जोधपुर: सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक दलजीत चौधरी ने कहा कि 5 अगस्त को बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद के हालात के बाद से बांग्लादेश की सीमा पर सावधानी बरती जा रही है. उन्हीं लोगों को भारत में प्रवेश मिला है, जिनको अधिकारिक वीजा है. उन्होंने बताया कि बांग्लादेश से जुड़ी सीमा पर 800 किमी क्षेत्र में फेंसिंग अपग्रेड होना बाकी है.
जोधपुर बीएसएफ मुख्यालय पर शुक्रवार को आयोजित सालाना प्रेस वार्ता में उनसे पूछा गया कि सत्ता परिवर्तन के बाद वहां की जेल में बंद गई आतंकी बाहर आ गए हैं, वे बार्डर पार करने की फिराक में हैं. इसको लेकर क्या इंतजाम है. इस पर चौधरी ने कहा कि वहां की जेलों से निकले लोगों को लेकर अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है. हम वहां के घटनाक्रम के बाद भी लगातार घुसपैठ रोकने में कामयाब रहे हैं. हमने उस क्षेत्र में 15 मानव तस्करी यूनिटें स्थापित की है. निगरानी बढ़ाने के लिए कई तकनीकी उपकरण स्थापित किए गए हैं. बांग्लादेश द्वारा तुर्की में निर्मित ड्रोन काम में लिए जाने के सवाल पर चौधरी ने कहा कि ड्रोन का उपयोग सब अपने-अपने क्षेत्र में कर रहे हैं. बता दें कि इस बार बीएसएफ की स्थापना दिवस की परेड जोधपुर में आयोजित हो रही है. रविवार को परेड में बतौर मुख्य अतिथी देश के गृह मंत्री अमित शाह शामिल होंगे.
जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ रोक रहे : चुनाव के बाद कश्मीर में घुसपैठ बढ़ी है. कई नई चुनौतियों के सवाल पर चौधरी ने कहा कि एलओसी पर आर्मी के साथ बीएसएफ तैनात है. वहां पर तकनीकी सहयोग बढ़ाया गया हैं. लॉन्ग रेंज सर्विलांस किया जा रहा हैं. इंटेलीजेंस सोर्स बढ़ा रहे हैं. हमारा प्रयास है कि किसी तरह की घुसपैठ नहीं हो. आतंकियों से मुकाबले के लिए हमारे जवानों और अधिकारियों को नए तरीके से ट्रेंड किया जा रहा है. सख्त हिदायत है कि घुसपैठ हर हाल में रोकें, जिसमें हमें सफलता मिली हैं. इसके लिए हमने घुसपैठ से जुड़े क्षेत्र चिह्नित कर वहां सर्विलांस कर रहे हैं. एक साल में कितनी घुसपैठ हुई, इस पर उन्होंने कहा कि इसके अधिकारिक आंकड़े नहीं हैं.
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पश्चिमी सीमा पर काउंटर ड्रोन सिस्टम : बीएसएफ के डीजी ने माना कि ड्रोन का उपयोग चुनौती है, लेकिन हमने भी सामना करने के लिए अपनी तकनीकी क्षमता बढ़ाई है. काउंटर ड्रोन सिस्टम लगाए हैं. घुसपैठ रोकने के लिए एंटी ग्राउंड पेंट्रेटींग राडार का उपयोग हो रहा है, जिससे सीमा पर किसी तरह की हलचल का पता चलता है. पंजाब में बढ़ती हथियार गिराने की घटना पर उन्होंने कहा कि ड्रोपिंग जोन चिह्मित किए गए हैं. वहां पर आक्रामक तरीके से एक्शन लिया जा रहा है. चौधरी ने बताया कि एक साल में पश्चिमी सीमा पर 77 हथियार व गोला बारूद बरामद किए गए हैं. स्मार्ट फेंसिंग भी लगाई है.
60 साल में 1992 जवान शहीद हुए : डीजी चौधरी ने बताया कि 1965 में स्थापित बीएसएफ की शुरुआत में 23 बटालियन थी, जो आज 193 तक पहुंच गई है. इन 60 सालों में 1992 बीएसएफ के जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान देश के लिए दिया है. देश के पूर्व, उतरी व पश्चिमी सीमा पर बीएसएफ अपनी लगातार तकनीकी क्षमता बढ़ा रही है, जिससे हर परिस्थिति में दुश्मनों व उपद्रवियों से निपटा जा सके.