तय कर पाने के सवाल पर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि हार के लिए जिम्मेवार लोगों पर कार्रवाई पर सम्मानित नेतृत्व को विचार करना है. समीक्षा बैठक के बाद कार्रवाई का अधिकार प्रदेश नेतृत्व को है. प्रदेश नेतृत्व की इतनी जिम्मेदारी जरूर बनती है कि समीक्षा बैठक के बाद पार्टी बेहतर परफॉर्म करे.
प्रदेश नेतृत्व उचित समय पर कार्रवाई करेगी
झामुमो के तंज और राज्यसभा सांसद के बयान को लेकर झारखंड प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता अविनेश कुमार सिंह ने कहा कि झामुमो को हमारी पार्टी के अंदरूनी मामलों में बयानबाजी का हक नहीं है, रही बात हमारे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष की तो वह खुद वरिष्ठ नेता हैं, उचित फोरम पर बात रखेंगे तो सभी सवालों का जवाब मिल जाएगा. समीक्षा बैठक के बाद हार की जिम्मेवारी- जवाबदेही तय करने और कार्रवाई करने जैसे तमाम बातें प्रदेश अध्यक्ष के नजर में होगी और सही समय पर वह उचित फैसला लेंगे.
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