जालौन: जिले के थाना रामपुरा में तैनात सिपाही विकास निर्मल दिवाकर (निवासी बेलाहार थाना कुरावली, मैनपुरी) की गर्भवती पत्नी को समय पर उपचार नहीं मिल सका, जिसके कारण उसकी और गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई. सिपाही थानाध्यक्ष पर आरोप लगाया है कि छुट्टी निरस्त करने से वह अपनी पत्नी का उचित इलाज समय पर नहीं करा सका. इसी कारण पत्नी और गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई. इस पूरे मामले की जानकारी जब पुलिस अधीक्षक डॉ. ईरज राजा को हुई तो उन्होंने विभागीय जांच के आदेश दिए.
सिपाही विकास वर्तमान में थाना रामपुरा में तैनात था. बताते हैं कि लगभग एक सप्ताह से सिपाही एसओ अर्जुन सिंह से गर्भवती पत्नी का हवाला देते हुए छुट्टी मांग रहा था. लेकिन उसको छुट्टी नहीं मिल रही थी. सिपाही विकास के मुताबकि उसने एसओ से गर्भवती पत्नी का हवाला देकर कई बार छुट्टी स्वीकृत करने के लिए कहा लेकिन एसओ ने एक भी बात नहीं सुनी. छुट्टी देने से साफ मना कर दिया.
बीते शुक्रवार को पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई. जिसके बाद परिवार के लोग गांव के ही अस्पताल ले गए. जहां से उसे जिला अस्पताल, मैनपुरी भेज दिया गया. मैनपुरी से गर्भवती को आगरा के लिए रेफर कर दिया गया. जहां आगरा ले जाते समय रास्ते में जच्चा व बच्चा दोनों की मौत हो गई. सिपाही विकास का कहना है कि अगर एसओ छुट्टी दे देते तो गर्भवती पत्नी पहले ही बड़े अस्पताल ले जाता. तब शायद यह नहीं होता.
सिपाही विकास ने एसओ अर्जुन सिंह के गैर जिम्मेदाराना रवैये की शिकायत पुलिस अधीक्षक ईरज राजा से की. जिस पर पुलिस अधीक्षक जालौन ने सीओ माधौगढ़ के नेतृत्व में टीम गठित कर जांच के आदेश दिए हैं.