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अब नहीं काटने पड़ेंगे थाने के चक्कर, उत्तर प्रदेश पुलिस आपके घर आकर दर्ज करेगी FIR - Good steps by UP police

कानपुर में पायलट प्रोजेक्ट के तहत एक नई सेवा शुरू (Kanpur News) की जाएगी. इसके तहत दिव्यांगों और सीनियर सिटीजन को थाने के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. फिलहाल यह सेवा अभी कानपुर जिले से शुरू की जा रही है.

पायलट प्रोजेक्ट के तहत नई सेवा होगी शुरू
पायलट प्रोजेक्ट के तहत नई सेवा होगी शुरू (फोटो क्रेडिट : Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 21, 2024, 1:21 PM IST

Updated : Jun 21, 2024, 1:27 PM IST

लखनऊ : किसी भी प्रकार की कोई घटना पर एफआईआर दर्ज करवाने के लिए अब आपको चौकी, थाने या फिर किसी अन्य अफसर के दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. क्योंकि शासन ने एक ऐसी व्यवस्था शुरू की है, जिसके मुताबिक बीट पुलिस ऑफिसर और डायल 112 के पुलिसकर्मी पीड़ित के घर जाकर एफआईआर दर्ज कर सकेंगे. हालांकि, यह सेवा अभी कानपुर में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की जा रही है.

यह है पुरानी व्यवस्था : उत्तर प्रदेश के किसी भी जिले, गांव, शहर में कोई घटना होने पर सबसे पहले डायल 112 के पुलिसकर्मी ही पहुंचते हैं. ये कर्मी मौके पर पहुंचकर लॉ एंड ऑर्डर कायम करते हैं, घायलों को अस्पताल पहुंचाते हैं फिर वरिष्ठ अफसरों को पूरी घटना से अवगत कराया जाता है. इसके बाद ये डायल 112 के पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद दोनों ही पक्षों को थाने ले जाते हैं या फिर आने के लिए कहते हैं और फिर अग्रिम कार्रवाई थाने द्वारा की जाती है, जिसमें एफआईआर दर्ज करना शामिल है. लेकिन अब नई सेवा के अंतर्गत कुछ बदलाव किए गए हैं, जिससे आम लोगों को काफी हद तक सहूलियतें मिलेंगी.

यह होगी नई व्यवस्था : यूपी पुलिस की इस नई योजना के तहत, डायल 112 के पुलिसकर्मी पहले की ही तरह घटना स्थल पर पहुंचेंगे और कानून व्यवस्था कायम करेंगे. इसके बाद वहां मौजूद दोनों पक्षों से बात की जाएगी और फिर लिखित बयान लिए जाएंगे. इसके बाद डायल 112 के कर्मी दोनों पक्षों या एक पक्ष से शिकायती पत्र लेकर उसे घटना स्थल से ही मोबाइल से फोटो लेकर थाना प्रभारी को भेज देगा. कुछ देर में ही थाने से ही डायल 112 के कर्मी को एक एफआईआर का फॉर्मेट भेजा जाएगा, जिसमें धाराएं भी लिखी होंगी. हालांकि यह सेवा अभी कानपुर में पायलट प्रोजेक्ट के तहत दिव्यांगों और सीनियर सिटीजन के लिए शुरू की जा रही है.

दिव्यांगों और सीनियर सिटीजन से होगी शुरुआत : कानपुर के डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि, जल्द ही यह सेवा शासनादेश के तहत कानपुर में पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू की जाएगी. इससे आम लोगों को थानों के चक्कर लगाने से निजात तो मिलेगी ही साथ ही लोगों का पुलिस के प्रति विश्वास भी बढ़ेगा. हालांकि पुलिस की यह नई योजना सिर्फ लड़ाई, चोरी, झगड़ों, सड़क दुर्घटना से संबंधित केस के लिए ही लागू होगी. धोखाधड़ी और अमानत में खयानत के मामलों में लागू नहीं होगा. वहीं, पुलिस मुख्यालय के मुताबिक, यदि कानपुर में यह सफल रहता है तो उसे अगस्त माह तक पूरे राज्य में लागू किया जाएगा.

यह भी पढ़ें : पुलिस मुठभेड़ के बाद शातिर बदमाश को किया गिरफ्तार, पैर में लगी गोली

यह भी पढ़ें : पार्लर जाने के लिए निकली युवती का होटल में मिला शव, बगल में पड़ी थी युवक की लाश - Sambhal News

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यह है पुरानी व्यवस्था : उत्तर प्रदेश के किसी भी जिले, गांव, शहर में कोई घटना होने पर सबसे पहले डायल 112 के पुलिसकर्मी ही पहुंचते हैं. ये कर्मी मौके पर पहुंचकर लॉ एंड ऑर्डर कायम करते हैं, घायलों को अस्पताल पहुंचाते हैं फिर वरिष्ठ अफसरों को पूरी घटना से अवगत कराया जाता है. इसके बाद ये डायल 112 के पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद दोनों ही पक्षों को थाने ले जाते हैं या फिर आने के लिए कहते हैं और फिर अग्रिम कार्रवाई थाने द्वारा की जाती है, जिसमें एफआईआर दर्ज करना शामिल है. लेकिन अब नई सेवा के अंतर्गत कुछ बदलाव किए गए हैं, जिससे आम लोगों को काफी हद तक सहूलियतें मिलेंगी.

यह होगी नई व्यवस्था : यूपी पुलिस की इस नई योजना के तहत, डायल 112 के पुलिसकर्मी पहले की ही तरह घटना स्थल पर पहुंचेंगे और कानून व्यवस्था कायम करेंगे. इसके बाद वहां मौजूद दोनों पक्षों से बात की जाएगी और फिर लिखित बयान लिए जाएंगे. इसके बाद डायल 112 के कर्मी दोनों पक्षों या एक पक्ष से शिकायती पत्र लेकर उसे घटना स्थल से ही मोबाइल से फोटो लेकर थाना प्रभारी को भेज देगा. कुछ देर में ही थाने से ही डायल 112 के कर्मी को एक एफआईआर का फॉर्मेट भेजा जाएगा, जिसमें धाराएं भी लिखी होंगी. हालांकि यह सेवा अभी कानपुर में पायलट प्रोजेक्ट के तहत दिव्यांगों और सीनियर सिटीजन के लिए शुरू की जा रही है.

दिव्यांगों और सीनियर सिटीजन से होगी शुरुआत : कानपुर के डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि, जल्द ही यह सेवा शासनादेश के तहत कानपुर में पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू की जाएगी. इससे आम लोगों को थानों के चक्कर लगाने से निजात तो मिलेगी ही साथ ही लोगों का पुलिस के प्रति विश्वास भी बढ़ेगा. हालांकि पुलिस की यह नई योजना सिर्फ लड़ाई, चोरी, झगड़ों, सड़क दुर्घटना से संबंधित केस के लिए ही लागू होगी. धोखाधड़ी और अमानत में खयानत के मामलों में लागू नहीं होगा. वहीं, पुलिस मुख्यालय के मुताबिक, यदि कानपुर में यह सफल रहता है तो उसे अगस्त माह तक पूरे राज्य में लागू किया जाएगा.

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Last Updated : Jun 21, 2024, 1:27 PM IST
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