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UCC को लेकर राजनीतिक विशेषज्ञों की राय, बोले- कुरीतियां होंगी खत्म, प्रथाएं रहेंगी बरकरार - UCC Bill in Uttarakhand

Uttarakhand UCC उत्तराखंड में अब कभी भी यूसीसी लागू हो सकता है. ऐसी उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ही इसे राज्य में लागू कर दिया जाएगा. दरअसल बुधवार 13 मार्च 2024 को राष्ट्रपति ने यूसीसी को मंजूरी दे दी है. जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को यूसीसी का फाइनल ड्राफ्ट सौंपा गया था तो बयानबाजी का दौर शुरू हुआ था. इसी क्रम में बुद्धजीवी और राजनीतिक विशेषज्ञ भी यूसीसी को लेकर अलग-अलग राय दी थी. उनका मानना था कि यूसीसी प्रदेश और लोगों के पक्ष में है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 2, 2024, 5:40 PM IST

Updated : Mar 13, 2024, 2:41 PM IST

UCC को लेकर राजनीतिक विशेषज्ञों की राय

देहरादून: उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. दरअसल, यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार किए जाने को लेकर गठित पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति ने 2 फरवरी को फाइनल ड्राफ्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दिया था. ऐसे में अब शनिवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान धामी कैबिनेट में इस पर मुहर लगाने के साथ ही 6 फरवरी को विधानसभा सत्र के पटल पर विधेयक रखा था. यूसीसी का फाइनल ड्राफ्ट मिलने के बाद से बयानबाजी का दौर शुरू हो गया था. इसी क्रम में बुद्धजीवी और राजनीतिक विशेषज्ञ भी यूसीसी को लेकर अलग-अलग राय देने लगे थे.

यूसीसी से संस्कारों में नहीं कोई परिवर्तन: वरिष्ठ पत्रकार दिनेश मनसेरा ने बताया कि यूसीसी के जरिए हमारे संस्कारों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. ऐसे में जो शादियों के संस्कार हैं, उसी तरह से शादियां होंगी. लेकिन इतना जरूर है कि शादियों का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा. उन्होंने कहा कि शादियों के रजिस्ट्रेशन को लेकर पहले से ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश है, क्योंकि जब कोई जोड़ा विदेश जाता है तो उसे पासपोर्ट बनाने में काफी दिक्कतें आती हैं. ऐसे में यूसीसी के आने से ज्यादा परिवर्तन नहीं होगा, लेकिन कुरीतिया खत्म हो जाएंगी और प्रथाएं बराबर चलती रहेंगी.

यूसीसी देश के लिए बनेगा नजीर: दिनेश मनसेरा ने बताया कि यूसीसी में इस चीज का प्रावधान भी है कि अगर कोई तलाक देता है, तो वो मामला कोर्ट में ही निस्तारित होगा. साथ ही गुजारा भत्ता देय होगा. ऐसे में शादी के प्रमाण की आवश्यकता होगी. साथ ही यूसीसी के जरिए बहुविवाह प्रथा खत्म होगी. उन्होंने कहा कि यूसीसी को लेकर जनता को समझने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि इसका ड्राफ्ट तैयार करने के लिए हर वर्ग के लोगों से राय ली गई है. ऐसे में ये ड्राफ्ट बहुत सोच समझकर तैयार किया गया है, जो भविष्य में देश के लिए नजीर बनेगा.

प्रदेश की सुरक्षा के लिए जरूरी यूसीसी: वरिष्ठ पत्रकार सुनील दत्त पांडे ने कहा कि केंद्र में भी ये मामला उठा था कि यूसीसी को लागू किया जाए. ऐसे में यूसीसी का मुद्दा एक तरफ प्रदेश की सुरक्षा के लिए है, तो दूसरी ओर यूसीसी से भाजपा को राजनीतिक फायदा भी है, क्योंकि जब भाजपा, जनसंघ थी तब भी यूसीसी को लागू करने का मुद्दा उठाया गया था.

किसी भी धर्म से नहीं जुड़ा यूसीसी: वहीं, हल्द्वानी में UCC को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता बंशीधर भगत का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि UCC सबके हित में है और जल्द ही सब कुछ साफ हो जाएगा, लेकिन इतना जरूर है कि समाज में जो भी कुरीतियां है, सरकार उसको दूर करने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि UCC किसी भी धर्म से जुड़ा हुआ नहीं है.

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UCC को लेकर राजनीतिक विशेषज्ञों की राय

देहरादून: उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. दरअसल, यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार किए जाने को लेकर गठित पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति ने 2 फरवरी को फाइनल ड्राफ्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दिया था. ऐसे में अब शनिवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान धामी कैबिनेट में इस पर मुहर लगाने के साथ ही 6 फरवरी को विधानसभा सत्र के पटल पर विधेयक रखा था. यूसीसी का फाइनल ड्राफ्ट मिलने के बाद से बयानबाजी का दौर शुरू हो गया था. इसी क्रम में बुद्धजीवी और राजनीतिक विशेषज्ञ भी यूसीसी को लेकर अलग-अलग राय देने लगे थे.

यूसीसी से संस्कारों में नहीं कोई परिवर्तन: वरिष्ठ पत्रकार दिनेश मनसेरा ने बताया कि यूसीसी के जरिए हमारे संस्कारों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. ऐसे में जो शादियों के संस्कार हैं, उसी तरह से शादियां होंगी. लेकिन इतना जरूर है कि शादियों का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा. उन्होंने कहा कि शादियों के रजिस्ट्रेशन को लेकर पहले से ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश है, क्योंकि जब कोई जोड़ा विदेश जाता है तो उसे पासपोर्ट बनाने में काफी दिक्कतें आती हैं. ऐसे में यूसीसी के आने से ज्यादा परिवर्तन नहीं होगा, लेकिन कुरीतिया खत्म हो जाएंगी और प्रथाएं बराबर चलती रहेंगी.

यूसीसी देश के लिए बनेगा नजीर: दिनेश मनसेरा ने बताया कि यूसीसी में इस चीज का प्रावधान भी है कि अगर कोई तलाक देता है, तो वो मामला कोर्ट में ही निस्तारित होगा. साथ ही गुजारा भत्ता देय होगा. ऐसे में शादी के प्रमाण की आवश्यकता होगी. साथ ही यूसीसी के जरिए बहुविवाह प्रथा खत्म होगी. उन्होंने कहा कि यूसीसी को लेकर जनता को समझने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि इसका ड्राफ्ट तैयार करने के लिए हर वर्ग के लोगों से राय ली गई है. ऐसे में ये ड्राफ्ट बहुत सोच समझकर तैयार किया गया है, जो भविष्य में देश के लिए नजीर बनेगा.

प्रदेश की सुरक्षा के लिए जरूरी यूसीसी: वरिष्ठ पत्रकार सुनील दत्त पांडे ने कहा कि केंद्र में भी ये मामला उठा था कि यूसीसी को लागू किया जाए. ऐसे में यूसीसी का मुद्दा एक तरफ प्रदेश की सुरक्षा के लिए है, तो दूसरी ओर यूसीसी से भाजपा को राजनीतिक फायदा भी है, क्योंकि जब भाजपा, जनसंघ थी तब भी यूसीसी को लागू करने का मुद्दा उठाया गया था.

किसी भी धर्म से नहीं जुड़ा यूसीसी: वहीं, हल्द्वानी में UCC को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता बंशीधर भगत का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि UCC सबके हित में है और जल्द ही सब कुछ साफ हो जाएगा, लेकिन इतना जरूर है कि समाज में जो भी कुरीतियां है, सरकार उसको दूर करने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि UCC किसी भी धर्म से जुड़ा हुआ नहीं है.

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Last Updated : Mar 13, 2024, 2:41 PM IST
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